हरिद्वार: काली सेना प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने जेल में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जान को खतरा बताया है. साथ ही जेल प्रशासन व जिला प्रशासन के साथ-साथ मुख्यमंत्री से जेल के अंदर जितेंद्र नारायण त्यागी की सुरक्षा की मांग की है. स्वामी आनंद स्वरूप का कहना है कि इससे पहले भी जितेंद्र नारायण त्यागी को धमकी भरे कॉल और पत्र आते रहे हैं.
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि पहले भी कुछ लोगों ने जिला कारागार में जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को मारने की साजिश बनाई थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रशासन से जितेंद्र नारायण त्यागी की सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनकी जान के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं.
जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने कहा कि जिस तरह कि सुविधाएं आम कैदियों को दी जाती हैं, वही सुविधाएं जेल मेंबर जितेंद्र नारायण त्यागी को उपलब्ध करा रहे हैं. जानकारी में यह भी आया है कि उनको कई धमकियां मिल चुकी हैं. इसको देखते हुए जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की सुरक्षा का पूरा ध्यान कारागार में रखा जा रहा है. मनोज कुमार आर्य ने साफ किया है कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को हरिद्वार जिला कारागार में किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है.
जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने जारी किया था वीडियो: बीते दिनों जेल जाने से पहले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने हरिद्वार जिला कारागार में अपनी जान को खतरा बताते हुए एक वीडियो जारी किया था. त्यागी ने कहा था कि उनकी जिंदगी में कुछ ठीक नहीं है और वो फिदायीन हमले में मारे जा सकते हैं.
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कोर्ट में किया सरेंडर: यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने हरिद्वार जिला कोर्ट में सरेंडर (Jitendra Narayan Tyagi surrendered) कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट से मिली सशर्त अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होते ही जितेंद्र नारायण त्यागी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जिसके बाद उन्हें हरिद्वार जेल भेजा गया है.
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क्या है मामला: दिसंबर 2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण (Haridwar Hate Speech Case 2021) देने के कथित मामले में 13 जनवरी 2022 को हरिद्वार ज्वालापुर निवासी नदीम अली ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. ज्वालापुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था. वहां से जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार जिला जेल भेज दिया गया था.
इसके बाद त्यागी चार महीने हरिद्वार जेल में थे. इस बीच उन्होंने खराब स्वास्थ्य को लेकर निचली अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक याचिका दायर की. लेकिन त्यागी को जमानत नहीं मिल सकी थी. फिर सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी को फिर से कोई भड़काऊ भाषण न देने की शर्त पर जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली अंतरिम जमानत के आधार पर त्यागी को हरिद्वार जेल से रिहा कर दिया गया. जितेंद्र नारायण त्यागी जेल से रिहा होते ही लखनऊ गए थे.