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पिरान कलियर दरगाह के दानपात्र में चोरी, CCTV फुटेज से बड़ा सच आया सामने

पिरान कलियर में दरगाह के दानपात्र में चोरी का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. जिसमें दरगाह के ही कर्मचारी दानपात्र से हाथ साफ करते नजर आए.

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Published : Dec 29, 2019, 11:49 PM IST

theft in piran kaliyar
पिरान कलियर के दानपात्र में चोरी

रुड़की: पिरान कलियर दरगाह में एक सनीसनीखेज मामला सामने आया है. मामला दरगाह के दानपात्रों से जुड़ा है. जहां पर दरगाह के ही कर्मचारी दानपात्र से पैसे चुराते नजर आ रहे हैं. आरोपियों की सारी करतूत दरगाह में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

पिरान कलियर दरगाह के दानपात्र में चोरी

दरअसल, पिरान कलियर में दरगाह के कर्मचारी, अकीतमदों की ओर से भेंट किए दान पर हाथ साफ करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. दरगाह शरीफ में रखा दानपात्र जब पैसों से भर जाता है तो उन्हें सील कर स्टॉक रूम या वीआईपी रूम में रख दिया जाता है. समयानुसार रुड़की तहसील प्रशासन की टीम उन गोलखों में जमा रकम की गिनती कर बैंक में जमा कर देती है.

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इसी कड़ी में शनिवार को तहसील प्रशासन की टीम गोलखों की गिनती करने पिरान कलियर पहुंची. जहां पर टीम ने वीआईपी रूम खोला तो एक गोलख से पैसे चोरी होने का शक हुआ. जिसपर टीम ने उच्चाधिकारियों को सूचित कर रूम को सील कर दिया. प्रकरण की जांच हुई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. जहां सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति गोलख से पैसे चोरी करते कैमरे में कैद हुए.

जिसके बाद टीम ने हरकत में आते हुए जांच शुरू कर दी. कैमरे की मदद से दोनों व्यक्तियों की पहचान की गई. आरोपियों में एक दरगाह का पूर्व कर्मचारी और एक मौजूदा कर्मचारी शामिल पाया गया. इसके बाद दरगाह प्रशासन ने तत्काल पुलिस को तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपी कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ेंः देहरादून: लूटकांड में फरार इनामी आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजा जेल

सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपी कर्मचारियों से पुलिस ने कुछ पैसे भी बरामद किए हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि दानपात्र को सील लगाकर रखा जाता है, ऐसे में जिस दानपात्र से चोरी हुई है वो सील लगी हुई मिली तो ऐसे में उस दानपात्र को सील किसने किया?

रुड़की: पिरान कलियर दरगाह में एक सनीसनीखेज मामला सामने आया है. मामला दरगाह के दानपात्रों से जुड़ा है. जहां पर दरगाह के ही कर्मचारी दानपात्र से पैसे चुराते नजर आ रहे हैं. आरोपियों की सारी करतूत दरगाह में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.

पिरान कलियर दरगाह के दानपात्र में चोरी

दरअसल, पिरान कलियर में दरगाह के कर्मचारी, अकीतमदों की ओर से भेंट किए दान पर हाथ साफ करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं. दरगाह शरीफ में रखा दानपात्र जब पैसों से भर जाता है तो उन्हें सील कर स्टॉक रूम या वीआईपी रूम में रख दिया जाता है. समयानुसार रुड़की तहसील प्रशासन की टीम उन गोलखों में जमा रकम की गिनती कर बैंक में जमा कर देती है.

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इसी कड़ी में शनिवार को तहसील प्रशासन की टीम गोलखों की गिनती करने पिरान कलियर पहुंची. जहां पर टीम ने वीआईपी रूम खोला तो एक गोलख से पैसे चोरी होने का शक हुआ. जिसपर टीम ने उच्चाधिकारियों को सूचित कर रूम को सील कर दिया. प्रकरण की जांच हुई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया. जहां सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति गोलख से पैसे चोरी करते कैमरे में कैद हुए.

जिसके बाद टीम ने हरकत में आते हुए जांच शुरू कर दी. कैमरे की मदद से दोनों व्यक्तियों की पहचान की गई. आरोपियों में एक दरगाह का पूर्व कर्मचारी और एक मौजूदा कर्मचारी शामिल पाया गया. इसके बाद दरगाह प्रशासन ने तत्काल पुलिस को तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपी कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

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सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपी कर्मचारियों से पुलिस ने कुछ पैसे भी बरामद किए हैं. अब सवाल ये उठ रहा है कि दानपात्र को सील लगाकर रखा जाता है, ऐसे में जिस दानपात्र से चोरी हुई है वो सील लगी हुई मिली तो ऐसे में उस दानपात्र को सील किसने किया?

Intro:रुड़की

रूड़की: मेरे जलते मकां को क्या मालूम, मेरे घर के चिराग़ ही मुज़रिम है,, कहते है अगर कुल्हाड़ी में लकड़ी का डंडा ना हो तो वह पेड़ नही काट सकती, ऐसे ही कई उदाहरण है जिनमें घर का बेदी लंका ढाय जैसी कहावतों को पिरान कलियर में सार्थक होता देखा जा सकता है। अक़ीदत का बड़ा मरकज़ दरगाह हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक में अपने गुनाहों से तौबा करने और अपनी बिगड़ियो को बनाने के लिए देश विदेश के अकीदतमंद लोग आते है। अकीदतमंद दिल खोलकर चढावा भी चढ़ाते है यही वजह हैं उत्तराखंड वक्फबोर्ड की सबसे अधिक आय वाली दरगाह पिरान कलियर कहलाती है। वहीं दरगाह का जिम्मा उत्तराखंड वक्फबोर्ड और जिलाप्रशासन संयुक्त रूप से संभालते है। बाकायदा व्यवस्थाओं के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की लम्बी चौड़ी जमात मौजूद है लेकिन बावजूद इसके अक्सर अव्यवस्थाओं की खबरें सामने आती रहती है।
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बता दे कि ताज़ा मामला दरगाह के दानपात्रों से जुड़ा है। जहाँ अकीदतमंदों की गाढ़ी कमाई पर दरगाह कर्मचारी हाथ साफ करते हुए खुद ही अपने जाल में फस गए। कहते है चोर कितना ही शातिर क्यों ना हो लेकिन कोई ना कोई सुराग छोड़ जाता है। ऐसा ही इस प्रकरण में हुआ। दरअसल दरगाह शरीफ में रखे दानपात्र जब पैसों से भर जाते है तो उन्हें सील कर या तो स्टॉक रूम में रख दिया जाता है या फिर वीआईपी रूम में। और समयनुसार रुड़की तहसील प्रशासन की टीम उन गोलखो में जमा रकम की गिनती कर बैंक में जमा करा देती है। शनिवार को तहसील प्रशासन की टीम गोलखो की गिनती करने पिरान कलियर पहुँची और जहाँ गोलखे रखी है वह वीआईपी रूम को खोला तो एक गोलख से पैसे चोरी होने का शक हुआ जिसपर टीम ने उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए रूम को सील कर दिया। प्रकरण की जांच हुई तो चौकाने वाला मामला सामने आया, सीसीटीवी फुटेज में दो व्यक्ति गोलख से पैसे चोरी करते देखे गए, जब दोनों व्यक्तियों की पहचान की गयी तो उनमें एक पूर्व दरगाह कर्मचारी और एक मौजूदा कर्मचारी की पहचान हुई। जिसके बाद दरगाह प्रशासन भी हरकत में आया और स्थानीय पुलिस को तहरीर देते हुए कार्यवाही की मांग की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दोनों आरोपी कर्मचारियों को हिरासत में ले किया, और पूछताछ शुरू की। सूत्रों से मालूम हुआ है कि दोनों आरोपी कर्मचारियों से पुलिस ने कुछ पैसे भी बरामद किए है। अब सवाल ये उठता है कि जिनपर दरगाह की सुरक्षा का जिम्मा है अगर वही शैतान बन जाए तो उम्मीद किस्से की जा सकती है। वही दानपात्र को सील लगाकर रखा जाता है, सूत्र बताते है कि जिस दानपात्र से चोरी हुई है वो सील लगी हुई मिली तो ऐसे में उस दानपात्र को सील किसने किया। इस प्रकरण की यदि गहनता से जांच हो जाए तो कई जिम्मेदारो के चेहरे से नक़ाब हट सकता है। क्योंकि दानपात्रों तक पहुँचना और दानपात्र से चोरी कर उसे दोबारा सील करना ये काम सिर्फ कर्मचारियों का नही हो सकता। अभी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और जल्द ही इस प्रकरण का खुलासा होगा।

सीसीटीवी फुटेज Conclusion:
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