हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए डॉक्टर प्रिया आहूजा ने योग के आठ कोण मुद्रा (अष्टवक्रासन) के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 14 जून को प्रयास किया था. जिसमें प्रिया सफल भी हुईं और उन्होंने 3 मिनट 29 सेकेंड तक अष्ट वक्रासन योग कर नया रिकॉर्ड बना लिया है. साथ ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने उन्हें सर्टिफिकेट भी दे दिया है.
डॉक्टर प्रिया आहूजा ने बताया कि इससे पहले इस योग पोज का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड 2 मिनट 6 सेकेंड तक का था. इसे उन्होंने ब्रेक किया है. उन्होंने नया रिकॉर्ड बनाते हुए 3 मिनट 29 सेकेंड तक अष्ट वक्रासन पोज को किया है. जिसे उन्होंने सभी एविडेंस के साथ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकारियों को भेज दिया था. उसका रिजल्ट अब आ गया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह रिकॉर्ड दर्ज हो गया है. इसी के साथ प्रिया आहूजा ने बताया कि उन्होंने उसके बाद इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में प्रयास किया था, जिसमें उन्होंने इसी आसन को 4 मिनट 26 सेकंड में 20 जून को किया था.
वह भी इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है. प्रिया आहूजा ने बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मेल और फीमेल या फिर कोई एज की कैटेगरी नहीं होती है. उसमें सिर्फ और सिर्फ आप की टाइमिंग रिकॉर्ड देखी जाती है. जिसमें उनके द्वारा 4 मिनट 26 सेकंड का समय रिकॉर्ड किया गया है. वो जल्द ही इसे और बेहतर करने का प्रयास करेंगी. प्रिया आहूजा ने बताया कि वो समाज में यह संदेश देने के लिए इस रिकॉर्ड को ब्रेक करना चाहती थीं कि गृहस्थ जीवन में महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं. वो खुद भी दो बच्चों की मां हैं और इस योग पोज को ब्रेक करने के लिए सात साल से तैयारी कर रही थीं, जो अब जाकर संभव हो पाई है.
उन्होंने कहा कि इसमें उनकी पूरी फैमिली का सपोर्ट रहा. वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मांग की कि उन्हें हरिद्वार में फिटनेस और स्पोर्ट्स को लेकर बढ़ावा देना चाहिए, क्योंकि और स्टेट में स्पोर्ट्स और फिटनेस को लेकर लोग काफी आगे बढ़ रहे हैं. हमारे उत्तराखंड में अभी भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह इस ओर ध्यान दें.
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अष्ट वक्रासन करने के फायदे
अष्ट वक्रासन के रोजाना अभ्यास से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता रहता है.
अष्ट वक्रासन में हाथों पर पूरे शरीर का भार होता है, जिससे हथेलियां और बाजू मजबूत बनते हैं.
अष्ट वक्रासन पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर पेट से संबंधी रोगों जैसे गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज को ठीक करने में मदद करता है.
नियमित रूप से अष्ट वक्रासन करने से एकाग्रता बढ़ती है वहीं तनाव, चिंता और अवसाद भी दूर होता है.
इसके नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और इससे बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है.
इससे हाथ, पैर, पेट और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
अगर आपको भूख नहीं लगती है, तो आप इस आसन को रोज कर सकते हैं. इससे आपकी भूख खुलेगी.