हरिद्वार: 15-16 जून की रात लद्दाख के पास गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जिनमें एक कमांडिंग अफसर भी शामिल थे. वहीं, झड़प के दौरान चीनी सेना के कमांडिंग ऑफिसर सहित करीब 40 जवान भी मारे गए हैं. हालांकि, चीन की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
एलएसी पर 20 जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में आक्रोश है. धर्मनगरी हरिद्वार के साधु-संतों ने चीन की कायराना हरकत की निंदा करते हुए बॉर्डर पर जंग में शामिल होने की बात कही. हरिद्वार के संतों ने पीएम मोदी से ईट का जवाब पत्थर से देने की मांग की है. दक्षिण काली पीठाधीश्वर और अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हुए कहा कि चीन के खिलाफ जंग में साधु-संत भी राष्ट्रहित में बॉर्डर पर जाकर जंग लड़ने को तैयार हैं.
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वहीं, अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि चीन ने हमारे 20 सैनिकों की जान ली है. ऐसे में भारत सरकार 20 हजार चीनी सैनिकों की जान लें. उन्होंने कहा कि चीन से मुकाबला करने के लिए संत समाज तन, मन और धन से सरकार के साथ खड़ा है.