ETV Bharat / state

अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन के खिलाफ बैठे धरने पर बैरागी अखाड़ों के साधु-संत

हरिद्वार जिला प्रशासन की अतिक्रमण के खिलाफ की गई के खिलाफ बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. साधु-संतों ने जिला प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है.

Haridwar akhara Encroachment
Haridwar akhara Encroachment
author img

By

Published : May 16, 2021, 5:43 PM IST

हरिद्वार: बैरागी कैंप में कल जिला प्रशासन की अतिक्रमण के खिलाफ की गई के खिलाफ बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. गुस्साए साधु-संतों ने जिला प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बैरागी अखाड़ों को नोटिस भी जारी किए थे. मगर उसके बावजूद भी अखाड़ों के द्वारा अतिक्रमण को हटाया नहीं गया था इसी को लेकर कल जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई.

अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन के खिलाफ बैठे धरने पर बैरागी अखाड़ों के साधु-संत.

निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास का कहना है कि प्रशासन द्वारा हमें अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था. हमारे द्वारा यहां पर अतिक्रमण किया गया, क्योंकि यह हमारी पुरानी धरोहर है. यह कुंभ मेला क्षेत्र की भूमि है. हमारे द्वारा उतना ही अतिक्रमण किया गया है, जितना शासन द्वारा हमें कुंभ मेले में पैसे दिए गए थे, जिससे भविष्य में कुंभ मेला बैरागी कैंप में लग सके.

इसी को लेकर हमारे द्वारा व्यवस्था बनाई गई थी. क्योंकि, बैरागी कैंप कुंभ मेले के लिए बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित भूमि है. यहां पर काफी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया. इसी को देखते हुए हमारे द्वारा भी अतिक्रमण किया गया. मगर यहां के अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट दे कर कल अतिक्रमण को हटाया गया.

हमारे पूर्वजों ने अपने नाम नहीं कराई जमीन- राजेंद्र दास

राजेंद्र दास का कहना है कि इसी को लेकर बैरागी के तीनों अखाड़े के साधु-संत विरोध प्रदर्शन कर रहे है. सभी अखाड़ों की अपनी अपनी संपत्ति यहां है. मगर हरिद्वार में हमारे द्वारा पूर्व में बैरागी कैंप की भूमि अपने नाम नहीं कराई गई थी. हमारे पूर्व साधु-सतों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया था. इनका आरोप है कि बैरागी कैंप में कई लोग होटलों का निर्माण करना चाहते हैं और इसमें कुछ अखाड़ों के साधु संत भी शामिल है, तभी वह हमें यहां से हटाना चाहते हैं.

पढ़ें- कोरोनाकाल में 'संकटमोचक' की भूमिका में DRDO, देखें कैसे तैयार कर रहा अत्याधुनिक अस्पताल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई- डिप्टी मेला अधिकारी

वहीं, डिप्टी मेला अधिकारी अंशुल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण की कार्रवाई की गई है. बैरागी कैंप में अभी और भी कई अवैध निर्माण हैं. साधु -संतों के साथ सामंजस्य बनाकर आगे भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी.

शनिवार को भी साधु-संतों ने किया था विरोध

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार के बैरागी कैंप किये गए अवैध निर्माण को हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को साधु-संतों के विरोध का सामना भी करना पड़ा था. आज प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. प्रशासन ने साधु-संतों की एक न सुनी और अवैध निर्माण पर जमकर जेसीबी चलाई.

हरिद्वार: बैरागी कैंप में कल जिला प्रशासन की अतिक्रमण के खिलाफ की गई के खिलाफ बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. गुस्साए साधु-संतों ने जिला प्रशासन के खिलाफ धरना शुरू कर दिया है. बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए बैरागी अखाड़ों को नोटिस भी जारी किए थे. मगर उसके बावजूद भी अखाड़ों के द्वारा अतिक्रमण को हटाया नहीं गया था इसी को लेकर कल जिला प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई.

अतिक्रमण हटाने के बाद प्रशासन के खिलाफ बैठे धरने पर बैरागी अखाड़ों के साधु-संत.

निर्मोही अखाड़े के अध्यक्ष राजेंद्र दास का कहना है कि प्रशासन द्वारा हमें अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस दिया गया था. हमारे द्वारा यहां पर अतिक्रमण किया गया, क्योंकि यह हमारी पुरानी धरोहर है. यह कुंभ मेला क्षेत्र की भूमि है. हमारे द्वारा उतना ही अतिक्रमण किया गया है, जितना शासन द्वारा हमें कुंभ मेले में पैसे दिए गए थे, जिससे भविष्य में कुंभ मेला बैरागी कैंप में लग सके.

इसी को लेकर हमारे द्वारा व्यवस्था बनाई गई थी. क्योंकि, बैरागी कैंप कुंभ मेले के लिए बैरागी अखाड़ों के लिए आरक्षित भूमि है. यहां पर काफी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया. इसी को देखते हुए हमारे द्वारा भी अतिक्रमण किया गया. मगर यहां के अधिकारियों द्वारा गलत रिपोर्ट दे कर कल अतिक्रमण को हटाया गया.

हमारे पूर्वजों ने अपने नाम नहीं कराई जमीन- राजेंद्र दास

राजेंद्र दास का कहना है कि इसी को लेकर बैरागी के तीनों अखाड़े के साधु-संत विरोध प्रदर्शन कर रहे है. सभी अखाड़ों की अपनी अपनी संपत्ति यहां है. मगर हरिद्वार में हमारे द्वारा पूर्व में बैरागी कैंप की भूमि अपने नाम नहीं कराई गई थी. हमारे पूर्व साधु-सतों ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया था. इनका आरोप है कि बैरागी कैंप में कई लोग होटलों का निर्माण करना चाहते हैं और इसमें कुछ अखाड़ों के साधु संत भी शामिल है, तभी वह हमें यहां से हटाना चाहते हैं.

पढ़ें- कोरोनाकाल में 'संकटमोचक' की भूमिका में DRDO, देखें कैसे तैयार कर रहा अत्याधुनिक अस्पताल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई- डिप्टी मेला अधिकारी

वहीं, डिप्टी मेला अधिकारी अंशुल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण की कार्रवाई की गई है. बैरागी कैंप में अभी और भी कई अवैध निर्माण हैं. साधु -संतों के साथ सामंजस्य बनाकर आगे भी इस तरह की कार्रवाई की जाएगी.

शनिवार को भी साधु-संतों ने किया था विरोध

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरिद्वार के बैरागी कैंप किये गए अवैध निर्माण को हटाने पहुंची प्रशासन की टीम को साधु-संतों के विरोध का सामना भी करना पड़ा था. आज प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. प्रशासन ने साधु-संतों की एक न सुनी और अवैध निर्माण पर जमकर जेसीबी चलाई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.