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Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी पर गंगा स्नान से मिलता है पुण्य, हरिद्वार में उमड़ी भीड़

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Published : Jan 26, 2023, 10:58 AM IST

बसंत पंचमी पर श्रद्धालु हर की पैड़ी गंगा घाट पर स्नान करके पुण्य कमा रहे हैं. मान्यता है कि जो भी बसंत पंचमी के दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं, उनको ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान कर पीले वस्त्र धारण करने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.

basant panchami 2023
बसंत पंचमी 2023
बसंत पंचमी पर आस्था की डुबकी लगा रहे श्रद्धालु

हरिद्वार: बसंत पंचमी के स्नान को लेकर हरिद्वार में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ज्ञान और आराधना की देवी मां सरस्वती की आराधना करने के लिए लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है कि अगर आप इस दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं, तो आपको ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है. हरिद्वार से सटे राज्यों के अलावा स्थानीय लोग इस शुभ दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं. इसके बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.

मां सरस्वती ज्ञान की देवी के साथ-साथ संगीत की देवी भी हैं, जिसको लेकर आज लोग संगीत का अभ्यास भी करते हैं. इससे उनके सुरों में मां सरस्वती का वास होता है ऐसी मान्यता है. बसंत पंचमी और 26 जनवरी के दिन स्नान को लेकर पुलिस द्वारा तमाम तैयारियां की जा चुकी हैं. भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन चुस्त दुरुस्त है. बसंत पंचमी के लिए पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर से लेकर तमाम घाटों पर अपनी नजर बनाए रखी है.

मान्यता है कि अगर आप इस दिन गंगा स्नान के साथ-साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं, तो आपको ज्ञान सहित उज्ज्वल भविष्य का वरदान मिलता है. इस दिन अगर आप पीली वस्तुओं का दान करते हैं, तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं, भारी संख्या में हरिद्वार क्षेत्र में लोग पतंग उड़ाते हैं और इस दिन को भाईचारा के त्यौहार के रूप में मनाते हैं.

बसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालु हरिद्वार के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस दौरान धर्मनगरी हरिद्वार के सभी गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी. बसंत पंचमी बदलाव का पर्व माना जाता है और इस पर्व से ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो जाता है. साथ ही आज के दिन सच्चे मन से उपासना करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है.
ये भी पढ़ें- 74th Republic Day 2023 : राफेल और प्रचंड ही नहीं ब्रह्मोस और नाग मिसाइल सिस्टम भी आज राष्ट्रपति को देंगे सलामी

बसंत पंचमी के अवसर पर मां गायत्री, मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी पर्व पर स्वयं सिद्ध मुहूर्त है. अक्षय तृतीया के सामान ही मुहूर्त है. ऐसा माना जाता है कि इस पर्व पर मंत्रों के उच्चारण के साथ गंगा स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. गंगा स्नान कर पीले वस्त्र धारण करने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. बसंत पंचमी खासकर रचनात्मक कार्य करने वालों के लिए काफी पुण्यकारी है. विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.

बसंत पंचमी पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं. ठंड के बावजूद लोगों में बसंत पंचमी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. बसंत पर्व पर गंगा स्नान का लाभ उठाने के लिए ही हर की पैड़ी पर सुबह से ही गंगा स्नान करने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो अभी भी जारी है. श्रद्धालुओं का कहना है कि बसंत पर्व पर गंगा स्नान करने से उनके जीवन के कष्ट दूर होंगे और मां सरस्वती व मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.

बसंत पंचमी पर आस्था की डुबकी लगा रहे श्रद्धालु

हरिद्वार: बसंत पंचमी के स्नान को लेकर हरिद्वार में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. ज्ञान और आराधना की देवी मां सरस्वती की आराधना करने के लिए लोग गंगा स्नान कर रहे हैं. हिंदू धर्म में मान्यता है कि अगर आप इस दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं, तो आपको ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति होती है. हरिद्वार से सटे राज्यों के अलावा स्थानीय लोग इस शुभ दिन की शुरुआत गंगा स्नान से करते हैं. इसके बाद मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं.

मां सरस्वती ज्ञान की देवी के साथ-साथ संगीत की देवी भी हैं, जिसको लेकर आज लोग संगीत का अभ्यास भी करते हैं. इससे उनके सुरों में मां सरस्वती का वास होता है ऐसी मान्यता है. बसंत पंचमी और 26 जनवरी के दिन स्नान को लेकर पुलिस द्वारा तमाम तैयारियां की जा चुकी हैं. भीड़ नियंत्रण, ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन चुस्त दुरुस्त है. बसंत पंचमी के लिए पुलिस प्रशासन ने हरिद्वार के प्रसिद्ध मंदिर से लेकर तमाम घाटों पर अपनी नजर बनाए रखी है.

मान्यता है कि अगर आप इस दिन गंगा स्नान के साथ-साथ मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते हैं, तो आपको ज्ञान सहित उज्ज्वल भविष्य का वरदान मिलता है. इस दिन अगर आप पीली वस्तुओं का दान करते हैं, तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं, भारी संख्या में हरिद्वार क्षेत्र में लोग पतंग उड़ाते हैं और इस दिन को भाईचारा के त्यौहार के रूप में मनाते हैं.

बसंत पंचमी पर्व पर श्रद्धालु हरिद्वार के गंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. इस दौरान धर्मनगरी हरिद्वार के सभी गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी. बसंत पंचमी बदलाव का पर्व माना जाता है और इस पर्व से ही मौसम में बदलाव आना शुरू हो जाता है. साथ ही आज के दिन सच्चे मन से उपासना करने से मां सरस्वती की कृपा बनी रहती है.
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बसंत पंचमी के अवसर पर मां गायत्री, मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी पर्व पर स्वयं सिद्ध मुहूर्त है. अक्षय तृतीया के सामान ही मुहूर्त है. ऐसा माना जाता है कि इस पर्व पर मंत्रों के उच्चारण के साथ गंगा स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. गंगा स्नान कर पीले वस्त्र धारण करने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. बसंत पंचमी खासकर रचनात्मक कार्य करने वालों के लिए काफी पुण्यकारी है. विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोरथ पूरे होते हैं.

बसंत पंचमी पर्व पर गंगा स्नान करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे हैं. ठंड के बावजूद लोगों में बसंत पंचमी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. बसंत पर्व पर गंगा स्नान का लाभ उठाने के लिए ही हर की पैड़ी पर सुबह से ही गंगा स्नान करने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो अभी भी जारी है. श्रद्धालुओं का कहना है कि बसंत पर्व पर गंगा स्नान करने से उनके जीवन के कष्ट दूर होंगे और मां सरस्वती व मां लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा.

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