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लक्सर: गन्ना विकास समिति के डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त - Sugarcane Development Committee laksar news

लक्सर गन्ना विकास समिति के डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौधरी जितेंद्र नागर ने गन्ना एवं चीनी आयुक्त काशीपुर को पत्र भेजकर बताया था कि विकास कुमार की ओर से अपने पद का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

Sugarcane Development Committee laksar
लक्सर गन्ना विकास समिति.
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Published : Jan 5, 2021, 4:07 PM IST

लक्सर: चीनी मिल को बेसिक कोटे से अधिक व अपने गेट के बजाए गन्ना क्रय केंद्र पर गन्ना बेचने के आरोप में गन्ना आयुक्त ने लक्सर गन्ना विकास समिति के डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त कर दी है. इसकी शिकायत लक्सर गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौधरी जितेंद्र सिंह नागर ने गन्ना आयुक्त से की थी. बता दें कि लक्सर विकासखंड के मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव निवासी विकास कुमार पुत्र मदन लाल लक्सर गन्ना विकास समिति बोर्ड़ सदस्य हैं.

उनकी ओर से लक्सर मिल गेट पर गन्ना आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस बार हुए गन्ना समिति चुनाव में विकास कुमार को गन्ना समिति में डायरेक्टर चुना गया था. पिछले दिनों गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौधरी जितेंद्र नागर ने गन्ना एवं चीनी आयुक्त काशीपुर को पत्र भेजकर बताया था कि विकास कुमार की ओर से अपने पद का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

विकास कुमार खादर क्षेत्र में किसानों से गन्ना खरीद कर उसे तोल केंद्रों में बेच रहे हैं, जबकि विकास कुमार द्वारा उनकी पर्ची गन्ना आपूर्ति के लिए शुगर मिल गेट पर लगी हुई है. आयुक्त गन्ना एवं चीनी उद्योग ने शिकायत मिलने पर मामले में जांच बैठा दी थी. जांच में पता चला कि विकास कुमार का बेसिक कोटा तकरीबन 800 कुंतल है. पिछले पेराई सत्र में उन्होंने इतना ही गन्ना लक्सर चीनी मिल को आपूर्ति किया था, परंतु सत्र के अंत में फ्री सप्लाई होने पर उनके द्वारा इससे अलग 900 कुंतल गन्ना और मिल को सप्लाई किया गया.

यह भी पढ़ें-सरकारी भर्तियों की हकीकत, जानिए प्रदेश में क्या है भर्ती की स्थिति

जांच अधिकारी ने आरोपी डायरेक्टर से जवाब तलब किया तो उनका कहना था कि उनकी ओर से बालावाली गांव के 2 किसानों की भूमि लीज पर ली गई थी इसका गन्ना अतिरिक्त सप्लाई किया गया है, लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत लीज अनुबंध उन्हें नोटिस भेजे जाने के बाद का था, साथ ही उस पर ग्राम प्रधान की मोहर और हस्ताक्षर भी सही नहीं पाए गए. जांच अधिकारी ने उन्हें धोखाधड़ी से गन्ना सप्लाई करने का दोषी पाते हुए रिपोर्ट आयुक्त को प्रेषित की थी.

रिपोर्ट मिलने के बाद आयुक्त ललित मोहन रयाल ने आरोपी डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं. जांच में यह भी पाया कि विकास कुमार द्वारा एक ही दिन में गन्ना तोल फ्री किए जाने पर 22 पर्चियों पर 805 कुंतल गन्ना आपूर्ति किया गया है, जबकि गन्ना समिति में उनका बेसिक कोटा मात्र 800 कुंतल है.

23 मई 2020 को निर्धारित वजन 25 कुंतल के सापेक्ष लगभग 68 प्रतिशत गन्ने की तोल कराते हुए एक ही दिन में 805 कुंतल गन्ने की आपूर्ति की गई है, जांच पड़ताल में पाया था कि यह पूरी तरह से गलत है. जांच पड़ताल में पाया था कि विकास कुमार के पास अपनी स्वयं की भूमि है, लेकिन उनकी ओर से बालावाली में ठेके पर भूमि दिए जाने के लिए बात कही जा रही है.

इसलिए स्वयं की भूमि होते हुए समिति उपविधि एवं गन्ना आपूर्ति एवं संस्था नीति में वर्णित प्रावधानों विपरीत विधिक रुप से ठेके पर जमीन लिए जाने के दोषी हैं. इस बाबत विशेष सचिव गौतम सिंह नेगी ने गन्ना आयुक्त के आदेश मिलने की पुष्टि की है. इस संबंध में आरोपी डायरेक्टर से संबंध स्थापित नहीं हो सका.

लक्सर: चीनी मिल को बेसिक कोटे से अधिक व अपने गेट के बजाए गन्ना क्रय केंद्र पर गन्ना बेचने के आरोप में गन्ना आयुक्त ने लक्सर गन्ना विकास समिति के डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त कर दी है. इसकी शिकायत लक्सर गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौधरी जितेंद्र सिंह नागर ने गन्ना आयुक्त से की थी. बता दें कि लक्सर विकासखंड के मोहम्मदपुर बुजुर्ग गांव निवासी विकास कुमार पुत्र मदन लाल लक्सर गन्ना विकास समिति बोर्ड़ सदस्य हैं.

उनकी ओर से लक्सर मिल गेट पर गन्ना आपूर्ति की जाती है, लेकिन इस बार हुए गन्ना समिति चुनाव में विकास कुमार को गन्ना समिति में डायरेक्टर चुना गया था. पिछले दिनों गन्ना विकास समिति के चेयरमैन चौधरी जितेंद्र नागर ने गन्ना एवं चीनी आयुक्त काशीपुर को पत्र भेजकर बताया था कि विकास कुमार की ओर से अपने पद का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है.

विकास कुमार खादर क्षेत्र में किसानों से गन्ना खरीद कर उसे तोल केंद्रों में बेच रहे हैं, जबकि विकास कुमार द्वारा उनकी पर्ची गन्ना आपूर्ति के लिए शुगर मिल गेट पर लगी हुई है. आयुक्त गन्ना एवं चीनी उद्योग ने शिकायत मिलने पर मामले में जांच बैठा दी थी. जांच में पता चला कि विकास कुमार का बेसिक कोटा तकरीबन 800 कुंतल है. पिछले पेराई सत्र में उन्होंने इतना ही गन्ना लक्सर चीनी मिल को आपूर्ति किया था, परंतु सत्र के अंत में फ्री सप्लाई होने पर उनके द्वारा इससे अलग 900 कुंतल गन्ना और मिल को सप्लाई किया गया.

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जांच अधिकारी ने आरोपी डायरेक्टर से जवाब तलब किया तो उनका कहना था कि उनकी ओर से बालावाली गांव के 2 किसानों की भूमि लीज पर ली गई थी इसका गन्ना अतिरिक्त सप्लाई किया गया है, लेकिन उनके द्वारा प्रस्तुत लीज अनुबंध उन्हें नोटिस भेजे जाने के बाद का था, साथ ही उस पर ग्राम प्रधान की मोहर और हस्ताक्षर भी सही नहीं पाए गए. जांच अधिकारी ने उन्हें धोखाधड़ी से गन्ना सप्लाई करने का दोषी पाते हुए रिपोर्ट आयुक्त को प्रेषित की थी.

रिपोर्ट मिलने के बाद आयुक्त ललित मोहन रयाल ने आरोपी डायरेक्टर की सदस्यता समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं. जांच में यह भी पाया कि विकास कुमार द्वारा एक ही दिन में गन्ना तोल फ्री किए जाने पर 22 पर्चियों पर 805 कुंतल गन्ना आपूर्ति किया गया है, जबकि गन्ना समिति में उनका बेसिक कोटा मात्र 800 कुंतल है.

23 मई 2020 को निर्धारित वजन 25 कुंतल के सापेक्ष लगभग 68 प्रतिशत गन्ने की तोल कराते हुए एक ही दिन में 805 कुंतल गन्ने की आपूर्ति की गई है, जांच पड़ताल में पाया था कि यह पूरी तरह से गलत है. जांच पड़ताल में पाया था कि विकास कुमार के पास अपनी स्वयं की भूमि है, लेकिन उनकी ओर से बालावाली में ठेके पर भूमि दिए जाने के लिए बात कही जा रही है.

इसलिए स्वयं की भूमि होते हुए समिति उपविधि एवं गन्ना आपूर्ति एवं संस्था नीति में वर्णित प्रावधानों विपरीत विधिक रुप से ठेके पर जमीन लिए जाने के दोषी हैं. इस बाबत विशेष सचिव गौतम सिंह नेगी ने गन्ना आयुक्त के आदेश मिलने की पुष्टि की है. इस संबंध में आरोपी डायरेक्टर से संबंध स्थापित नहीं हो सका.

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