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हरिद्वार: डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

हरिद्वार के एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया.

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हरिद्वार न्यूज
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Published : Jun 16, 2020, 10:40 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के बहादराबाद थानाक्षेत्र स्थित एक निजी हॉस्पिटल में उस समय हंगामा हो गया, जब डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा बवाल किया. परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने पूरे अस्पताल को घेर लिया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन और मरीज के परिजनों के बीच जमकर कहासुनी हुई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बाहर से आए लोगों को हिरासत में लिया और परिजनों की तहरीर पर मामले की जांच शुरू कर दी है.

बता दें, सलेमपुर निवासी विकेश अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि समय पर अस्पताल के डॉक्टर गर्भवती महिला की इलाज के लिए नहीं पहुंचे थे. अस्पताल के स्टाफ और नर्सो द्वारा गर्भवती महिला का इलाज किया गया. परिजनों द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी डॉक्टर महिला का इलाज करने अस्पताल नहीं पहुंचे. जिसके बाद नर्सो ने बिना डॉक्टर के महिला का आपरेशन कर दिया, जिस कारण नवजात शिशु की मां के पेट में मौत हो गई.

अस्पताल में जच्चा और बच्चे का इलाज करने वाली डॉक्टर संजुक्ता चटर्जी का कहना है कि जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था. नवजात शिशु और उसकी मां की जिम्मेदारी उनकी थी. अस्पताल स्टाफ उनको समय से सूचना नहीं दी था. अगर उनको समय से जानकारी मिल जाती तो शिशु को बचाया जा सकता था.

डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत.

पढ़ें- कोरोना संकट के बीच राजधानी में राजस्व कमाने का बड़ा 'खेल', घर और खेतों पर मंडरा रहा संकट

सीओ सदर पूर्णिमा गर्ग का कहना है कि नवजात शिशु के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से नवजात शिशु की मौत हो गई है. इस मामले में जांच के लिए सीएमओ हरिद्वार को रिपोर्ट भेजी गई है. सीएमओ स्तर पर मामले में जांच की जाएगी.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार के बहादराबाद थानाक्षेत्र स्थित एक निजी हॉस्पिटल में उस समय हंगामा हो गया, जब डिलीवरी के दौरान नवजात शिशु की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा बवाल किया. परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने पूरे अस्पताल को घेर लिया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन और मरीज के परिजनों के बीच जमकर कहासुनी हुई. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बाहर से आए लोगों को हिरासत में लिया और परिजनों की तहरीर पर मामले की जांच शुरू कर दी है.

बता दें, सलेमपुर निवासी विकेश अपनी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि समय पर अस्पताल के डॉक्टर गर्भवती महिला की इलाज के लिए नहीं पहुंचे थे. अस्पताल के स्टाफ और नर्सो द्वारा गर्भवती महिला का इलाज किया गया. परिजनों द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी डॉक्टर महिला का इलाज करने अस्पताल नहीं पहुंचे. जिसके बाद नर्सो ने बिना डॉक्टर के महिला का आपरेशन कर दिया, जिस कारण नवजात शिशु की मां के पेट में मौत हो गई.

अस्पताल में जच्चा और बच्चे का इलाज करने वाली डॉक्टर संजुक्ता चटर्जी का कहना है कि जो हुआ, वो नहीं होना चाहिए था. नवजात शिशु और उसकी मां की जिम्मेदारी उनकी थी. अस्पताल स्टाफ उनको समय से सूचना नहीं दी था. अगर उनको समय से जानकारी मिल जाती तो शिशु को बचाया जा सकता था.

डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत.

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सीओ सदर पूर्णिमा गर्ग का कहना है कि नवजात शिशु के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से नवजात शिशु की मौत हो गई है. इस मामले में जांच के लिए सीएमओ हरिद्वार को रिपोर्ट भेजी गई है. सीएमओ स्तर पर मामले में जांच की जाएगी.

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