हरिद्वार: देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में विख्यात मां मनसा देवी (Haridwar Maa Mansa Devi) करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र हैं. यही कारण है कि न केवल यहां पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, बल्कि अपनी-अपनी आस्था के अनुसार चंदा भी भिजवाते हैं. इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग मां मनसा देवी ट्रस्ट के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर चंदे की अवैध उगाही में लगे हुए हैं. कोतवाली हरिद्वार पुलिस ने मनसा देवी ट्रस्ट की शिकायत पर ऐसे ही एक फर्जी ट्रस्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मां मनसा देवी ट्रस्ट (Maa Mansa Devi Trust Haridwar) के ट्रस्टी अनिल शर्मा ने बाकायदा तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है कि ट्रस्ट के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर लोगों से चंदे की अवैध उगाही की जा रही है. पुलिस ने बताया कि इस मामले में सुरेश तिवारी, ठाकुर सिंह, वासु सिंह, सुदामा शुक्ला, अश्विनी शुक्ला, आकाश शर्मा, चौधरी हितेश, राजपुरोहित हिमांशु शर्मा ने एक राय होकर, षडयंत्र पूर्वक, धोखाधड़ी से कूट रचित दस्तावेज बनाकर मां मनसा देवी ट्रस्ट से मिलते जुलते नाम व पते का एक ट्रस्ट बनाया और इसी के नाम पर चंदे की अवैध उगाही कर रहे हैं. जबकि बनाया गया यह ट्रस्ट पूरी तरह से फर्जी है.
इस ट्रस्ट को मनसा देवी के नाम पर पैसा उगाहने का कोई अधिकार ही नहीं है. एसएसआई कोतवाली हरिद्वार मनोहर सिंह ने बताया कि इस मामले में मनसा देवी ट्रस्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कराया गया है, जिसकी जांच चल रही है.
रवींद्र पुरी ने जताया जान का खतरा: वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने फर्जी ट्रस्ट बनाने वालों से अपनी जान को खतरा बताया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि यह लोग कभी भी उनकी हत्या करा सकते हैं. साथ ही रवींद्र पुरी ने फर्जी ट्रस्ट को मंजूरी देने वाले को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि बिना साठगांठ के इस तरह के ट्रस्ट का गठन किया ही नहीं जा सकता.
बता दें, बीते कई दशकों से मां मनसा देवी ट्रस्ट मनसा देवी मंदिर का संचालन करता आ रहा है. बुधवार को कोतवाली हरिद्वार पुलिस ने इसी के नाम से मिलता जुलता ट्रस्ट बनाकर पैसों की उगाही करने वाले 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सुरेश तिवारी हमारे यहां कोई पुजारी नहीं है, बल्कि हमारे यहां कर्मचारी वासु सिंह मुख्य हैं. तीसरा आकाश शर्मा जिसे सदस्य बनाया गया था, उसका कहना है कि उससे बिना पूछे उसका नाम सदस्यों में डाल दिया गया है. जबकि उसका इस फर्जी ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है.
महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि यह ट्रस्ट 1963 से चल रहा है और यह एक वसीयत ट्रस्ट है. यहां का एक मुफ्त खोर गैंग है, जो काम नहीं करना चाहता. वह अब मनसा देवी पर सक्रिय हो गया है. जिसमें एक ठाकुर सिंह नेगी का बेटा वासु नेगी, बीते 8 माह से मेरे पीछे लगा हुआ है, जो मेरी हत्या की लगातार योजना बना रहा है. ट्रस्ट के सचिव ने मुझे बताया कि वासु लगातार आपकी रेकी कर रहा है और हो सकता है कि वो आपकी हत्या करा सकता है.
महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि मेरे पास भले सुरक्षा है, लेकिन फिर भी लोगों ने मुझे दबाने का प्रयास किया है. जिन लोगों को नामजद किया गया है, वह लोग काफी समय से मेरे से मंदिर का हफ्ता मांग रहे थे. इन लोगों ने 16 फरवरी को हरिद्वार में यह फर्जी ट्रस्ट बनाया है.
रवींद्र पुरी का कहना है कि फर्जी ट्रस्ट बनाने वालों का मुख्य उद्देश्य उन्हें किसी भी तरह ट्रस्ट के अध्यक्ष पद से हटाना है. महंत रवींद्र पुरी ने आगे कहा कि उन्हें मरने का कोई डर नहीं है, लेकिन आज उन्होंने सभी पुजारियों को साफ कह दिया कि यदि मंदिर में कोई चोरी करता पकड़ा गया तो मैं उसे किसी भी कीमत पर बख्शूंगा नहीं. मैं मंदिर की खामियों को दूर करने नित्य आऊंगा. अब चाहे कोई मुझे गोली मारे या मेरी हत्या करें, मैं मनसा देवी का पैसा उत्तराखंड के विकास में लगाऊंगा. महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और पुष्कर धामी से आग्रह कर हम मनसा देवी का सोना-चांदी केदारनाथ के गर्भ गृह में स्थापित करेंगे.
शिवालिक नगर बताया फर्जी ट्रस्ट का कार्यालय: जिस मनसा देवी ट्रस्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है, उसके फर्जीवाड़े का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके कार्यालय को मनसा देवी परिसर या किसी मठ में न दिखा कर शिवालिक नगर में दिखाया गया है. किसी भी ट्रस्ट को पंजीकृत करने से पहले उसकी जांच पड़ताल करने की जिम्मेदारी रजिस्ट्रार की होती है. लेकिन जिस तरह हरिद्वार के रजिस्ट्रार ने इस ट्रस्ट को हरी झंडी देकर पंजीकृत करा दिया, उससे वह अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ गया है. अब मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष इस रजिस्ट्रार के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं.