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महाकुंभ से पहले दो धड़ों में बंटा निर्मल पंचायती अखाड़ा, कहा- अराजक तत्वों को नहीं करेंगे बर्दाश्त - nirmal panchayati akhada parishad

महाकुंभ मेला शुरू होने से पहले ही निर्मल पंचायती अखाड़े में दो धड़ों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. अखाड़ा परिषद ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि किसी भी अराजक तत्व को हरिद्वार शहर में प्रवेश न दिया जाए.

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Published : Dec 18, 2020, 11:16 PM IST

हरिद्वार: कुंभ मेले से पहले निर्मल पंचायती अखाड़ा के दो दलों के संतों में एक बार फिर से विवाद गर्मा गया है. बीते रोज पंजाब से आए निर्मल भेख से जुड़े संतों ने हरिद्वार में निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव पर अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर अखाड़ा परिषद ने सख्त रुख अख्तियार किया है. अखाड़ा परिषद निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव के समर्थन में खुलकर साथ खड़ा हो गया है और हरिद्वार जिला प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है कि निर्मल पंचायती अखाड़े में अराजक तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

निर्मल पंचायती अखाड़े के समर्थन में पहुंचे कुंभ मेला प्रभारी और बड़े अखाड़ा के कोठारी दुर्गा दास का कहना है कि किसी भी अखाड़े पर संकट आए तो हमेशा अखाड़ा परिषद उनके साथ खड़ा रहता है. निर्मल पंचायती अखाड़ा में जो अराजक तत्व के लोगों द्वारा संकट का माहौल पैदा किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शासन और प्रशासन भी इस बात को लेकर सचेत रहे, इस प्रकार के अराजक तत्वों को हरिद्वार में प्रवेश न दिलवाए. उनका कहना है कि इन अराजक तत्वों की नजर निर्मल पंचायती अखाड़े की संपत्ति पर है.

महामंडलेश्वर प्रबोधानन्द महाराज का कहना है कि पूर्व में भी उन लोगों द्वारा निर्मल पंचायती अखाड़े की जमीन पर कब्जा किया गया था. पुलिस प्रशासन द्वारा उन लोगों को जबरन निकाला गया था. अराजक तत्व के ये लोग अवैध तरीके से अखाड़ों में घुसने का प्रयास करते हैं. इनमें से कोई संत नहीं है, ये सिर्फ संतों का चोला धारण करते हैं. ऐसे लोगों को हरिद्वार में एंट्री नहीं देनी चाहिए, अगर पुलिस प्रशासन उनको नहीं रोकेगा तो कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों संत हरिद्वार आएंगे तब संतों का आक्रोश ज्यादा हो सकता है.

पढ़ेंः हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन पर ठनी रार, व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

वहीं, निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह का कहना है कि ये सब संपत्ति का मामला है. उनके द्वारा हरिद्वार के एकड़ कला इब्राहिमपुर में निर्मल पंचायती अखाड़े की जमीन पर कब्जा किया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद इन लोगों से कब्जा मुक्त कराया गया और आज हम वह केस भी जीत गए हैं. इस कारण इनके द्वारा इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये बार-बार हरिद्वार आकर निर्मल पंचायती अखाड़े की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.

कुंभ मेला शुरू होने से पहले ही निर्मल पंचायती अखाड़े में दो धड़ों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. अब इस मामले में अखाड़ा परिषद निर्मल पंचायती अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव के समर्थन में खड़ा हो गया है और प्रशासन को चेतावनी दी है कि किसी भी अराजक तत्व को हरिद्वार शहर में प्रवेश न दिया जाए, जिसके कारण कुंभ मेले में किसी भी प्रकार का विघ्न उत्पन्न हो.

हरिद्वार: कुंभ मेले से पहले निर्मल पंचायती अखाड़ा के दो दलों के संतों में एक बार फिर से विवाद गर्मा गया है. बीते रोज पंजाब से आए निर्मल भेख से जुड़े संतों ने हरिद्वार में निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव पर अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने का आरोप लगाया था. इसे लेकर अखाड़ा परिषद ने सख्त रुख अख्तियार किया है. अखाड़ा परिषद निर्मल पंचायती अखाड़े के श्री महंत ज्ञानदेव के समर्थन में खुलकर साथ खड़ा हो गया है और हरिद्वार जिला प्रशासन को सख्त चेतावनी दी है कि निर्मल पंचायती अखाड़े में अराजक तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

निर्मल पंचायती अखाड़े के समर्थन में पहुंचे कुंभ मेला प्रभारी और बड़े अखाड़ा के कोठारी दुर्गा दास का कहना है कि किसी भी अखाड़े पर संकट आए तो हमेशा अखाड़ा परिषद उनके साथ खड़ा रहता है. निर्मल पंचायती अखाड़ा में जो अराजक तत्व के लोगों द्वारा संकट का माहौल पैदा किया जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. शासन और प्रशासन भी इस बात को लेकर सचेत रहे, इस प्रकार के अराजक तत्वों को हरिद्वार में प्रवेश न दिलवाए. उनका कहना है कि इन अराजक तत्वों की नजर निर्मल पंचायती अखाड़े की संपत्ति पर है.

महामंडलेश्वर प्रबोधानन्द महाराज का कहना है कि पूर्व में भी उन लोगों द्वारा निर्मल पंचायती अखाड़े की जमीन पर कब्जा किया गया था. पुलिस प्रशासन द्वारा उन लोगों को जबरन निकाला गया था. अराजक तत्व के ये लोग अवैध तरीके से अखाड़ों में घुसने का प्रयास करते हैं. इनमें से कोई संत नहीं है, ये सिर्फ संतों का चोला धारण करते हैं. ऐसे लोगों को हरिद्वार में एंट्री नहीं देनी चाहिए, अगर पुलिस प्रशासन उनको नहीं रोकेगा तो कुंभ मेले में देश-विदेश से लाखों संत हरिद्वार आएंगे तब संतों का आक्रोश ज्यादा हो सकता है.

पढ़ेंः हरिद्वार महाकुंभ के आयोजन पर ठनी रार, व्यापारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

वहीं, निर्मल पंचायती अखाड़े के कोठारी जसविंदर सिंह का कहना है कि ये सब संपत्ति का मामला है. उनके द्वारा हरिद्वार के एकड़ कला इब्राहिमपुर में निर्मल पंचायती अखाड़े की जमीन पर कब्जा किया गया था. कोर्ट के आदेश के बाद इन लोगों से कब्जा मुक्त कराया गया और आज हम वह केस भी जीत गए हैं. इस कारण इनके द्वारा इस तरह के कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये बार-बार हरिद्वार आकर निर्मल पंचायती अखाड़े की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.

कुंभ मेला शुरू होने से पहले ही निर्मल पंचायती अखाड़े में दो धड़ों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है. अब इस मामले में अखाड़ा परिषद निर्मल पंचायती अखाड़े के श्रीमहंत ज्ञानदेव के समर्थन में खड़ा हो गया है और प्रशासन को चेतावनी दी है कि किसी भी अराजक तत्व को हरिद्वार शहर में प्रवेश न दिया जाए, जिसके कारण कुंभ मेले में किसी भी प्रकार का विघ्न उत्पन्न हो.

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