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Laksar Sugarcane Payment: किसानों को जल्द मिलेगा गन्ने का भुगतान, शुगर मिल ने जारी की 51.92 करोड़ धनराशि

हरिद्वार जिले के लक्सर के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही उनके गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा. इसके लिए लक्सर राय बहादुर नारायण सिंह शुगर मिल प्रबंधन ने 51.92 करोड़ की राशि जारी कर दी है. जिसे गन्ना समितियों को भुगतान भी कर दिया है. समिति अब सीधे किसानों के खाते में गन्ना भुगतान की राशि डालेंगे.

Farmers got payment of sugarcane
लक्सर शुगर मिल
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Published : Feb 16, 2023, 5:54 PM IST

लक्सरः उत्तराखंड के लक्सर स्थित राय बहादुर नारायण सिंह शुगर मिल प्रबंधन ने किसानों के गन्ने की फसल का 51 करोड़ 92 लाख रुपए का भुगतान राशि जारी कर दिया है. यह भुगतान राशि पेराई सत्र 16 जनवरी से 31 जनवरी तक का है. ऐसे में जल्द ही ये धनराशि किसानों के खाते में पहुंचना शुरू हो जाएगी.

बता दें कि लक्सर रायबहादुर नारायण सिंह शुगर मिल के अधीन 4 समिति आते हैं. जिसमें लक्सर गन्ना विकास समिति, ज्वालापुर गन्ना विकास समिति, लिब्बरहेडी गन्ना विकास समिति और इकबालपुर गन्ना विकास समिति शामिल हैं. लक्सर गन्ना विकास समिति को 41.05, ज्वालापुर गन्ना विकास समिति को 7.02, लिब्बरहेडी गन्ना विकास समिति को 1.58 और इकबालपुर गन्ना विकास समिति को 2.27 कुल मिलाकर 52.92 करोड़ का भुगतान समितियों को भेजा गया है.

दरअसल, इस बार शुगर मिल प्रबंधन की ओर से तय समय में किसानों को गन्ने का भुगतान किया जा रहा है. जब से पेराई सत्र शुरू हुआ है, तब से किसानों की गन्ने की फसल का भुगतान रोका नहीं जा रहा है. इससे पहले शुगर मिल की ओर से 15 जनवरी तक का भुगतान किया गया था. अब 16 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक का भुगतान जारी किया गया है.

शुगर मिल के प्रधान प्रबंधक अजय खंडेलवाल ने बताया कि शुगर मिल प्रबंधन का प्रयास है कि किसानों को तय समय पर गन्ने का भुगतान किया जाए. उन्होंने किसानों से अगेती किस्म की गन्ने की फसल की बुवाई की अपील की है. साथ ही गन्ने की फसल को लाल सड़न रोग से बचाने के लिए निरोगित गन्ने के ऊपर के एक तिहाई भाग की बुवाई करने को कहा गया है. जबकि, नीचे के भाग को शुगर मिल को देने को कहा है.
ये भी पढ़ेंः Sugarcane Farmer Problem: खटीमा में गन्ना क्रय केंद्र की अनदेखी से किसान परेशान

अजय खंडेलवाल ने गन्ने की बहार फसल के लिए खेतों में ट्राइकोडरमा का इस्तेमाल करने की अपील की. बसंत कालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 फरवरी से 30 अप्रैल तक का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. ऐसे में किसान इसे ध्यान में रखकर गन्ने की बुवाई करें.

वहीं, प्रबंधक ने किसानों से अनुरोध किया गया है कि वो लक्सर शुगर मिल में साफ सुथरा गन्ना लाएं. ताकि समय से गन्ने की पेराई की जा सके. शुगर मिल कर्मचारियों का भी समय कम लगे और चीनी की गुणवत्ता पर भी इसका असर ना पड़े. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पर्ची मिलने के बाद समय से गन्ने को शुगर मिल में पहुंचाएं ताकि, असुविधा से बचाव हो सके. वहीं, समय से भुगतान पाने पर किसानों के चेहरे पर खुशहाली नजर आई. लक्सर में करीब 50 हजार किसानों को गन्ने भुगतान का लाभ होगा.
ये भी पढ़ेंः गन्ना विभाग की सीएम धामी ने की समीक्षा बैठक, आधुनिकरण पर जोर देने को कहा

लक्सरः उत्तराखंड के लक्सर स्थित राय बहादुर नारायण सिंह शुगर मिल प्रबंधन ने किसानों के गन्ने की फसल का 51 करोड़ 92 लाख रुपए का भुगतान राशि जारी कर दिया है. यह भुगतान राशि पेराई सत्र 16 जनवरी से 31 जनवरी तक का है. ऐसे में जल्द ही ये धनराशि किसानों के खाते में पहुंचना शुरू हो जाएगी.

बता दें कि लक्सर रायबहादुर नारायण सिंह शुगर मिल के अधीन 4 समिति आते हैं. जिसमें लक्सर गन्ना विकास समिति, ज्वालापुर गन्ना विकास समिति, लिब्बरहेडी गन्ना विकास समिति और इकबालपुर गन्ना विकास समिति शामिल हैं. लक्सर गन्ना विकास समिति को 41.05, ज्वालापुर गन्ना विकास समिति को 7.02, लिब्बरहेडी गन्ना विकास समिति को 1.58 और इकबालपुर गन्ना विकास समिति को 2.27 कुल मिलाकर 52.92 करोड़ का भुगतान समितियों को भेजा गया है.

दरअसल, इस बार शुगर मिल प्रबंधन की ओर से तय समय में किसानों को गन्ने का भुगतान किया जा रहा है. जब से पेराई सत्र शुरू हुआ है, तब से किसानों की गन्ने की फसल का भुगतान रोका नहीं जा रहा है. इससे पहले शुगर मिल की ओर से 15 जनवरी तक का भुगतान किया गया था. अब 16 जनवरी से लेकर 31 जनवरी तक का भुगतान जारी किया गया है.

शुगर मिल के प्रधान प्रबंधक अजय खंडेलवाल ने बताया कि शुगर मिल प्रबंधन का प्रयास है कि किसानों को तय समय पर गन्ने का भुगतान किया जाए. उन्होंने किसानों से अगेती किस्म की गन्ने की फसल की बुवाई की अपील की है. साथ ही गन्ने की फसल को लाल सड़न रोग से बचाने के लिए निरोगित गन्ने के ऊपर के एक तिहाई भाग की बुवाई करने को कहा गया है. जबकि, नीचे के भाग को शुगर मिल को देने को कहा है.
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अजय खंडेलवाल ने गन्ने की बहार फसल के लिए खेतों में ट्राइकोडरमा का इस्तेमाल करने की अपील की. बसंत कालीन गन्ने की बुवाई के लिए 15 फरवरी से 30 अप्रैल तक का सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. ऐसे में किसान इसे ध्यान में रखकर गन्ने की बुवाई करें.

वहीं, प्रबंधक ने किसानों से अनुरोध किया गया है कि वो लक्सर शुगर मिल में साफ सुथरा गन्ना लाएं. ताकि समय से गन्ने की पेराई की जा सके. शुगर मिल कर्मचारियों का भी समय कम लगे और चीनी की गुणवत्ता पर भी इसका असर ना पड़े. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पर्ची मिलने के बाद समय से गन्ने को शुगर मिल में पहुंचाएं ताकि, असुविधा से बचाव हो सके. वहीं, समय से भुगतान पाने पर किसानों के चेहरे पर खुशहाली नजर आई. लक्सर में करीब 50 हजार किसानों को गन्ने भुगतान का लाभ होगा.
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