ETV Bharat / state

कोरोना से 'जंग': भूखों को खिलाकर मानवता की मिसाल पेश कर रही 'दीदी'

कोरोना से जंग लड़ने जहां देश में सरकार, डॉक्टर्स, प्रशासन, पुलिस और सफाईकर्मी जहां अपनी अहम भूमिका निभआ रहे हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संकट की इस घड़ी लोगों को मानवता का धर्म सिखा रहे हैं. आज हम आपको हरिद्वार की वंदना गुप्ता के बारे में बताएंगे जो इस महामारी में कोरोना वॉरियर्स बन एक मिसाल पेश कर रही है.

haridwar
वंदना गुप्ता बनी मिसाल
author img

By

Published : Apr 6, 2020, 3:20 PM IST

Updated : Apr 6, 2020, 6:46 PM IST

देहरादून/हरिद्वार: कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन की वजह से गरीब मजदूरों केस सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, हरिद्वार में कई तीर्थयात्री और गरीब मजदूर लोगों के लिए एक महिला मसीहा बन गई है. ईटीवी भारत उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ किरण कांत शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर इन गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की अपील की गई थी. इस अपील पर हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने एक मुहिम की शुरुआत की. हरिद्वार में कोई भी इंसान भूखा ना सोए इस मुहिम का असर अब हरिद्वार में देखने को मिल रहा है. आज हरिद्वार में कई लोग इन गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे है. हरिद्वार में अब कोई भी भूखा नहीं सो रहा है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. इसी को सार्थक किया है हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने लॉकडाउन होने के बाद हरिद्वार में गरीब लोगों पर भोजन का संकट मंडराने लगा था. मगर वंदना गुप्ता ने लोगों के लिए ना सिर्फ भोजन की व्यवस्था की, बल्कि इस महिला को देखकर कई और लोग भी आगे आए. आज इन गरीब लोगों के लिए कई लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. इस मुहिम को शुरू करने वाली वंदना गुप्ता का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया पर ईटीवी भारत में कार्य करने वाले किरण कांत शर्मा की फेसबुक पर पोस्ट देखी. उनके द्वारा किसी गरीब को भोजन कराया गया.

तब वंदना ने सोचा कि जब एक पत्रकार यह कर सकता है तो एक आम महिला क्यों नहीं कर सकती. वंदना गुप्ता कहती है कि पहले मुझे थोड़ा डर भी लगा कि मेरे दो बच्चे हैं. यह वायरस काफी खतरनाक है. मगर मैंने घर में भोजन बनाया और फिर लोगों मे उसे बांटना शुरू किया. जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा कई मजदूर लोग भोजन के लिए परेशान थे. हरिद्वार में कोई भी उनको भोजन नहीं करवा रहा था. प्रशासन द्वारा कहा गया था किसी को भी परेशानी नहीं होगी. उनको भोजन दिया जाएगा मगर प्रशासन भी एकदम से कोई कार्य नहीं कर सकता. इसी को देखते हुए मैंने शुरुआत की और आज भी लोगों को भोजन दे रही हूं. मेरे द्वारा की गई शुरुआत के बाद आज हरिद्वार शहर में कई लोग भोजन बांट रहे हैं.

वंदना गुप्ता बनी मिसाल

वंदना गुप्ता का कहना है कि मेरे द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया में पोस्ट की गई थी की मेरे शहर हरिद्वार में कोई भी भूखा ना सोए. जिसका असर देखने को मिल रहा है. लोगों के लिए भोजन बनाने के लिए मेरे दो बच्चे भी मेरा सपोर्ट करते हैं. मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं रोज इन गरीब लोगों को भोजन करा पाऊंगी. क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है. मेरे पति की मौत हो चुकी है. मगर फिर भी मैंने इस मुहिम की शुरुआत की अब मेरे साथ कई लोग जुड़ गए हैं जो इस कार्य में मेरा साथ दे रहे हैं. इनका कहना है कि अब लोग मेरा इंतजार करते हैं दीदी आएगी और हमें भोजन करवाएगी.

ये भी पढ़े: हारेगा कोरोना: घरों में मास्क तैयार कर रही हैं महिलाएं, लोगों को बांटे जा रहे निशुल्क

लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में इनकी बेटी संस्कृति गुप्ता भी पूरी लगन से कार्य करती है और अपनी मां के साथ भोजन बनाने में मदद करती है. संस्कृति गुप्ता का कहना है कि मैं अपनी मां के साथ लोगों के लिए भोजन बनवाती हूं. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से कई गरीब मजदूर मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं. इसको देखते हुए हम खाना बनाकर उनको देने जाते हैं. इस कार्य को करके हमें काफी अच्छा लगता है कि हम किसी का पेट भर रहे हैं. इस काम को करने में मेरा भाई भी पूरा साथ देता है.

वहीं वंदना के इस मुहिम के साथ जुड़े पवन गुप्ता का कहना है कि जैसे लॉकडाउन लगाया गया. तब से ही इन्होंने लोगों की मदद करना शुरू कर दिया था. इनको देखकर हरिद्वार के बहुत से लोग आगे आए. हमको भी इनसे प्रेरणा मिली हम भी इनके साथ यह कार्य कर रहे हैं. वंदना गुप्ता हरिद्वार की पहली महिला है जो यह कार्य कर रही है. इन्होंने अपनी चिंता नहीं की और लोगों की मदद के लिए आगे आई. इनके द्वारा एक मुहिम चलाई गई कि मेरे हरिद्वार में कोई भी भूखा ना सोए और आज इसका असर भी दिख रहा है.

ये भी पढ़े: फूल उगाने वाले किसानों के चेहरे मुरझाये, लॉकडाउन से टूटी काश्तकारों की कमर

जब यह वंदना इनके पास भोजन लेकर जाती है तो ये गरीब लोग काफी भावुक हो जाते हैं. इन गरीब लोगों का कहना है कि लॉकडाउन होने की वजह से हमें काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि तमाम मार्केट बंद है यात्री भी हरिद्वार में नहीं आ रहे हैं. हम दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं. इस वजह से हमारे पास पैसे भी नहीं है. इनके द्वारा हमें भोजन नहीं करवाया जाता तो हमें भूखे मर जाते. हम इंतजार करते है कि हमारी बहन आएगी और हमें भोजन कराएगी. हम उनको दुआएं देते हैं इनको सब कुछ नसीब हो.

एक महिला होकर जिस तरह से वंदना गुप्ता ने इस मुहिम की शुरुआत कि वह वाकई ही काबिले तारीफ है. क्योंकि इस विपदा की घड़ी में इन लोगों को आज वंदना गुप्ता जैसे लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है, जो उनको भोजन करा सके. ईटीवी भारत भी सलाम करता है इस महिला को क्योंकि अपनी आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद हरिद्वार में गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही है और इस कार्य को निरंतर जारी रखे हुए हैं. इनके इसी प्रयास की वजह से हरिद्वार में कोई भी भूखे सोने को मजबूर नहीं है.

देहरादून/हरिद्वार: कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन की वजह से गरीब मजदूरों केस सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. वहीं, हरिद्वार में कई तीर्थयात्री और गरीब मजदूर लोगों के लिए एक महिला मसीहा बन गई है. ईटीवी भारत उत्तराखंड के ब्यूरो चीफ किरण कांत शर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर इन गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने की अपील की गई थी. इस अपील पर हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने एक मुहिम की शुरुआत की. हरिद्वार में कोई भी इंसान भूखा ना सोए इस मुहिम का असर अब हरिद्वार में देखने को मिल रहा है. आज हरिद्वार में कई लोग इन गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे है. हरिद्वार में अब कोई भी भूखा नहीं सो रहा है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...

कुछ करने की लगन हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता. इसी को सार्थक किया है हरिद्वार की रहने वाली वंदना गुप्ता ने लॉकडाउन होने के बाद हरिद्वार में गरीब लोगों पर भोजन का संकट मंडराने लगा था. मगर वंदना गुप्ता ने लोगों के लिए ना सिर्फ भोजन की व्यवस्था की, बल्कि इस महिला को देखकर कई और लोग भी आगे आए. आज इन गरीब लोगों के लिए कई लोग भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. इस मुहिम को शुरू करने वाली वंदना गुप्ता का कहना है कि मैंने सोशल मीडिया पर ईटीवी भारत में कार्य करने वाले किरण कांत शर्मा की फेसबुक पर पोस्ट देखी. उनके द्वारा किसी गरीब को भोजन कराया गया.

तब वंदना ने सोचा कि जब एक पत्रकार यह कर सकता है तो एक आम महिला क्यों नहीं कर सकती. वंदना गुप्ता कहती है कि पहले मुझे थोड़ा डर भी लगा कि मेरे दो बच्चे हैं. यह वायरस काफी खतरनाक है. मगर मैंने घर में भोजन बनाया और फिर लोगों मे उसे बांटना शुरू किया. जब मैं बाहर गई तो मैंने देखा कई मजदूर लोग भोजन के लिए परेशान थे. हरिद्वार में कोई भी उनको भोजन नहीं करवा रहा था. प्रशासन द्वारा कहा गया था किसी को भी परेशानी नहीं होगी. उनको भोजन दिया जाएगा मगर प्रशासन भी एकदम से कोई कार्य नहीं कर सकता. इसी को देखते हुए मैंने शुरुआत की और आज भी लोगों को भोजन दे रही हूं. मेरे द्वारा की गई शुरुआत के बाद आज हरिद्वार शहर में कई लोग भोजन बांट रहे हैं.

वंदना गुप्ता बनी मिसाल

वंदना गुप्ता का कहना है कि मेरे द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया में पोस्ट की गई थी की मेरे शहर हरिद्वार में कोई भी भूखा ना सोए. जिसका असर देखने को मिल रहा है. लोगों के लिए भोजन बनाने के लिए मेरे दो बच्चे भी मेरा सपोर्ट करते हैं. मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं रोज इन गरीब लोगों को भोजन करा पाऊंगी. क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है. मेरे पति की मौत हो चुकी है. मगर फिर भी मैंने इस मुहिम की शुरुआत की अब मेरे साथ कई लोग जुड़ गए हैं जो इस कार्य में मेरा साथ दे रहे हैं. इनका कहना है कि अब लोग मेरा इंतजार करते हैं दीदी आएगी और हमें भोजन करवाएगी.

ये भी पढ़े: हारेगा कोरोना: घरों में मास्क तैयार कर रही हैं महिलाएं, लोगों को बांटे जा रहे निशुल्क

लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में इनकी बेटी संस्कृति गुप्ता भी पूरी लगन से कार्य करती है और अपनी मां के साथ भोजन बनाने में मदद करती है. संस्कृति गुप्ता का कहना है कि मैं अपनी मां के साथ लोगों के लिए भोजन बनवाती हूं. क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से कई गरीब मजदूर मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं. इसको देखते हुए हम खाना बनाकर उनको देने जाते हैं. इस कार्य को करके हमें काफी अच्छा लगता है कि हम किसी का पेट भर रहे हैं. इस काम को करने में मेरा भाई भी पूरा साथ देता है.

वहीं वंदना के इस मुहिम के साथ जुड़े पवन गुप्ता का कहना है कि जैसे लॉकडाउन लगाया गया. तब से ही इन्होंने लोगों की मदद करना शुरू कर दिया था. इनको देखकर हरिद्वार के बहुत से लोग आगे आए. हमको भी इनसे प्रेरणा मिली हम भी इनके साथ यह कार्य कर रहे हैं. वंदना गुप्ता हरिद्वार की पहली महिला है जो यह कार्य कर रही है. इन्होंने अपनी चिंता नहीं की और लोगों की मदद के लिए आगे आई. इनके द्वारा एक मुहिम चलाई गई कि मेरे हरिद्वार में कोई भी भूखा ना सोए और आज इसका असर भी दिख रहा है.

ये भी पढ़े: फूल उगाने वाले किसानों के चेहरे मुरझाये, लॉकडाउन से टूटी काश्तकारों की कमर

जब यह वंदना इनके पास भोजन लेकर जाती है तो ये गरीब लोग काफी भावुक हो जाते हैं. इन गरीब लोगों का कहना है कि लॉकडाउन होने की वजह से हमें काफी परेशानी हो रही है. क्योंकि तमाम मार्केट बंद है यात्री भी हरिद्वार में नहीं आ रहे हैं. हम दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग हैं. इस वजह से हमारे पास पैसे भी नहीं है. इनके द्वारा हमें भोजन नहीं करवाया जाता तो हमें भूखे मर जाते. हम इंतजार करते है कि हमारी बहन आएगी और हमें भोजन कराएगी. हम उनको दुआएं देते हैं इनको सब कुछ नसीब हो.

एक महिला होकर जिस तरह से वंदना गुप्ता ने इस मुहिम की शुरुआत कि वह वाकई ही काबिले तारीफ है. क्योंकि इस विपदा की घड़ी में इन लोगों को आज वंदना गुप्ता जैसे लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है, जो उनको भोजन करा सके. ईटीवी भारत भी सलाम करता है इस महिला को क्योंकि अपनी आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के बावजूद हरिद्वार में गरीब लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रही है और इस कार्य को निरंतर जारी रखे हुए हैं. इनके इसी प्रयास की वजह से हरिद्वार में कोई भी भूखे सोने को मजबूर नहीं है.

Last Updated : Apr 6, 2020, 6:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.