लक्सर: भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने लक्सर में महा ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया. इस दौरान किसानों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को ज्ञापन सौंपा. साथ ही हरिद्वार सांसद ने लोगों को आश्वासन दिया की उनकी मांगों को जल्द पूरा किया जाएगा.
भारी बारिश से लक्सर में आई बाढ़ से किसानों की फसल बर्बाद होने के बाद किसान संगठन लगातार सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसी संबंध में भारतीय किसान यूनियन ने लक्सर में किसान महा ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार से फसलों के उचित मुआवजे की मांग की है. इस दौरान किसानों ने हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को तीन सूत्री मांग पत्र देकर कहा कि राज्य सरकार को किसानों को बीघा के हिसाब से मुआवजा देना चाहिए. साथ ही किसानों के एक साल के बिजली बिल व केसीसी ऋण माफ करने की भी मांग की है.
वहीं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र की मोदी तथा राज्य की धामी सरकार किसनों, गरीबों, मजदूरों एवं आम आदमी की सरकार है. मोदी सरकार ने नौ सालों मे किसानों के हित में जो योजनाएं शुरू की हैं, वह पिछले 50 वर्षों में नहीं हो सकी हैं. कहा कि सूबे की धामी सरकार संवेदनशील सरकार है. आपदा के समय में पूरी तरह पीड़ितों के साथ खड़ी है.उन्होंने कहा कि आपदा के कारण लक्सर तहसील क्षेत्र में लोगों को भारी नुकसान हुआ है. लोगों के घरों का सामान खराब हो गया है, किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. राज्य की धामी सरकार किसानों के साथ खड़ी है.मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हालात का जायजा ले चुके हैं.
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उनके अलावा गन्ना मंत्री, सिंचाई मंत्री एवं कृषि मंत्री बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. प्रभावितों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जा रही है. क्षेत्र को आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जा चुका है. सांसद ने कहा कि आपदा के कारण टूटे तटबंधों, सड़कों की मरम्मत एवं आपदा प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 करोड़ रुपए की धनराशि जिलाधिकारी हरिद्वार को उपलब्ध कराई जा चुकी है. शीघ्र ही केंद्र सरकार की ओर से एक सर्वे दल आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा.इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से भी आपदा पीड़ितों को सहायता मुहैया कराई जाएगी. भारतीय किसान यूनियन (भानु) के नेता नितिन चौधरी ने बताया कि बाढ़ के कारण किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है.
एक बीघा गन्ना बुवाई में लगभग 10 हजार रुपए की लागत आई है, हमारी सरकार से मांग है कि सरकार कम से कम फसल बुआई में हुआ खर्च मुआवजे के तौर पर दें. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जो तीन माह के कर्ज छूट की बात कही है. वहीं किसान के पास जब पूरी फसल बर्बाद हो गई है तो तीन माह के अंदर पैसा कहां से आएगा. हमारी सरकार से मांग है कि एक साल का केसीसी कर्ज माफ किया जाए. इस दौरान पूर्व खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, पूर्व दर्जा धारी श्यामवीर सैनी, चौधरी शेर सिंह, जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, रुड़की जिलाध्यक्ष शोभाराम मौजूद थे.