रुड़की: शहर में गंगनगर के आधा दर्जन से अधिक घाट डेथ प्वाइंट साबित हो चुके हैं, जहां हर महीने कई लोग डूबते हैं. इन डूबते लोगों को बचाने के लिए रुड़की में एक फरिश्ता भी है, जो नहर में डूबते हुए इंसानों से लेकर जानवरों की जान निस्वार्थ भाव से बचाता है. इस शख्स का नाम है मोनू.
मोनू अभीतक सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचा चुका है. मोनू ने कई बेजुबान जानवरों को गंगनहर की तेज लहरों से निकालकर नया जीवन दिया है. बदकिस्मती से इस वाटर वॉरियर की आजतक किसी समाजसेवी संस्था या सरकारी मुलाजिमों की ओर से कोई हौसला अफ़ज़ाई नहीं की गई. हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान गंगनहर में डूबने वाले लोगों के लिए मोनू किसी फरिश्ते से कम नहीं होता है.
मोनू रुड़की में गंगनहर के समीप झुग्गी झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहता है. वहीं पर उसकी चाय की दुकान है. चाय की दुकान से उसके परिवार का भरण-पोषण होता है.
पढ़ें- गंगा शुद्धता पर लगा 'ग्रहण' जल्द होगा दूर, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत ने लिया तुरंत एक्शन
मोनू ने बताया वह पिछले सात साल से डूबते हुए लोगों को गंगनहर से बचाने का काम कर रहा है. ऐसा करने पर उसे बेहद सुकून मिलता है. सोनू को कहीं न कहीं ये मलाल भी होता है कि जहां अच्छा कार्य करने पर शासन-प्रशासन द्वारा लोगों को सम्मानित किया जाता है उसे आजतक नजरअंदाज किया गया.
स्थानीय पुलिस कभी-कभार मोनू की थोड़ी बहुत मदद जरूर करती है लेकिन इस सराहनीय कार्य पर किसी जनप्रतिनिधि या शासन के किसी अधिकारी ने उसकी हौसला अफजाई नहीं की.
हाल ही में मोनू ने नील गाय का रेस्क्यू कर गंगनगर से बाहर निकाला. मोनू ने जैसे ही देखा कि एक नील गाय गंगनहर की तेज लहरों में बहती हुई जा रही है, मोनू ने तभी उसे बचाने के लिए गंगनहर में छलांग लगा दी और गाय को बाहर निकाला. मौके पर मौजूद लोगों ने मोनू की जमकर तारीफ की. लेकिन खाली तारीफ पेट नहीं भरती है.