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सतीश शर्मा की अस्थियां हरकी पैड़ी पर विसर्जित, राजीव गांधी के खास दोस्त थे कैप्टन

कैप्टन सतीश शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. शर्मा की राजनीति में एंट्री भी पूर्व पीएम राजीव गांधी द्वारा ही कराई गई थी. पहले वह एक एयरलाइंस कंपनी में पायलट के तौर पर काम करते थे.

satish sharma
सतीश शर्मा की आस्थियां हरकी पैड़ी पर विसर्जित
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Published : Feb 20, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 5:48 PM IST

हरिद्वार: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के खास मित्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद कैप्टन सतीश शर्मा की अस्थियों को आज हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पूरे विधि-विधान के साथ उनके परिजनों ने गंगा में विसर्जित किया. तीर्थ पुरोहित पवन पाराशर द्वारा गंगा में अस्थि विसर्जन कार्य संपन्न कराया गया. सतीश शर्मा का बीते बुधवार (17 फरवरी) को गोवा में निधन हो गया था.

कैप्टन की अस्थियां गंगा में विसर्जित.

कैप्टन सतीश शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. शर्मा की राजनीति में एंट्री भी पूर्व पीएम राजीव गांधी द्वारा ही कराई गई थी. पहले वह एक एयरलाइंस कंपनी में पायलट के तौर पर काम करते थे. सतीश शर्मा को पहली बार 1986 में राज्यसभा जाने का मौका मिला था. यही नहीं, राजीव गांधी की मौत के बाद अमेठी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें जीत मिली थी. कैप्टन सतीश शर्मा 1993 से 1996 में नरसिम्हा राव सरकार में पेट्रोलियम मंत्री भी थे.

पढ़ें- कैप्टन सतीश शर्मा के निधन से कांग्रेस में शोक की लहर, उत्तराखंड से था खास रिश्ता

अमेठी से सांसद चुने जाने के बाद एक बार फिर से कैप्टन सतीश शर्मा 1999 में लोकसभा पहुंचे. हालांकि, इस बार उन्हें अमेठी की बजाय रायबरेली सीट से संसद जाने का मौका मिला था. क्योंकि रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने वाली सोनिया गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. इसके बाद 2004 में कैप्टन सतीश शर्मा ने सोनिया गांधी के लिए जगह खाली की थी. इसके कुछ दिनों बाद ही कैप्टन सतीश शर्मा को दूसरी बार राज्यसभा भेज दिया गया था. यही नहीं, साल 2010 से 2016 के दौरान एक बार फिर से वह राज्यसभा पहुंचे थे. सतीश शर्मा अपनी जिंदगी में 6 बार सांसद रहे, तीन बार लोकसभा और तीन ही बार राज्यसभा के लिये चुने गए थे.

वहीं, कैप्टन सतीश शर्मा के बेटे समीर का कहना है कि वो मां गंगा से प्रार्थना करते हैं उनके पिता की आत्मा को शांति मिले. उनके पिता देश और परिवार की सुख शांति चाहते थे. समीर अपनी बहन, पत्नी और भाई के साथ हरिद्वार पहुंचे थे. समीर ने कहा कि वो हमेशा उनकी इच्छा को पूरा करते रहेंगे और लोगों के लिए कार्य करेंगे.

उनके करीबी मित्र रामशरण नौटियाल का कहना है कि कैप्टन सतीश शर्मा एक नेक दिल इंसान थे और राजनीति से हटकर कार्य करते थे. हमेशा सही के साथ खड़े रहने वाले शर्मा काफी बहादुर व प्रतिभा के धनी थे. उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य किया गया.

गौर हो कि कैप्टन सतीश शर्मा गांधी परिवार के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काफी करीबी माने जाते थे. सतीश ने कांग्रेस के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया. आज वह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने हरिद्वार कांग्रेस के तमाम नेता हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मौजूद रहे.

हरिद्वार: पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के खास मित्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद कैप्टन सतीश शर्मा की अस्थियों को आज हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर पूरे विधि-विधान के साथ उनके परिजनों ने गंगा में विसर्जित किया. तीर्थ पुरोहित पवन पाराशर द्वारा गंगा में अस्थि विसर्जन कार्य संपन्न कराया गया. सतीश शर्मा का बीते बुधवार (17 फरवरी) को गोवा में निधन हो गया था.

कैप्टन की अस्थियां गंगा में विसर्जित.

कैप्टन सतीश शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते थे. शर्मा की राजनीति में एंट्री भी पूर्व पीएम राजीव गांधी द्वारा ही कराई गई थी. पहले वह एक एयरलाइंस कंपनी में पायलट के तौर पर काम करते थे. सतीश शर्मा को पहली बार 1986 में राज्यसभा जाने का मौका मिला था. यही नहीं, राजीव गांधी की मौत के बाद अमेठी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उन्हें जीत मिली थी. कैप्टन सतीश शर्मा 1993 से 1996 में नरसिम्हा राव सरकार में पेट्रोलियम मंत्री भी थे.

पढ़ें- कैप्टन सतीश शर्मा के निधन से कांग्रेस में शोक की लहर, उत्तराखंड से था खास रिश्ता

अमेठी से सांसद चुने जाने के बाद एक बार फिर से कैप्टन सतीश शर्मा 1999 में लोकसभा पहुंचे. हालांकि, इस बार उन्हें अमेठी की बजाय रायबरेली सीट से संसद जाने का मौका मिला था. क्योंकि रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने वाली सोनिया गांधी ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था. इसके बाद 2004 में कैप्टन सतीश शर्मा ने सोनिया गांधी के लिए जगह खाली की थी. इसके कुछ दिनों बाद ही कैप्टन सतीश शर्मा को दूसरी बार राज्यसभा भेज दिया गया था. यही नहीं, साल 2010 से 2016 के दौरान एक बार फिर से वह राज्यसभा पहुंचे थे. सतीश शर्मा अपनी जिंदगी में 6 बार सांसद रहे, तीन बार लोकसभा और तीन ही बार राज्यसभा के लिये चुने गए थे.

वहीं, कैप्टन सतीश शर्मा के बेटे समीर का कहना है कि वो मां गंगा से प्रार्थना करते हैं उनके पिता की आत्मा को शांति मिले. उनके पिता देश और परिवार की सुख शांति चाहते थे. समीर अपनी बहन, पत्नी और भाई के साथ हरिद्वार पहुंचे थे. समीर ने कहा कि वो हमेशा उनकी इच्छा को पूरा करते रहेंगे और लोगों के लिए कार्य करेंगे.

उनके करीबी मित्र रामशरण नौटियाल का कहना है कि कैप्टन सतीश शर्मा एक नेक दिल इंसान थे और राजनीति से हटकर कार्य करते थे. हमेशा सही के साथ खड़े रहने वाले शर्मा काफी बहादुर व प्रतिभा के धनी थे. उनके द्वारा कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित भाव से कार्य किया गया.

गौर हो कि कैप्टन सतीश शर्मा गांधी परिवार के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के काफी करीबी माने जाते थे. सतीश ने कांग्रेस के लिए पूरी निष्ठा के साथ कार्य किया. आज वह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं. उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने हरिद्वार कांग्रेस के तमाम नेता हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर मौजूद रहे.

Last Updated : Feb 20, 2021, 5:48 PM IST
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