हरिद्वार: ड्रग्स फ्री देवभूमि मिशन 2025 (drugs free devbhoomi mission 2025) के तहत हरिद्वार पुलिस ने जिले भर में 500 से अधिक मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने मेडिकल स्टोरों में प्रतिबंधित नशीली दवाइयां और लाइसेंस आदि की जांच की. वहीं, अनियमितता पाए जाने पर पुलिस ने 85 मेडिकल स्टोरों पर ताले जड़ दिए. जिसमें शहरी क्षेत्र में 41 और देहात क्षेत्र के 44 मेडिकल स्टोर शामिल हैं. जिनकी रिपोर्ट बनाकर पुलिस ने कार्रवाई की संस्तुति करते हुए ड्रग विभाग को भेज दी गई है.
हरिद्वार जिले में पुलिस की छापेमारी से मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया. मेडिकल स्टोरों पर दवाइयों की आड़ में नशीले इंजेक्शन, दवा बेचने और बी फार्मा डिग्री धारकों की जगह दूसरे लोगों द्वारा मेडिकल चलाने की शिकायतें लगातार पुलिस को मिल रही थी. जिसे देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने सभी थाना-कोतवाली प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए.
एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की अलग-अलग टीमों ने बुधवार को जिले भर में मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की. पुलिस ने ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र, शहर कोतवाली, रानीपुर, सिडकुल थाना, बहादराबाद, पथरी, श्यामपुर, रुड़की, कलियर, मंगलौर, भगवानपुर, खानपुर और लक्सर सहित अन्य क्षेत्रों में संबंधित क्षेत्र के सीओ के नेतृत्व में पुलिस टीमों ने मेडिकलों पर छापा मारा.
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छापेमारी के दौरान पुलिस ने अधिकांश लाइसेंस धारकों के नाम पर दूसरे व्यक्ति द्वारा मेडिकल स्टोर संचालित करते हुए पाया. जिसके बाद पुलिस ने मेडिकल स्टोर को बंद करा दिया. सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को सख्त हिदायत दी गई कि नियमों का पालन करते हुए दवा दुकानों का संचालन करें. वहीं, नशीली दवाइयां और इंजेक्शन बेचने पर जेल भेजने की बात कही.
तो क्या सो रही थीं दवा निरीक्षक: हरिद्वार स्वास्थ्य दवा निरीक्षक की लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस ने पूरे जिले में 85 ऐसे मेडिकल स्टोरों को पकड़ा है, जो नियम कानून ताक पर रख प्रतिबंधित दवाओं की या तो बिक्री कर रहे थे या फिर मानकों के अनुरूप मेडिकल स्टोर संचालित नहीं हो रहे थे. इन सब बातों की समय-समय पर जांच करने की जिम्मेदारी जिला दवा निरीक्षक की है, लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई से जिला दवा निरीक्षक की कार्य प्रणाली पर सवालिया खड़े हो रहे हैं.