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ज्वालापुर: डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत, अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा

ज्वालापुर के एक अस्पताल में निजी डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात शिशु की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने जमकर अस्पताल में हंगामा किया. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने भी डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही को स्वीकारा है.

Newborn death due to negligence of doctors in private hospital of Jwalapur
डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत
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Published : Sep 12, 2020, 10:26 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 10:57 PM IST

हरिद्वार: ज्वालापुर स्थित एक निजी अस्पताल वैलनेस डायग्नोस्टिक में डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिजनों ने डिलीवरी के दौरान डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने और समय पर अस्पताल द्वारा सही डॉक्टर की व्यवस्था न करने जैसे कई आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत

परिजनों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार दोपहर 2 बजे महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बावजूद शनिवार सुबह 4 बजे सर्जन को बुलाया गया. तब तक नवजात शिशु की मौत हो चुकी थी. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने भी डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही को स्वीकारा है.

पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई

बता दें कि ज्वालापुर की रहने वाली एक महिला का इलाज ज्वालापुर स्थित सरकारी अस्पताल में चल रहा था. कल महिला की हालत बिगड़ने पर सरकारी अस्पताल से महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था. इस दौरान परिजनों ने महिला को पास ही स्थित वैलनेस डायग्नोस्टिक अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में मौजूद बीएएमएस डॉक्टर द्वारा महिला का इलाज किया गया. इस दौरान डॉक्टर द्वारा परिजनों को लगातार सांत्वना दी गई कि महिला की डिलीवरी नार्मल हो जाएगी.

पढ़ें-सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया तो होगी सख्ती, IG ने दिया ये निर्देश

वहीं, करीब 14 घंटे बीत जाने के बाद अस्पताल द्वारा सर्जन को बुलाया गया. परिजनों का आरोप है कि तब तक शिशु की मौत हो चुकी थी. अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई नवजात शिशु की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें-त्रिवेणी घाट पर प्रदर्शन कर रहे संतोष त्रिवेदी, चारधाम तीर्थ पुरोहित पंचायत का मिला साथ

परिजनों ने कहा कि अस्पताल में मौजूद नर्सों द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है. डिलीवरी से पहले ही बच्चा मां के पेट मे मर गया था. अब हम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल के खिलाफ एक्शन चाहते हैं.

ये भी पढ़ें: अब खेतों में उगाई जाएंगी विलुप्त होती जड़ी-बूटियां

वहीं, अस्पताल में हुई नवजात शिशु की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही की बात स्वीकारी है. अस्पताल के मालिक नमन सिंघल का कहना है कि यह मरीज कल हमारे यहां सरकारी अस्पताल से रेफर होकर आए थे. हमारे द्वारा परिजनों को बताया गया थी कि नार्मल डिलीवरी कराई जाएगी. मगर महिला की कंडीशन खराब हुई तो सिजेरियन डिलीवरी कराई जाएगी. शिशु के परिजन बार बार नार्मल डिलीवरी कराने के लिए कह रहे थे. हमारे द्वारा इनको सही जानकारी उपलब्ध कराई गई. ऑपरेशन के लिए कहा गया. हमने तुरंत सीनियर सर्जन को बुलाकर ऑपरेशन कराया, मगर तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी.

पढ़ें-श्रीनगर: 19 सितंबर से गढ़वाल विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी की परीक्षाएं

वैलनेस डायग्नोस्टिक निजी अस्पताल में हुई नवजात शिशु की मौत अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर्स की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है. अस्पताल के मालिक भी इस मामले में लापरवाही की बात स्वीकार कर रहे हैं. ऐसे में जाहिर है कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की जान के साथ भी खिलवाड़ हो सकता है.

हरिद्वार: ज्वालापुर स्थित एक निजी अस्पताल वैलनेस डायग्नोस्टिक में डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की मृत्यु हो गई. जिसके बाद परिजनों ने डिलीवरी के दौरान डॉक्टर्स पर लापरवाही बरतने और समय पर अस्पताल द्वारा सही डॉक्टर की व्यवस्था न करने जैसे कई आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया.

डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत

परिजनों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार दोपहर 2 बजे महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बावजूद शनिवार सुबह 4 बजे सर्जन को बुलाया गया. तब तक नवजात शिशु की मौत हो चुकी थी. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने भी डिलीवरी के दौरान हुई लापरवाही को स्वीकारा है.

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बता दें कि ज्वालापुर की रहने वाली एक महिला का इलाज ज्वालापुर स्थित सरकारी अस्पताल में चल रहा था. कल महिला की हालत बिगड़ने पर सरकारी अस्पताल से महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया था. इस दौरान परिजनों ने महिला को पास ही स्थित वैलनेस डायग्नोस्टिक अस्पताल में भर्ती कराया. अस्पताल में मौजूद बीएएमएस डॉक्टर द्वारा महिला का इलाज किया गया. इस दौरान डॉक्टर द्वारा परिजनों को लगातार सांत्वना दी गई कि महिला की डिलीवरी नार्मल हो जाएगी.

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वहीं, करीब 14 घंटे बीत जाने के बाद अस्पताल द्वारा सर्जन को बुलाया गया. परिजनों का आरोप है कि तब तक शिशु की मौत हो चुकी थी. अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के कारण हुई नवजात शिशु की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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परिजनों ने कहा कि अस्पताल में मौजूद नर्सों द्वारा मरीजों का इलाज किया जाता है. अस्पताल में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही सामने आई है. डिलीवरी से पहले ही बच्चा मां के पेट मे मर गया था. अब हम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अस्पताल के खिलाफ एक्शन चाहते हैं.

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वहीं, अस्पताल में हुई नवजात शिशु की मौत के मामले में अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही की बात स्वीकारी है. अस्पताल के मालिक नमन सिंघल का कहना है कि यह मरीज कल हमारे यहां सरकारी अस्पताल से रेफर होकर आए थे. हमारे द्वारा परिजनों को बताया गया थी कि नार्मल डिलीवरी कराई जाएगी. मगर महिला की कंडीशन खराब हुई तो सिजेरियन डिलीवरी कराई जाएगी. शिशु के परिजन बार बार नार्मल डिलीवरी कराने के लिए कह रहे थे. हमारे द्वारा इनको सही जानकारी उपलब्ध कराई गई. ऑपरेशन के लिए कहा गया. हमने तुरंत सीनियर सर्जन को बुलाकर ऑपरेशन कराया, मगर तब तक नवजात की मौत हो चुकी थी.

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वैलनेस डायग्नोस्टिक निजी अस्पताल में हुई नवजात शिशु की मौत अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर्स की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा रही है. अस्पताल के मालिक भी इस मामले में लापरवाही की बात स्वीकार कर रहे हैं. ऐसे में जाहिर है कि अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों की जान के साथ भी खिलवाड़ हो सकता है.

Last Updated : Sep 12, 2020, 10:57 PM IST
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