हरिद्वार: भूमा निकेतन आश्रम में सनातन धर्म की रक्षा और शत्रुओं के समूल नाश की कामना से मां बगलामुखी का महायज्ञ आरंभ हो गया है. जिसका आयोजन जगदम्बा महाकाली डासना वाली के परिवार ने किया है. जो तीन फरवरी तक चलेगा.
अखिल भारतीय संत परिषद के राष्ट्रीय संयोजक यति नरसिंघानन्द सरस्वती ने बताते हुए कहा कि माघ माहिने के गुप्त नवरात्रे शुरू हो गए है. इसीलिए इस महायज्ञ को प्रारंभ किया गया है. इस महायज्ञ का मुख्य उदेश्य है कि जिस तरह हिंदू धर्म खतरे में है जिस तरह देश में हालात बिगड़ रहे हैं उस सब चीजों को ध्यान में रखते हुए हिंदू धर्म के अस्तित्व को सुरक्षित करने के लिए यह महायज्ञ किया जा रहा है.
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यति नरसिंहानंद सरस्वती ने इस अवसर पर कहा की मां गंगा के तट पर होने वाला यह महायज्ञ सनातन धर्म के इतिहास में अमिट छाप छोड़ेगा. जब भी कोई मानव धर्म की रक्षा के लिए मां बगलामुखी की शरण में गया है तो मां ने धर्म की रक्षा की है. वहीं, दूसरी ओर स्वामी दर्शन भारती का कहना है कि इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य भारत में सनातन धर्म को पुनर्स्थापित करना है और इस उद्देश्य से लिए मां बगलामुखी उन्हें शक्ति प्रदान करेंगी.