रामनगर: हरिद्वार कुम्भ मेले के लिए जहां हजारों पुलिस कर्मी ड्यूटी करेंगे वहीं कुम्भ जैसे सबसे बड़े आयोजन की सुरक्षा का जिम्मा उन के कंधों पर भी रहेगा जो कॉर्बेट में सालों से तैनात हैं. जी हां ये कोई इंसान नहीं बल्कि गजनी, गजराज, अलवेली और चंपा जैसे अनुभवी हाथी हैं. इनको वन विभाग राजा जी नेशनल पार्क की उन सीमाओं पर तैनाती के लिए भेज रहा है, जहां से कोई भी जंगली हाथी शहर में दाखिल हो सकता है. लिहाजा इन हाथियों की जिम्मेदारी यही रहेगी कि वो ऐसे किसी भी घटना को रोक सकें.
इस साल हरिद्वार में होने वाले कुंभ मेले की तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं. वहीं, हरिद्वार प्रशासन द्वारा भीड़ बढ़ने से वन्यजीव आबादी की तरफ रुख ना करें, इसके लिए सुरक्षा की दृष्टि से 4 हाथियों को कॉर्बेट पार्क से हरिद्वार एवं राजाजी पार्क निगरानी के लिए भेजा जा रहा है. वहीं रामनगर के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से पांच बाघों को राजाजी टाइगर रिजर्व भेजा जा रहा है, जिसमें से एक बाघ को शिफ्ट भी किया जा चुका है.
आपको बता दें राजाजी के वेस्टर्न पार्ट में दो बाघिन अकेली पड़ी हैं, इसके चलते क्षेत्र में बाघों का कुनबा नहीं बढ़ पा रहा है. इसलिए कॉर्बेट से पांच बाघों को राजाजी टाइगर में शिफ्ट किया जाना है. इसमें एक बाघ को भेजा भी जा चुका है.
वहीं, इस मामले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पास 15 पालतू हाथी हैं. जिसमें से 4 हाथियों की डिमांड हरिद्वार डिवीजन और राजाजी टाइगर रिजर्व द्वारा की गई है. इसका एकस मुख्य उद्देश्य है कि, जो बाघ कॉर्बेट से राजा जी टाइगर रिजर्व में ट्रांशलोकेट किए जा रहे हैं, उन बाघों के रवैये पर लगातार इन हाथियों के जरिए राजाजी पार्क के कर्मचारियों द्वारा निगरानी रखी जाएगी. साथ ही हरिद्वार डिवीजन में भी कुम्भ को देखते हुए हरिद्वार डिवीजन द्वारा इन हाथियों की डिमांड की गई है.
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उधर, हरिद्वार डिवीजन में जो जंगली हाथी लगातार आबादी के तरफ रुख करते हैं, उन हाथियों को चिन्हित कर पालतू हाथियों के जरिये रेडियो कॉलर लगाने का कार्य किया जाएगा. जिससे कि अगर यह हाथी कुंभ मेले के समय भीड़ बढ़ने पर आबादी की तरफ आते हैं, तो विभाग को इनकी गतिविधि लोकेशन की सूचना पहले ही प्राप्त हो जाएगी. साथ ही इन हाथियों के जरिए कुंभ मेले के समय में रात्रि गश्त भी की जाएगी. जिससे कि वन्यजीव अबादी की तरफ रूख न करें.