हरिद्वार: उत्तराखंड में चल रहे सियासी घमासान के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हरिद्वार में बड़ा बयान दिया है. गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ और मंत्री हरक सिंह रावत में से कोई एक नेता कांग्रेस के एक बड़े नेता के संपर्क में है. उस नेता ने इसकी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेज दी है और जल्द आलाकमान ही उस पर फैसला लेगा.
गणेश गोदियाल हरिद्वार स्थित जयराम आश्रम में ब्रह्मलीन संत देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि उमेश शर्मा काऊ उनके परम मित्र हैं, भाजपा में जाने से पहले उन्होंने उन्हें समझाया था लेकिन वो भाजपा के कुचक्र में फंस गए. उन्होंने कहा कि उमेश शर्मा काऊ और हरक सिंह रावत दोनों में से किसी एक नेता ने कांग्रेस के एक बड़े नेता से संपर्क किया है. कांग्रेस के वो नेता बहुत जल्दी पार्टी आलाकमान को इसकी सूचना देंगे.
अंदरखाने बढ़े विवाद: आगामी साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गयी है. प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों- भाजपा और कांग्रेस के अंदरखाने नेताओं के आपसी विवाद साफ तौर पर देखे जा रहे हैं. सबसे ज्यादा चर्चाओं में रायपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले मालदेवता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान काऊ की भाजपा के ही कार्यकर्ताओं के साथ तू तू-मैं मैं हो गई थी. यह मामला प्रदेश संगठन तक ही नहीं रुका बल्कि आलाकमान तक पहुंच गया.
काऊ ने गिनवाई नाइंसाफी: इस घटना के बाद भाजपा कार्यकर्ता रायपुर विधायक पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं तो वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ खुद दिल्ली पहुंचे और राष्ट्रीय भाजपा के पदाधिकारियों से मुलाकात कर अपने दर्द को बयां किया. दिल्ली से लौटने के बाद काऊ ने साफ कहा कि पिछले 4 सालों से उनके साथ नाइंसाफी हो रही है. इसको लेकर वो कई मर्तबा प्रदेश संगठन के साथ मुख्यमंत्री से भी बातचीत कर चुके हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है.
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हरक भी हैं नाराज: उधर, काऊ के साथ हुए झगड़े को लेकर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी नाराज हैं. उन्होंने इसे कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं के साथ बदसलूकी करार दिया है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में हरक सिंह रावत ने कहा है कि कांग्रेस के बागी नेताओं को भाजपा छोड़ने के लिए प्रेशर बनाया जा रहा है. 2016 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सभी नेताओं का सम्मान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य और यशपाल आर्य सभी वरिष्ठ नेता 2016 में कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे.