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हरिद्वार: इस गर्भवती महिला की सुनो दरकार... खाने को रोटी दे दो सरकार

लॉकडाउन के कारण 7 माह की गर्भवती आरती अपने परिवार के साथ हरिद्वार में फंसी है. तीन दिनों से महिला का पति अधिकारियों से गुहार लगा रहा है, लेकिन अभी तक उन्हें खाना नहीं मिल पाया है.

LOCKDOWN UTTARAKHAND
इस गर्भवती महिला की सुनो दरकार
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Published : May 10, 2020, 8:02 PM IST

Updated : May 10, 2020, 9:49 PM IST

हरिद्वार: लॉकडाउन के चलते 7 माह की गर्भवती महिला अपने परिवार के साथ दर-दर भटकने को मजबूर है. हरिद्वार में फंसी आरती और उसके परिवार के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. बीते 3 दिन से महिला का पति अधिकारियों से गुहार लगा चुका है. लेकिन कुछ हाथ नहीं आया.

लॉकडाउन के बीच गर्भवती आरती अपने पति सतवीर और परिवार के 11 सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी स्थित अपने घर जाना चाहती थी. लेकिन प्रशासन की बेरूखी के कारण इन्हें हरिद्वार में रुकना पड़ा. लखीमपुरखीरी की आरती अपने पति सतवीर के साथ हरिद्वार में मजदूरी कर परिवार का पेट पालती थी.

लॉकडाउन में जब घर में रखे पैसे खत्म हो गए तो सतवीर और आरती ने लखीमपुरखीरी घर जाने का फैसला किया. 7 माह की गर्भवती आरती अपने 4 साल के बच्चे और पति के संग पैदल ही लखीमपुरखीरी चल पड़ी.

इस गर्भवती महिला की सुनो सरकार.

ये भी पढ़ें: ये कश्मीर नहीं मुनस्यारी है...स्वागत को तैयार है उत्तराखंड का पहला ट्यूलिप गार्डन

आरती और सतवीर हरिद्वार से 35 किलोमीटर दूरी का सफर तय कर लक्सर पहुंचे. जहां स्थानीय प्रशासन ने रोक दिया और वापस हरिद्वार भेज दिया. इस दौरान दोनों ने अधिकारियों से अपनी स्थिति साझा की, लेकिन नतीजा सिफर रहा. हरिद्वार वापस आने पर सतवीर और आरती अपने परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. अब आरती और सतवीर यूपी-उत्तराखंड सरकार से वापस घर भेजने की गुहार लगा रहे हैं.

आरती और सतवीर की स्थिति देख स्थानीय स्वंयसेवी संस्था ने दोनों की मदद को आगे आए और टाउन हॉल कैंपस के पास दोनों के ठहरने की व्यवस्था की. फिलहाल आरती और सतवीर स्वंयसेवी संस्था द्वारा उपलब्ध हो रहे खाने की आस में एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे हैं.

हरिद्वार: लॉकडाउन के चलते 7 माह की गर्भवती महिला अपने परिवार के साथ दर-दर भटकने को मजबूर है. हरिद्वार में फंसी आरती और उसके परिवार के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है. बीते 3 दिन से महिला का पति अधिकारियों से गुहार लगा चुका है. लेकिन कुछ हाथ नहीं आया.

लॉकडाउन के बीच गर्भवती आरती अपने पति सतवीर और परिवार के 11 सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखीरी स्थित अपने घर जाना चाहती थी. लेकिन प्रशासन की बेरूखी के कारण इन्हें हरिद्वार में रुकना पड़ा. लखीमपुरखीरी की आरती अपने पति सतवीर के साथ हरिद्वार में मजदूरी कर परिवार का पेट पालती थी.

लॉकडाउन में जब घर में रखे पैसे खत्म हो गए तो सतवीर और आरती ने लखीमपुरखीरी घर जाने का फैसला किया. 7 माह की गर्भवती आरती अपने 4 साल के बच्चे और पति के संग पैदल ही लखीमपुरखीरी चल पड़ी.

इस गर्भवती महिला की सुनो सरकार.

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आरती और सतवीर हरिद्वार से 35 किलोमीटर दूरी का सफर तय कर लक्सर पहुंचे. जहां स्थानीय प्रशासन ने रोक दिया और वापस हरिद्वार भेज दिया. इस दौरान दोनों ने अधिकारियों से अपनी स्थिति साझा की, लेकिन नतीजा सिफर रहा. हरिद्वार वापस आने पर सतवीर और आरती अपने परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. अब आरती और सतवीर यूपी-उत्तराखंड सरकार से वापस घर भेजने की गुहार लगा रहे हैं.

आरती और सतवीर की स्थिति देख स्थानीय स्वंयसेवी संस्था ने दोनों की मदद को आगे आए और टाउन हॉल कैंपस के पास दोनों के ठहरने की व्यवस्था की. फिलहाल आरती और सतवीर स्वंयसेवी संस्था द्वारा उपलब्ध हो रहे खाने की आस में एक-दूसरे को ढांढस बंधा रहे हैं.

Last Updated : May 10, 2020, 9:49 PM IST
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