हरिद्वार: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बैसाखी पर्व, महावीर जयंती और आंबेडकर जंयती पर हरिद्वार पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वीआईपी घाट पर गंगा में स्नान किया. साथ ही पत्रकारों के सामने कई अहम मुद्दों पर उन्होंने अपनी बात रखी. वहीं, सीएम धामी के उप चुनाव लड़ने पर कहा कि उनके खिलाफ कांग्रेस दमदार प्रत्याशी उतारेंगे.
कांग्रेस में उथल पुथल: हरीश रावत विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस में हो रही उथल-पुथल पर कहा थोड़ा विचार, थोड़ा मंथन है. क्योंकि जब अनएक्सपेक्टेड तरीके से लोग समझ रहे थे कि हम जीत रहे और कांग्रेस सत्ता में आ रही है. वैसा नहीं हुआ तो फिर एक मानसिक हलचल तो होती ही है. लोगों को धक्का लगता है. कुछ लोग हैं, जो भावनाओं को कंट्रोल कर पाते हैं और कुछ लोग भावना कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, लेकिन अंततोगत्वा सब ठीक होता है.
नए पदाधिकारियों पर नो कमेंट्स: प्रदेश कांग्रेस में नए पदाधिकारियों को बनाए जाने पर उन्होंने कहा इस मामले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, यह पार्टी का निर्णय है. हरीश धामी की टिप्पणी और पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ने की बात पर उन्होंने कहा जब किसी समय कोई अप्रत्याशित चीज होती है तो भावनाएं उद्वेलित होती हैं और भावनाओं के बाद जो बातें आती हैं, वह ठंडे धरातल पर होंगी तब देखेंगे.
विधायकों की पार्टी छोड़ने की अटकलें: कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने की अटकलों पर हरीश रावत ने कहा ऐसा कुछ नहीं है. मुझे जानकारी में नहीं है कि बैठक है या नहीं, लेकिन अगर दो चार लोग मिलते हैं तो इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन मेरे हिसाब से ऐसा कुछ नहीं है. वहीं, उन्होंने दिल्ली जाने की बात पर कहा किमन में बहुत सी बातें आती है. क्योंकि दिल्ली में भी अभी ट्रेड यूनियन में हमारा जो पक्ष है, कांग्रेस का बहुत कमजोर है. वहां भी थोड़ा सा कुछ लोगों को जुटने की आवश्यकता है.
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धामी के चुनाव लड़ने पर प्रतिक्रिया: उत्तराखंड में 10 विधायकों के पार्टी छोड़ने के सवाल पर हरीश रावत ने कहा कि अप्रत्याशित हार से पार्टी में थोड़ी चर्चाएं होती रहती है, लेकिन इससे कांग्रेस के शुभचिंतकों को कोई लाभ नहीं होगा. उत्तराखंड में सीएम धामी के उपचुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा उत्तराखंड में भाजपा गलत परंपराएं नहीं लाएगी. धामी अपनी ही पार्टी के विधायक से इस्तीफा दिलवाकर उसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. कांग्रेस धामी के खिलाफ चुनावी मैदान में एक मजबूत प्रत्याशी को उतारेगी.
दिल्ली चुनावी की तैयारी: हरीश रावत ने कहा दिल्ली के भी चुनाव आ रहे हैं, प्रवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है. इस चुनाव में हमने महसूस किया है कि वह या तो आप की तरफ झुके हुए हैं या भाजपा की तरफ से खड़े हैं. हम अपने 10 से 12 लाख लोगों को, जिनमे अपने घरों और जमीन से आज भी जुड़ाव है, उनको दूसरों के लिए नहीं छोड़ सकते, लेकिन अब अपने शरीर की हिम्मत पर भी है. दोनों को देखते हैं क्या होता है.
हरीश रावत बोले राहुल ही होंगे अध्यक्ष: हरीश रावत ने कहा समयानुसार सभी पार्टियों में बदलाव आते हैं. जो जरूरी होगा, वह बदलाव हम लाएंगे. राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे. वो कांग्रेस के नेता हैं, देश के नेता हैं. इसमे भी कहीं कोई दो राय नहीं है, बल्कि हम तो चाहते थे कि वर्किंग कमेटी का प्रस्ताव था. सर्वसम्मति स्टैंडिंग कमेटी का जिसमें राज्यों के सब नेतागण भी सम्मिलित थे. सब ने एक राय से राहुल से आग्रह किया था कि आप संभालिए बागडोर, फिर उसके बाद सबसीक्वेंटली वर्किंग कमेटी में भी यह बात आई थी. एक दिन हम लोगों को सोनिया गांधी से बात करने के लिए बुलाया था, उसमें गुलाम नबी, हुड्डा भी सम्मिलित थे. उस को ब्रीफ करने के लिए मैं और पृथ्वीराज चौहान गए थे, उसमें चौहान ने कहा कि सर्वसम्मत की राय थी कि राहुल गांधी बागडोर संभाले.
मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अखंड भारत को बयान दिया था, जिस पर हरीश रावत ने कहा अखंड रावत भारत की सोच किस रूप में उसको जोड़ना चाहते हैं, यह तो मोहन भागवत ही बता सकेंगे. हम तो उनका बड़ा आदर करते हैं. वह बताएं क्योंकि अखंड भारत में यदि श्रीलंका, नेपाल, वर्मा, बांग्लादेश और पाकिस्तान शामिल है तो बताएं कि किस तरीके से वे इसमें सम्मिलित होंगे.