हरिद्वार/प्रयागराज: परी अखाड़े की प्रमुख त्रिकाल भवंता की शिकायत पर प्रयागराज पुलिस ने रविवार को एक युवक को मुकदमा दर्ज करने के बाद जेल भेज दिया है. त्रिकाल भवंता ने पुलिस से आरोपी के खिलाफ लिखित शिकायत की थी. शिकायत में महिला संत ने आरोप लगाया कि आरोपी विक्रम सिंह शनिवार को उनके पास आया और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडेलश्वर (Niranjani Akhara Mahamadaleshwar) को मारने की बात कही. जिसके बाद त्रिकाल भवंता ने पुलिस बुलाकर उस युवक को गिरफ्तार करा दिया.
डीसीपी यमुना नगर सौरभ दीक्षित ने बताया महिला संत त्रिकाल भवंता की शिकायत पर युवक को गिरफ्तार किया गया है और उन्हीं की तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. फिलहाल, पुलिस को आरोपी युवक विक्रम सिंह के पास से उसके दो नामों का आधार कार्ड मिला है. जिसमें एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग नाम और दो अलग-अलग जन्म तिथि अंकित है. जिस बारे में पूछताछ करने पर आरोपी युवक ने बताया कि उसने पुलिस में भर्ती होने के लिए उम्र कम करवाने के लिए दो आधार कार्ड बनवाए थे.
आरोपी युवक ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह हरिद्वार में आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि के आश्रम भी गया था. पुलिस को इस युवक के हरिद्वार में जाने का साक्ष्य भी मिल गया है. डीसीपी यमुना नगर ने बताया कि दो दिन की पूछताछ में पुलिस को ऐसा पुख्ता सबूत नहीं मिला, जिससे यह साबित किया जा सके कि आरोपी ने निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडेलश्वर की हत्या करने की साजिश रची है. पुलिस जानकारी जुटाने के लिए पकड़े गए युवक को रिमांड पर लेकर और पूछताछ करेगी.
त्रिकाल भवंता ने लगाया आरोप: खुद को परी अखाड़ा प्रमुख बताने वाली त्रिकाल भवंता (Trikal Bawanta Pari Akhada) ने पुलिस को दी गयी तहरीर में आरोप लगाया है कि विक्रम सिंह उर्फ योगेंद्र शर्मा नाम के युवक ने उनके पास आकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडेलश्वर की हत्या की साजिश का खुलासा किया है. उसने महिला संत को बताया कि आरोपी खीर में जहर मिलाकर निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी समेत कुछ संतों को मारने की योजना बना रहा है. आरोपी ने त्रिकाल भवंता को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर से परी अखाड़े को मान्यता दिलवाने का दावा किया था. इसके बदले में उसने त्रिकाल भवंता से 20 लाख रुपये की मांग भी की थी. आरोपी विक्रम ने खुद को निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर का करीबी भी बताया था. साथ ही उनके साथ अपनी तस्वीर भी दिखाई थी.
पुलिस मामले की गहनता से करेगी जांच : डीसीपी यमुना नगर सौरभ दीक्षित का कहना पकड़े गए युवक के ऊपर महिला संत (Trikal Bawanta Pari Akhada) ने गंभीर आरोप लगाया है, जिसकी जांच की जाएगी. पूरे मामले की जांच के लिए पुलिस की टीम हरिद्वार और बागपत भी जाएगी. इसके अलावा युवक को कस्टडी रिमांड में लेकर उससे और जानकारी हासिल की जाएगी. इस मामले में पुलिस का कहना है कि आरोपी युवक कई तरह के बयान दे रहा है. बातचीत और उसके मोबाइल से मिले साक्ष्य से लग रहा है कि आरोपी युवक फ्रॉड किस्म का है. उसने महिला संत से भी रकम वसूलने के इरादे से ही संपर्क किया था. यही वजह है कि पुलिस ने उसके खिलाफ 420 समेत अन्य धाराओ में केस दर्ज किया है. इसके साथ ही संतों को मारने की साजिश रचने के आरोपों की भी पुलिस जांच करने में जुटी हुई है.
बता दें, सोमवार सुबह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आरोप लगाया कुछ अराजक तत्व उनको और देश के प्रमुख संतों को खत्म कर देना चाहते हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ दिन पहले उनके हरिद्वार के चंडी घाट स्थित आश्रम में एक व्यक्ति आया था और नाम बदलकर आश्रम के रजिस्टर में बाकायदा उसने एंट्री की और उनकी रेकी की, जिसको प्रयागराज पुलिस ने पकड़ भी लिया है. पुलिस की पकड़ में आने के बाद आरोपी लगातार अपने बयान बदल रहा है. आरोपी से पुलिस को कड़ी पूछताछ करके यह पता लगाना चाहिए कि देश के संतों को बदनाम करने की कौन सी साजिशें हो रही हैं और इनके पीछे क्या मकसद है? अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी और महंत हरि गिरि ने भी प्रयागराज में हिरासत में लिए गए शख्स पर यही आरोप लगाए.
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नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये ऐंठने का आरोप: त्रिकाल भवंता के मुताबिक युवक ने आरोप लगाया है कि उससे नौकरी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपए कैलाशनंद लिए हैं, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है, जिससे वो नाराज है. आरोपी युवक से प्रयागराज में पुलिस पूछताछ कर रही है. युवक का नाम विक्रम सिंह बताया जा रहा है और वह बागपत निवासी है.