देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर (uttarakhand assembly backdoor recruitment) से हुई 228 भर्तियों को भले ही स्पीकर ऋतु खंडूड़ी और सरकार ने निरस्त कर दिया है, लेकिन विपक्ष ने सरकार को घेरने का काम बंद नहीं किया है. विपक्ष की मांग है कि सरकार कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (minister Prem Chand Aggarwal) पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सरकार के बाहर का रास्त दिखाए. बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा में बैकडोर करीब 70 से ज्यादा भर्तियां कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने ही स्पीकर रहते हुए की थी.
कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल विदेश दौरे से वापस लौटे चुके हैं. ऐसे में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर मंत्री पद से इस्तीफे का नैतिक दबाव बढ़ रहा है. जांच रिपोर्ट ने तो मंत्री प्रेमचंद के इस्तीफे की मांग को बढ़ा दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो विधानसभा भर्ती का चैप्टर क्लोज होने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब भी सरकार पर आम लोगों की भर्तियों को लेकर दबाव बना हुआ है. विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा सोशल मीडिया पर आम लोग कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
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बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए 72 लोगों को भाई-भतीजावाद के तहत विधानसभा में नौकरी दी गई थी. बड़ी बात यह है कि 3 सदस्य कमेटी ने इन भर्तियों को पूरी तरह से अवैधानिक मान लिया है. साफ है कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए प्रेमचंद अग्रवाल ने अवैधानिक रूप से नियुक्तियां करवाई. लिहाजा अब उनके मंत्री पद पर नैतिक रूप से इस्तीफे की मांग भी की जा रही है और उन पर इसका भारी दबाव भी है.
वैसे सरकार पहले ही विधानसभा में भर्ती को लेकर राजनीतिक रूप से बेहद ज्यादा नुकसान झेल चुकी है और अब प्रेमचंद अग्रवाल के बहाने भाजपा पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. लिहाजा पार्टी स्तर पर भी इस पर विचार किए जाने की खबर आ रही है. हालांकि प्रेमचंद अग्रवाल जर्मनी दौरे पर थे और अब वे दिल्ली वापस आ चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही वे देहरादून पहुंचेंगे. ऐसे में नैतिकता के आधार पर उनके इस्तीफे को लेकर मांग की जा रही है.