हरिद्वारः उत्तराखंड बनने के बाद से हरिद्वार में जमीन और फ्लैट के दामों ने आसमान छूना शुरू कर दिया था. बेशकीमती जमीन के मालिक यानी अखाड़ों ने पैसे कमाने की ललक में नियम और कानून को ताक पर रखकर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तैयार कर लीं. इन्हें ऊंचे दामों पर लोगों को बेच डाला. अब बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी का मामला सामने आया है. जिसकी जांच हरिद्वार डीएम विनय शंकर की ओर से की जा रही है.
दरअसल, हरिद्वार में अखाड़ों की जमीनों पर बने फ्लैट में बड़े पैमाने पर स्टांप चोरी का मामला पकड़ में आया था. जिस पर एडीएम वित्त की ओर से कुछ लोगों को नोटिस भी दिए गए थे. हालांकि, एक महीने का समय बीत जाने के बावजूद भी अभी तक नोटिस का कोई जवाब प्रशासन को नहीं मिला है. अब मामले में शिकायतकर्ता हाईकोर्ट की शरण लेने की बात कर रहे हैं.
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बिना रजिस्ट्री के बेच डाले फ्लैटः जिलाधिकारी विनय शंकर पांडे का कहना है कि मामले की जल्द सुनवाई होगी. अगर स्टांप चोरी पाई जाएगी तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. गौर हो कि हरिद्वार में अखाड़ों की भूमि पर फ्लैट बनाकर बिना रजिस्ट्री के बेचे गए हैं. जिसमें खरीदार और विक्रेता भारी मात्रा में स्टांप ड्यूटी चोरी कर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं.