हरिद्वारः केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'अग्निपथ' (Agnipath Scheme) का देशभर में विरोध हो रहा है. युवा सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. बाबा रामदेव ने कहा है कि देश के युवाओं को अग्निपथ पर नहीं बल्कि, योग पथ पर चलने की आवश्यकता है. किसी भी बात को मनवाने का हिंसा कोई रास्ता नहीं होता है. जो व्यक्ति योग पथ पर चला करता है, वो विरोध भी अहिंसक तरीके से करता है.
बाबा रामदेव ने आश्वस्त किया कि अगर अग्निपथ योजना में कोई सुधार करने की आवश्यकता है तो वो सरकार जरूर करेगी. हिंसा को अपनाकर राष्ट्र की संपत्ति को नष्ट करने से देश का नुकसान होता है. यह किसी भी युवा को नहीं करना चाहिए. जिस योजना का विरोध कर रहे हैं, उससे आप मिलिट्री की सेवा यानी देश की सेवा करना चाहते हैं. देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचा कर या गाड़ियां जलाकर किस तरह से आप देश की सेवा कर सकते हैं.
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बाबा रामदेव की युवाओं को सलाहः वहीं, बाबा रामदेव ने युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि युवा अपना हौसला बरकरार रखें और विरोध करें, लेकिन अहिंसक तरीके से. युवाओं को अब धैर्य रखने की आवश्यकता है, क्योंकि सरकार तक सभी बातें पहुंच चुकी हैं. सभी बुद्धिजीवियों की राय भी अब सरकार तक जा चुकी है. मुझे लगता है कि जल्द ही कुछ न कुछ समाधान अवश्य निकलेगा.
क्या है अग्निपथ योजना? बीती 14 जून को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. हालांकि, विरोध के चलते उम्र को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.
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वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.
युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है. दूसरा सवाल चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने को लेकर है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और लंबे समय से अटकी सेनाओं में भर्ती रैलियों को आयोजित कराया जाना चाहिए.