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हरिद्वार: सनातन धर्म की रक्षा के लिए शुरू हुआ मां बगलामुखी का महायज्ञ

भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और शत्रुओं के समूल नाश की कामना से मां बगलामुखी का महायज्ञ आरंभ हो गया है. इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत में सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करना है. धर्मगुरुओं का कहना है कि इस उद्देश्य से लिए मां बगलामुखी उन्हें शक्ति प्रदान करेंगी.

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बगलामुखी का महायज्ञ
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Published : Jan 25, 2020, 7:39 PM IST

हरिद्वार: भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और शत्रुओं के समूल नाश की कामना से मां बगलामुखी का महायज्ञ आरंभ हो गया है. जिसका आयोजन जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार ने किया है. जो तीन फरवरी तक चलेगा.

मां बगलामुखी का महायज्ञ.

अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंघानन्द सरस्वती ने बताते हुए कहा कि माघ माहिने के गुप्त नवरात्रे शुरू हो गए है. इसीलिए इस महायज्ञ को प्रारंभ किया गया है. इस महायज्ञ का मुख्य उदेश्य है कि जिस तरह हिंदू धर्म खतरे में है जिस तरह देश में हालात बिगड़ रहे हैं उस सब चीजों को ध्यान में रखते हुए हिंदू धर्म के अस्तित्व को सुरक्षित करने के लिए यह महायज्ञ किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: राजधानी में वन-वे ट्रैफिक को लेकर व्यापारियों ने खोला मोर्चा, दुकानें बंद कर प्रदर्शन

यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस अवसर पर कहा की मां गंगा के तट पर होने वाला यह महायज्ञ सनातन धर्म के इतिहास में अमिट छाप छोड़ेगा. जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की शरण में गया है तो मां ने धर्म की रक्षा की है. वहीं, दूसरी ओर स्वामी दर्शन भारती का कहना है कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत में सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करना है और इस उद्देश्य से लिए मां बगलामुखी उन्हें शक्ति प्रदान करेंगी.

हरिद्वार: भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और शत्रुओं के समूल नाश की कामना से मां बगलामुखी का महायज्ञ आरंभ हो गया है. जिसका आयोजन जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार ने किया है. जो तीन फरवरी तक चलेगा.

मां बगलामुखी का महायज्ञ.

अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंघानन्द सरस्वती ने बताते हुए कहा कि माघ माहिने के गुप्त नवरात्रे शुरू हो गए है. इसीलिए इस महायज्ञ को प्रारंभ किया गया है. इस महायज्ञ का मुख्य उदेश्य है कि जिस तरह हिंदू धर्म खतरे में है जिस तरह देश में हालात बिगड़ रहे हैं उस सब चीजों को ध्यान में रखते हुए हिंदू धर्म के अस्तित्व को सुरक्षित करने के लिए यह महायज्ञ किया जा रहा है.

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यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस अवसर पर कहा की मां गंगा के तट पर होने वाला यह महायज्ञ सनातन धर्म के इतिहास में अमिट छाप छोड़ेगा. जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की शरण में गया है तो मां ने धर्म की रक्षा की है. वहीं, दूसरी ओर स्वामी दर्शन भारती का कहना है कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत में सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करना है और इस उद्देश्य से लिए मां बगलामुखी उन्हें शक्ति प्रदान करेंगी.

Intro:ANCHOR:-हरिद्वार में आज भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा  और सनातन धर्म के शत्रुओं के समूल नाश की कामना से माँ बगलामुखी का महायज्ञ आरम्भ किया।इस महायज्ञ का आयोजन जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार ने  किया है।  यति नरसिंघानन्द सरस्वती  ने बताते हुए कहा कि आज से   माघ मास के गुप्त नवरात्रे शुरू हो गए है इसीलिए इस महायज्ञ  को आज से प्रारम्भ किया गया है और ये 3 फरवरी तक चलेगा  इस महायज्ञ का मुख्य उदेश्य है कि , जिस तरह आज के समय में हिन्दू धर्म खतरे में है जिस तरह देश में हालात बीगड़ रहे है उस सब चीजो को ध्यान में रखते हुए हिन्दू धर्म के अस्तित्व  को सुरक्षित करने के लिए यह महायज्ञ  किया जा रहा है।  Body:VO :-अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंहानंद सरस्वती जी ने इस अवसर पर कहा की माँ गंगा के तट पर होने वाला यह महायज्ञ सनातन धर्म के इतिहास में अमिट छाप छोड़ेगा क्योंकि जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण मे गया है तो माँ ने धर्म की रक्षा की है।आज हम भी धर्म की रक्षा के लिये माँ बगलामुखी की शरण में हैं और मुझे पूर्ण विश्वास है की माँ  धर्म की रक्षा करेंगी।वही दूसरी और स्वामी दर्शन भारती का कहना था कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत भूमि  में हो रहे इस्लामिक आक्रमण और भारत भूमि  में इस्लाम को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं उनके खिलाफ लड़ने में मां बगलामुखी हमें शक्ति प्रदान करेगी।Conclusion:बाइट :-यति नरसिंहानंद सरस्वती
 बाइट:-स्वामी दर्शन भारती 
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