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उत्तराखंड के इस युवा की अनोखी पहल, हेलमेट लगाकर दे रहा खास संदेश

रुड़की का एक युवा सिर पर हेलमेट, हाथ और गले में तख्तियां लगाकर रोजाना पैदल सड़क पर निकलता है. लोगों को यातायात नियमों के लिए जागरूक करता है.

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Published : Jan 14, 2020, 8:41 PM IST

Updated : Jan 14, 2020, 11:31 PM IST

रुड़की: मैं अकेला ही चला था जानिब -ए- मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया. जी हां...! ये दो लाइनें रुड़की के बीएससी के छात्र सौरभ पर सटीक में बैठती है. ये नौजवान पैदल ही हेलमेट लगाकर हाथ और गले में तख्ती लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगों को यातायात के प्रति जागरूक कर रहा है. सौरभ कहता है कि दोस्त की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत के बाद उसने ऐसा करने का मन बनाया है.

हेलमेट लगाकर दे रहा खास संदेश


बता दें कि रुड़की के शंकरपुरी निवासी सौरभ रुड़की के डीएवी कॉलेज से बीएससी कर रहा है. सौरभ का कहना है कि वह रोजाना न्यूज चैनल और अखबारों में खबर देखता था कि आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है. सौरभ ने बताया कि एक दिन उसने अपने प्रिय दोस्त को सड़क हादसे में खो दिया. जिसने दिल को झकझोर दिया. इस घटना के बाद सौरभ ने ठान लिया कि वह लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करेगा.

सौरभ रोजाना सुबह हेमलेट लगाकर पैदल घर से निकलता है. अपने हाथ और गले में यातायात से जुड़े स्लोगल लिखी तख्तियां लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगों को जागरूक करता है. सौरभ बताता है कि पहले तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन फिर लोगों ने उसको समझा और अब लोग उसे और उसके इस कार्य को सराहना करते हैं.

पढ़ेंः पौड़ी: आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए चलाया जाएगा जन जागरुकता अभियान

सौरभ ने बताया कि वह लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के मकसद से कार्य कर रहा है. उसने बताया कि जीवन अनमोल है, इसकी हिफाजत करें, यातायात नियमों का पालन करें, खुद भी बचें और लोगों को भी बचाएं. सौरभ ने अपने जागरुकता अभियान के लिए स्लोगन 'शोक संदेश में न बदल जाए, उससे पहले हेलमेट जरूर लगाएं' जैसी तख्तियां लेकर घूमता है.

रुड़की: मैं अकेला ही चला था जानिब -ए- मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया. जी हां...! ये दो लाइनें रुड़की के बीएससी के छात्र सौरभ पर सटीक में बैठती है. ये नौजवान पैदल ही हेलमेट लगाकर हाथ और गले में तख्ती लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगों को यातायात के प्रति जागरूक कर रहा है. सौरभ कहता है कि दोस्त की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत के बाद उसने ऐसा करने का मन बनाया है.

हेलमेट लगाकर दे रहा खास संदेश


बता दें कि रुड़की के शंकरपुरी निवासी सौरभ रुड़की के डीएवी कॉलेज से बीएससी कर रहा है. सौरभ का कहना है कि वह रोजाना न्यूज चैनल और अखबारों में खबर देखता था कि आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही है. सौरभ ने बताया कि एक दिन उसने अपने प्रिय दोस्त को सड़क हादसे में खो दिया. जिसने दिल को झकझोर दिया. इस घटना के बाद सौरभ ने ठान लिया कि वह लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करेगा.

सौरभ रोजाना सुबह हेमलेट लगाकर पैदल घर से निकलता है. अपने हाथ और गले में यातायात से जुड़े स्लोगल लिखी तख्तियां लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगों को जागरूक करता है. सौरभ बताता है कि पहले तो लोगों ने उसका मजाक उड़ाया, लेकिन फिर लोगों ने उसको समझा और अब लोग उसे और उसके इस कार्य को सराहना करते हैं.

पढ़ेंः पौड़ी: आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए चलाया जाएगा जन जागरुकता अभियान

सौरभ ने बताया कि वह लोगों को यातायात के नियमों के प्रति जागरूक करने के मकसद से कार्य कर रहा है. उसने बताया कि जीवन अनमोल है, इसकी हिफाजत करें, यातायात नियमों का पालन करें, खुद भी बचें और लोगों को भी बचाएं. सौरभ ने अपने जागरुकता अभियान के लिए स्लोगन 'शोक संदेश में न बदल जाए, उससे पहले हेलमेट जरूर लगाएं' जैसी तख्तियां लेकर घूमता है.

Intro:रुड़की

रूड़की: मैं अकेला ही चला था जानिब -ए- मंजिल मगर, लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया। जी हां ये दो लाइनें रुड़की के बीएससी के छात्र सौरभ पर सटीक में बैठती हैं। सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा का संदेश लेकर रुड़की का नौजवान सौरभ पैदल हैलमेट लगाकर हाथ और गले मे तख्ती लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगो को यातायात के प्रति जागरूक कर रहा है। इस नौजवान ने अपने प्रिय दोस्त की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद ये निर्णय लिया।

बता दें कि रुड़की के शंकरपुरी निवासी सौरभ रुड़की के डीएवी कॉलेज से बीएससी कर रहा हैं। सौरभ ने बताया कि वह रोजाना न्यूज चैनल और अखबारों में खबर देखते थे कि आए दिन कहीं न कहीं सड़क हादसों में लोगों की मौत हो रही, और एक दिन उन्होंने अपने प्रिय दोस्त की सड़क हादसे में मौत की खबर सुनी। इस घटना ने सौरभ को झकझोर कर रख दिया, तभी सौरभ ने ठान ली कि वह लोगो को यातायात नियमो के प्रति जागरूक करेगे।

Body:सौरभ रोजाना सुबह हैमलेट लगाकर पैदल घर से निकलते है, अपने हाथ और गले मे यातायात से जुड़े स्लोगल लिखी तख्तियां लटकाए रुड़की की सड़कों पर लोगो को जागरूक करते है। सौरभ बताते है कि पहले तो लोगो ने उनका मजाक उड़ाया लेकिन फिर लोगो ने उनको समझा और अब लोग उन्हें और उनके इस कार्य को सराहते है।

सौरभ ने बताया वह लोगो को यातायात के नियमो के प्रति जागरूक करने के मकसद से ये कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया जीवन अनमोल है, इसकी हिफ़ाज़त करे,यातायात नियमो का पालन करे, खुद भी बचे और लोगो को भी बचाए। उन्होंने जागरूक करने के लिए स्लोगन "शोक संदेश में न बदल जाए, उससे पहले हेलमेट जरूर लगाए, जैसी तख्तियां लेकर जागरूक करने का काम कर रहे है।

बाइट-- सौरभ (छात्र)Conclusion:
Last Updated : Jan 14, 2020, 11:31 PM IST
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