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हरिद्वार कोविड-19 हॉस्पिटल: नर्सिंग स्टाफ ने सीएमओ और नोडल अधिकारी के खिलाफ खोला मोर्चा

नर्सिंग स्टाफ ने कोविड-19 हॉस्पिटल में बद-इंतजामी को लेकर जो शिकायत की है. उस पर हरिद्वार जिलाधिकारी ने जांच कराने की बात कही है.

हरिद्वार
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Published : May 31, 2020, 6:02 PM IST

हरिद्वार: जिले में कोविड-19 अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने हरिद्वार सीएमओ और अस्पताल के नोडल अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नर्सिंग स्टाफ ने मेला अस्पताल में बद-इंतजामी के साथ सीएमओ और नोडल अधिकारी पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है.

नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि कोरोना पॉजिटिव स्टाफ और मरीज के लिए अलग से क्वारंटाइन की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में भर्ती 53 कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए चाय पानी तक का इंतजाम नहीं है.

नर्सिंग स्टाफ ने खोला मोर्चा.

नर्सिंग स्टाफ के मुताबिक वे इस बारे में कई बार सीएमओ को अवगत कर चुके हैं, बावजूद उनकी जायज मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. हरिद्वार डीएम ने भी इस मामले में जांच करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया है.

पढ़ें- EXCLUSIVE: कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज सहित पूरा परिवार और दर्जनों भक्त कोरोना पॉजिटिव

नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि यदि कोई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो उसे अलग से क्वारंटाइन किया जाना चाहिए, लेकिन उसे भी अन्य कोरोना मरीजों के साथ ही क्वारंटाइन किया जा रहा है.

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि जब उन्होंने इस बारे में नोडल अधिकारी से बात कि तो उन्होंने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया. यही नहीं अस्पताल में भर्ती 53 मरीजों के लिए केवल एक ही वार्ड ब्वॉय है. मरीज दिन भर पानी मांगते रहते है मगर उन्हें पानी तक नहीं मिल पाता है.

पढ़ें- नैनीताल में मौसम ने बदली करवट, बारिश और आंधी-तूफान ने बढ़ाई लोगों की मुश्किलें

इस बारे में जब हरिद्वार डीएम से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए तीन तरह के अस्पताल बनाए गए हैं. लक्षण के अनुसार मरीज़ को भर्ती किया जा रहा है. पानी की कमी अगर है तो व्यवस्था की जाएगी. अन्य शिकायतें भी हैं तो उन की जांच की जाएगी.

हरिद्वार: जिले में कोविड-19 अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने हरिद्वार सीएमओ और अस्पताल के नोडल अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. नर्सिंग स्टाफ ने मेला अस्पताल में बद-इंतजामी के साथ सीएमओ और नोडल अधिकारी पर दुर्व्यवहार का भी आरोप लगाया है.

नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि कोरोना पॉजिटिव स्टाफ और मरीज के लिए अलग से क्वारंटाइन की कोई व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में भर्ती 53 कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए चाय पानी तक का इंतजाम नहीं है.

नर्सिंग स्टाफ ने खोला मोर्चा.

नर्सिंग स्टाफ के मुताबिक वे इस बारे में कई बार सीएमओ को अवगत कर चुके हैं, बावजूद उनकी जायज मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है. हरिद्वार डीएम ने भी इस मामले में जांच करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया है.

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नर्सिंग स्टाफ का आरोप है कि यदि कोई स्वास्थ्य कर्मी कोरोना पॉजिटिव मिलता है तो उसे अलग से क्वारंटाइन किया जाना चाहिए, लेकिन उसे भी अन्य कोरोना मरीजों के साथ ही क्वारंटाइन किया जा रहा है.

नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि जब उन्होंने इस बारे में नोडल अधिकारी से बात कि तो उन्होंने भी उनके साथ दुर्व्यवहार किया. यही नहीं अस्पताल में भर्ती 53 मरीजों के लिए केवल एक ही वार्ड ब्वॉय है. मरीज दिन भर पानी मांगते रहते है मगर उन्हें पानी तक नहीं मिल पाता है.

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इस बारे में जब हरिद्वार डीएम से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना मरीजों के लिए तीन तरह के अस्पताल बनाए गए हैं. लक्षण के अनुसार मरीज़ को भर्ती किया जा रहा है. पानी की कमी अगर है तो व्यवस्था की जाएगी. अन्य शिकायतें भी हैं तो उन की जांच की जाएगी.

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