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रुड़की नगर निगम चुनाव: हाई कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने बताया जनता की जीत, सरकार पर भेदभाव का आरोप - रुड़की परिसीमन

नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ ने कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांव के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव करने के आदेश दिये हैं. हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर है. बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद मपुर और पाडली गांव को रुड़की नगर निगम से बाहर कर दिया था.

विधायक फुरकान अहमद
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Published : Jul 23, 2019, 10:08 PM IST

Updated : Jul 24, 2019, 10:45 AM IST

रुड़की: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रुड़की नगर निगम में दो महीने के अंदर चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं. साथ ही नैनीताल हाई कोर्ट ने कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांवों के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव कराने के आदेश दिये हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर है.

हाई कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने बताया जनता की जीत

बता दें कि हरीश रावत सरकार द्वारा नगर निगम में रामपुर और पाडली गांव को मिलाकर चुनाव कराने का एलान किया गया था. जिसके बाद भाजपा शासनकाल में इस आदेश के खिलाफ रिट दायर की गई, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने 6 दिसंबर 2018 को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर इन दोनों गांवों को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया. जिसके बाद राज्य सरकार के इस फैसले को एक जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई.

पढे़ं- जल्द खुलेगी चीन बॉर्डर की सड़कें, त्रिवेंद्र सरकार का सीमाओं के विकास पर फोकस

मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट को जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए गए. जिसके आधार पर मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ ने कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांव के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव करने के आदेश दिये हैं.

हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर है. पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद का कहना है कि यह रुड़की की जनता की जीत है. राज्य सरकार दोनों गांव के लोगों के साथ भेदभाव कर चुनाव करवाना चाहती थी. जोकि सरासर गलत था. इसी को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजे खटखटाया गया था. जिसमें न्यायालय ने जनता के हित में फैसला दिया है.

रुड़की: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने रुड़की नगर निगम में दो महीने के अंदर चुनाव करवाने के आदेश दिए हैं. साथ ही नैनीताल हाई कोर्ट ने कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांवों के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव कराने के आदेश दिये हैं. कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर है.

हाई कोर्ट के फैसले को कांग्रेस ने बताया जनता की जीत

बता दें कि हरीश रावत सरकार द्वारा नगर निगम में रामपुर और पाडली गांव को मिलाकर चुनाव कराने का एलान किया गया था. जिसके बाद भाजपा शासनकाल में इस आदेश के खिलाफ रिट दायर की गई, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने 6 दिसंबर 2018 को एक नया नोटिफिकेशन जारी कर इन दोनों गांवों को नगर निगम क्षेत्र से बाहर कर दिया. जिसके बाद राज्य सरकार के इस फैसले को एक जनहित याचिका दायर कर चुनौती दी गई.

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मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट को जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए गए. जिसके आधार पर मंगलवार को नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ ने कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांव के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव करने के आदेश दिये हैं.

हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस में खुशी की लहर है. पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद का कहना है कि यह रुड़की की जनता की जीत है. राज्य सरकार दोनों गांव के लोगों के साथ भेदभाव कर चुनाव करवाना चाहती थी. जोकि सरासर गलत था. इसी को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजे खटखटाया गया था. जिसमें न्यायालय ने जनता के हित में फैसला दिया है.

Intro:कांग्रेस में खुशी


Body:पिछले 1 साल से रुड़की नगर निगम चुनाव को लेकर सियासी उठापटक का दौर जारी है मामला हाईकोर्ट स्तर से लेकर सुप्रीम कोर्ट के दरबार तक जा पहुंचा जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के द्वारा नैनीताल हाई कोर्ट को रुड़की नगर निगम चुनाव को लेकर आदेश दिया गया था जिसके बाद आज नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ के द्वारा रामपुर और पाडली गांव को मिलाकर कांग्रेस शासनकाल में बनाए गए 9 गांव के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को झटका देते हुए चुनाव कराने के लिए आदेश जारी कर दिया है जबकि राज्य सरकार चाह रही की रुड़की नगर निगम का चुनाव रामपुर और पाडली को छोड़कर अन्य 16 गांव के परिसीमन के आधार पर हो नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ के द्वारा जो फैसला आया है उसको लेकर कांग्रेस में खुशी की लहर दौड़ गई है कांग्रेसी विधायक ने रुड़की की जनता की जीत बताकर हाईकोर्ट का धन्यवाद किया है हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद कांग्रेसियों में जश्न का माहौल है और मिठाइयां बांटी जा रही है।

अगर बात करें हरीश रावत सरकार के द्वारा नगर निगम रामपुर और पाडली गांव को मिलाकर गांव के परिसीमन पर चुनाव कराने का ऐलान किया गया था जिसके बाद भाजपा शासनकाल में इस आदेश के खिलाफ रिट दायर की गई थी यही नहीं राज्य की सरकार के द्वारा रामपुर और पाडली गांव को बाहर कर अन्य 16 गांव को शामिल कर नया परिसीमन के आधार पर चुनाव कराने की तैयारी कर रही थी जिसके बाद राज्य सरकार को एक जनहित याचिका के द्वारा चुनौती दी गई मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट को जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई करने के आदेश दिए गए जिसके आधार पर आज नैनीताल हाई कोर्ट की पीठ के द्वारा कांग्रेस शासनकाल में पारित 9 गांव के परिसीमन के आधार पर ही राज्य सरकार को चुनाव कर जल्द से जल्द चुनाव कराने का आदेश जारी कर दिया है जिसको लेकर आज कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद का कहना है कि यह रुड़की की जनता की जीत है राज्य सरकार दोनों गांव के लोगों के साथ भेदभाव कर चुनाव कराना चाहती थी जो कि सरासर गलत था इसी बात को लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटा गए थे जिसमें दोनों ही न्यायालय के द्वारा जनता के हित में फैसला दिया गया है

बाइट - फुरकान अहमद ( कांग्रेसी विधायक पिरान कलियर)

अब देखने वाली बात होगी रामपुर और पाडली को जोड़कर ही राज्य सरकार कांग्रेस के शासनकाल में बनाए गए परिसीमन के आधार पर ही चुनाव कराती है या फिर कोई नया दाव लेकर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है लेकिन यह तय है कि जल्द ही राज्य सरकार को हाई कोर्ट के द्वारा चुनाव कराने के आदेश दिए गए हैं।


Conclusion:
Last Updated : Jul 24, 2019, 10:45 AM IST
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