ETV Bharat / state

हरिद्वार: माघ पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, जानिए पूजा विधि और मान्यता

धर्मनगरी हरिद्वार में माघ पूर्णिमा का स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से ही गंगा घाटों पर आना शुरू हो गया. जिला प्रशासन और मेला पुलिस द्वारा माघ पूर्णिमा स्नान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

haridwar latest news
माघ पूर्णिमा
author img

By

Published : Feb 16, 2022, 7:36 AM IST

Updated : Feb 16, 2022, 8:58 AM IST

हरिद्वार: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को पुण्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में माघ स्नान की बड़ी महिमा बताई गई है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं. माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करते हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालु का भीड़ उमड़ी

माघ स्नान का महत्व: तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने कहा कि शास्त्रों में माघ महीना भगवान विष्णु का माह माना जाता है और इस माह को मासों का राजा भी कहा जाता है. इस अवसर पर गंगा स्नान करने को पुण्यकारक माना जाता है. माघ स्नान पर विष्णु के मन्त्र का जाप भी करना पुण्य होता है. माना जाता है कि आज के दिन देव गंगा स्नान कर अपने लोक में प्रवास करते हैं. इसलिए आज का स्नान देवों के साथ स्नान करने जैसा है. गंगा के तट पर इन मंत्रों के जाप का फल पूरे साल मिलता है.

माघ पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

दान करने का महत्व: माघ मास की पूर्णिमा की तिथि पर संत रविदास का जन्म हुआ था. इस कारण माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में देवता मनुष्य का रूप धारण करके धरती पर रहते हैं और वे भी धार्मिक स्थानों में दान और स्नान करते हैं. पूर्णिमा के दिन देवता आखिरी बार स्नान-दान के बाद देवलोक लौट जाते हैं. इस कारण इस पूरे माघ महीने में ही दान, स्नान, भजन, कीर्तन और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व बताया गया है.

haridwar latest news
हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़.

पढ़ें-जानिए कुंभ मेले का धर्म और इतिहास, इसके बदले स्वरूप को लेकर क्या कहते हैं इतिहासकार

हरिद्वार में उमड़े श्रद्धालु: धर्मनगरी हरिद्वार में माघ पूर्णिमा का स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से ही गंगा घाटों पर आना शुरू हो गया. जिला प्रशासन और मेला पुलिस द्वारा माघ पूर्णिमा स्नान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि: माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा नदी या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करना चाहिए. इसके बाद ठाकुर, नारायण जी की पूजा करना चाहिए. भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल-फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करना चाहिए. साथ ही दान पुण्य करना चाहिए. मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से कल्पवास के बराबर पुण्य मिलता है. माघ पूर्णिमा का स्नान बेहद फलदाई माना जाता है.

हरिद्वार: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन गंगा में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को पुण्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में माघ स्नान की बड़ी महिमा बताई गई है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सारे पाप मिट जाते हैं. माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगा नदी में स्नान करते हैं. वहीं धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए सुबह से ही श्रद्धालु का भीड़ उमड़ी

माघ स्नान का महत्व: तीर्थ पुरोहित उज्जवल पंडित ने कहा कि शास्त्रों में माघ महीना भगवान विष्णु का माह माना जाता है और इस माह को मासों का राजा भी कहा जाता है. इस अवसर पर गंगा स्नान करने को पुण्यकारक माना जाता है. माघ स्नान पर विष्णु के मन्त्र का जाप भी करना पुण्य होता है. माना जाता है कि आज के दिन देव गंगा स्नान कर अपने लोक में प्रवास करते हैं. इसलिए आज का स्नान देवों के साथ स्नान करने जैसा है. गंगा के तट पर इन मंत्रों के जाप का फल पूरे साल मिलता है.

माघ पूर्णिमा पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़.

दान करने का महत्व: माघ मास की पूर्णिमा की तिथि पर संत रविदास का जन्म हुआ था. इस कारण माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माघ मास में देवता मनुष्य का रूप धारण करके धरती पर रहते हैं और वे भी धार्मिक स्थानों में दान और स्नान करते हैं. पूर्णिमा के दिन देवता आखिरी बार स्नान-दान के बाद देवलोक लौट जाते हैं. इस कारण इस पूरे माघ महीने में ही दान, स्नान, भजन, कीर्तन और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व बताया गया है.

haridwar latest news
हरिद्वार में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़.

पढ़ें-जानिए कुंभ मेले का धर्म और इतिहास, इसके बदले स्वरूप को लेकर क्या कहते हैं इतिहासकार

हरिद्वार में उमड़े श्रद्धालु: धर्मनगरी हरिद्वार में माघ पूर्णिमा का स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से ही गंगा घाटों पर आना शुरू हो गया. जिला प्रशासन और मेला पुलिस द्वारा माघ पूर्णिमा स्नान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

माघ पूर्णिमा की पूजा विधि: माघ पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा नदी या पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करना चाहिए. इसके बाद ठाकुर, नारायण जी की पूजा करना चाहिए. भोग में चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल-फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करना चाहिए. साथ ही दान पुण्य करना चाहिए. मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने से कल्पवास के बराबर पुण्य मिलता है. माघ पूर्णिमा का स्नान बेहद फलदाई माना जाता है.

Last Updated : Feb 16, 2022, 8:58 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.