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कोरोना पर लगी लगाम तो अब युवा कल्याण पर होगा काम, शासन को भेजा प्रस्ताव

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Published : Jul 23, 2021, 6:45 PM IST

कोरोना काल में खेल महाकुंभ समेत युवा कल्याण विभाग की तमाम महत्वपूर्ण योजनाओं पर ब्रेक लगा था. अब कोरोना का ग्राफ गिरने पर विभाग इन योजनाओं को धरारत पर उतारने जा रहा है.

Youth Welfare Department
Youth Welfare Department

देहरादून: साल 2020 में कोरोना की पहली लहर की दस्तक के बाद से लेकर अबतक युवा कल्याण एवं प्रारद (प्रांतीय रक्षक दल) विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा हुआ था. कोरोना का ग्राफ गिरने के बाद अब खेल महाकुंभ समेत सभी युवा कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभागीय स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है.

युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग के संयुक्त निदेशक आरसी डिमरी ने बताया कि विभाग की ओर से शासन को खेल महाकुंभ 2021, मिनी स्टेडियम, खेल संवर्धन योजना और अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से जुड़ी योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. जैसे ही शासन स्तर से इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट का आवंटन होता है, इन सभी योजनाओं को धरातल पर शुरू कर दिया जाएगा.

युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग शुरू करेगा गतिविधियां.

बता दें, युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में खेल महाकुंभ 2021, मिनी स्टेडियम योजना भी शामिल है. तो वहीं कुछ ऐसी योजनाएं भी हैं, जिन्हें इस वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाना था. इसमें मुख्य रूप से खेल संवर्धन योजना और अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से जुड़ी योजना शामिल हैं. कोरोना की दूसरी लहर के चलते यह सभी योजनाएं इस वित्तीय वर्ष में भी अब तक शुरू नहीं हो पाई हैं.

खेल महाकुंभ 2021: राज्य सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में चौथी बार खेल महाकुंभ का आयोजन किया जाना है, जिसके लिए युवा कल्याण विभाग की ओर से 8 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. खेल महाकुंभ के तहत न्याय पंचायत विकासखंड जिला और राज्य स्तर पर युवक और युवतियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना है. इसके तहत अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-21 आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं जैसे एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंक और भाला फेंक जैसी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.

मिनी स्टेडियम योजना: प्रदेश सरकार की ओर से साल 2017 में मिनी स्टेडियम योजना का ऐलान किया गया था. इसके तहत प्रदेश के सभी 13 जनपदों में कुल 52 मिनी स्टेडियम तैयार किए जाने हैं, जिसमें से अबतक 29 मिनी स्टेडियम के कार्य शुरू हो चुके हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है. ऐसे में इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष युवा कल्याण विभाग की ओर से शासन से 11 करोड़ के बजट की मांग की गई है.

पढ़ें- PM आवास योजना में घर मिलने से खुश हैं लोग, 464 भवनों में कुछ पर फर्जीवाड़े का शक

अनुसूचित जाति के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स: युवा कल्याण विभाग की ओर से पहली बार इस वित्तीय वर्ष से अनुसूचित जाति के युवक-युवतियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया जाना है. इसके तहत अनुसूचित जाति के युवक-युवतियों को कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ ही मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर और सिलाई बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना के लिए विभाग की ओर से 4 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है.

खेल संवर्धन योजना: युवा कल्याण विभाग की ओर से खेल संवर्धन योजना भी इस वित्तीय वर्ष से पहली बार शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 95 ब्लॉक में एक व्यायाम प्रशिक्षक तैनात किया जाएगा. इसे प्रतिदिन के हिसाब से ₹500 का मानदेय दिए जाने की तैयारी है. ऐसे में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए युवा कल्याण विभाग की ओर से शासन को 50 लाख रुपए के बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.

देहरादून: साल 2020 में कोरोना की पहली लहर की दस्तक के बाद से लेकर अबतक युवा कल्याण एवं प्रारद (प्रांतीय रक्षक दल) विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर ब्रेक लगा हुआ था. कोरोना का ग्राफ गिरने के बाद अब खेल महाकुंभ समेत सभी युवा कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विभागीय स्तर पर कवायद तेज कर दी गई है.

युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग के संयुक्त निदेशक आरसी डिमरी ने बताया कि विभाग की ओर से शासन को खेल महाकुंभ 2021, मिनी स्टेडियम, खेल संवर्धन योजना और अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से जुड़ी योजना के क्रियान्वयन के लिए बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. जैसे ही शासन स्तर से इन सभी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बजट का आवंटन होता है, इन सभी योजनाओं को धरातल पर शुरू कर दिया जाएगा.

युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग शुरू करेगा गतिविधियां.

बता दें, युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में खेल महाकुंभ 2021, मिनी स्टेडियम योजना भी शामिल है. तो वहीं कुछ ऐसी योजनाएं भी हैं, जिन्हें इस वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाना था. इसमें मुख्य रूप से खेल संवर्धन योजना और अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स से जुड़ी योजना शामिल हैं. कोरोना की दूसरी लहर के चलते यह सभी योजनाएं इस वित्तीय वर्ष में भी अब तक शुरू नहीं हो पाई हैं.

खेल महाकुंभ 2021: राज्य सरकार की ओर से इस वित्तीय वर्ष में चौथी बार खेल महाकुंभ का आयोजन किया जाना है, जिसके लिए युवा कल्याण विभाग की ओर से 8 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. खेल महाकुंभ के तहत न्याय पंचायत विकासखंड जिला और राज्य स्तर पर युवक और युवतियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाना है. इसके तहत अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-21 आयु वर्ग के खिलाड़ियों के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं जैसे एथलेटिक्स, कबड्डी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, लंबी कूद, ऊंची कूद, गोला फेंक और भाला फेंक जैसी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.

मिनी स्टेडियम योजना: प्रदेश सरकार की ओर से साल 2017 में मिनी स्टेडियम योजना का ऐलान किया गया था. इसके तहत प्रदेश के सभी 13 जनपदों में कुल 52 मिनी स्टेडियम तैयार किए जाने हैं, जिसमें से अबतक 29 मिनी स्टेडियम के कार्य शुरू हो चुके हैं, जिन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है. ऐसे में इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए इस वित्तीय वर्ष युवा कल्याण विभाग की ओर से शासन से 11 करोड़ के बजट की मांग की गई है.

पढ़ें- PM आवास योजना में घर मिलने से खुश हैं लोग, 464 भवनों में कुछ पर फर्जीवाड़े का शक

अनुसूचित जाति के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स: युवा कल्याण विभाग की ओर से पहली बार इस वित्तीय वर्ष से अनुसूचित जाति के युवक-युवतियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया जाना है. इसके तहत अनुसूचित जाति के युवक-युवतियों को कंप्यूटर ऑपरेटर के साथ ही मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर और सिलाई बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना के लिए विभाग की ओर से 4 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है.

खेल संवर्धन योजना: युवा कल्याण विभाग की ओर से खेल संवर्धन योजना भी इस वित्तीय वर्ष से पहली बार शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 95 ब्लॉक में एक व्यायाम प्रशिक्षक तैनात किया जाएगा. इसे प्रतिदिन के हिसाब से ₹500 का मानदेय दिए जाने की तैयारी है. ऐसे में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए युवा कल्याण विभाग की ओर से शासन को 50 लाख रुपए के बजट का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है.

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