हरिद्वार: गंगा सभा ने आज हरकी पैड़ी क्षेत्र में एक घाट पर गैर हिंदू लोगों को चिन्हित करने का अभियान चलाया. इस दौरान एक शख्स भगवा कपड़े पहने वहां ढाबा चला रहा था. शक होने पर गंगा सभा के पदाधिकारियों ने पूछताछ की तो वह व्यक्ति गैर हिंदू निकला. जिसे गंगा सभा के पदाधिकारियों ने हरिद्वार पुलिस को सौंप दिया.
गंगा सभा के स्वागत मंत्री सिद्धार्थ चक्रपाणि ने बताया कि उनके द्वारा आसपास के घाटों में व्यवसाय कर रहे गैर हिंदुओं को चिन्हित किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज एक व्यक्ति को पकड़ा है, जिसने पूछताछ में पहले अपना नाम चुन्नू और खुद को हिंदू बताया, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने खुद को गैर हिंदू बताया और अपना आधार कार्ड भी दिखाया है. इसके बाद गंगा सभा के पदाधिकारियों ने पुलिस को मौके पर बुलाया और हरकी पौड़ी चौकी पुलिस के सुपुर्द कर दिया.
वहीं, गंगा सेवा दल के सचिव उज्ज्वल पंडित ने बताया लगातार गंगा सभा के माध्यम से गैर हिंदू लोगों को हरकी पैड़ी के आसपास के घाटों में चिन्हित करने का कार्य चल रहा है. इसी कड़ी में आज भगवा कुर्ता पहने एक ढाबा संचालक दिखा, जिससे पूछताछ की गई तो उसने खुद को पहले हिंदू बताया, लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपना आधार कार्ड दिखाया और अपनी असलियत बताई. उज्ज्वल पंडित ने कहा, यह लोग बड़ी तादाद में हरकी पैड़ी के आसपास कार्य कर रहे हैं. ऐसे में ये लोग किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. उन्होंने मांग की है कि समय रहते प्रशासन को इनके खिलाफ अभियान चलाना चाहिए और इन्हें चिन्हित करना चाहिए.
वहीं, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह से बताया कि हरिद्वार कोतवाली में गंगा सभा द्वारा दी गई सूचना के आधार पर एक व्यक्ति को पकड़ा गया है, जिसका नाम चुन्नू बताया जा रहा है. व्यक्ति पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
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गैर हिंदू प्रवेश को लेकर हरिद्वार का बायलॉज: गौर हो कि, हरिद्वार में साल 1932 में नगर पालिका की स्थापना हुई थी. इस दौरान पहले नगर पालिका अध्यक्ष राम रखा सरदार नियुक्त हुए थे. हरिद्वार शहर की धार्मिक आस्था और पौराणिकता को देखते हुए एक बाइलॉज तैयार किया गया था. उस बायलॉज के अनुसार हरिद्वार में हरकी पैड़ी के 8 किलोमीटर के दायरे में किसी तरह की मांस मदिरा की दुकान पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगी. साथ ही साथ कोई भी गैर हिंदू हरकी पैड़ी के 8 किलोमीटर रेंज में जमीन और मकान नहीं खरीद सकता है.
इतना ही नहीं, यहां कोई गैर हिन्दू व्यापार नहीं कर सकता. अगर कोई फेरीवाला हरिद्वार शहर में काम करने या रोजगार करने आता है तो, सूरज ढलने से पहले उसे हरकी पैड़ी क्षेत्र से 8 किलोमीटर का दायरा छोड़ना होगा. इतना ही नहीं, हरकी पैड़ी और कुशावर्त घाट पर किसी भी गैर हिंदू का जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा गया है. अगर कोई गैर हिंदू सरकारी अधिकारी या कर्मचारी इस क्षेत्र में ड्यूटी करता है तो उसे भी ड्यूटी करने के बाद यहां से प्रस्थान करना होगा.
गंगा सभा क्या करती है: बता दें कि, हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी के रखरखाव के लिए गंगा सभा सालों से काम करती आ रही है. गंगा सभा बनाने की पहल पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी. अंग्रेजों के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों को एक चेहरा चाहिए था और वह चेहरा महामना मदन मोहन मालवीय के रूप में आगे आया. तीर्थ पुरोहितों ने अंग्रेजों का उस वक्त गंगा पर बांध बनाने का विरोध किया. भारी विरोध और आंदोलन के बाद अंग्रेजों को झुकना पड़ा. उसके बाद मदन मोहन मालवीय ने गंगा सभा की स्थापना की.
आज के समय में गंगा सभा हरिद्वार हरकी पैड़ी का रखरखाव करती है. साथ ही गंगा आरती और मंदिरों की देखरेख का काम करती है. यहां आने वाले लोगों की व्यवस्था के साथ ही कुंभ में भी व्यवस्था गंगा सभा संभालती है. बीते कुछ समय से गंगा सभा ने हरकी पैड़ी क्षेत्र में गैर हिंदुओं के कामकाज करने को लेकर एक मुहिम छेड़ी हुई है.