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कोरोनाकाल में बेसहारा लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे युवा

ऋषिकेश तीर्थनगरी में युवा जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी ये सेवा निस्वार्थ भाव से आगे भी जारी रहेगी.

rishikesh
बेसहारा लोगों को भोजन
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Published : May 30, 2021, 9:03 AM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में युवा जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. युवाओं के 20 लोगों के ग्रुप ने कोविड किचन नाम से अभियान चलाया है. जो रोजाना जरूरतमंदों को भोजन वितरित कर रहे हैं.

कोविड किचन की बदौलत ऋषिकेश में ही नहीं ब्लकि उसे सटे क्षेत्र मुनी की रेती और तपोवन के क्षेत्र में रहने वाले बेसहारा लोग भूखे ही सो रहे हैं. जिनको कोविड किचन खाना दे रहा है. साथ ही ग्रुप ने एक लाख बेसहारा लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य रखा है.यह लक्ष्य लगभग 30 प्रतिशत पूरा भी हो गया है.

बेसहारा लोगो को भोजन देने की व्यवस्था

बता दें कि कोविड किचन से जुड़े सदस्य प्रतिदिन अपनी कार से ऋषिकेश मुनी की रेती तपोवन आईएसबीटी और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचते हैं.और उनकी कार को देखते ही बेसहारा लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.

पढ़ें: नैनीताल HC से अल्मोड़ा सिविल जज को मिली राहत, जानें पूरा मामला

खास बात यह है कि अब इन सदस्यों ने कोरोना की बीमारी से पीड़ित होकर मरने वालों का अंतिम संस्कार का भी खर्चे उठाने का जिम्मा उठाया है. किचन से जुड़े जितेंद्र पाल उर्फ पाठी ने बताया कि उनकी यह सेवा निस्वार्थ भाव से है. जो निरंतर जारी है , वर्ष 2020 के लॉकडाउन में भी उनकी तरफ से यह सेवा बेसहारा लोगों के लिए चलाई गई थी, जो वर्ष भी जारी है.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी में युवा जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं. युवाओं के 20 लोगों के ग्रुप ने कोविड किचन नाम से अभियान चलाया है. जो रोजाना जरूरतमंदों को भोजन वितरित कर रहे हैं.

कोविड किचन की बदौलत ऋषिकेश में ही नहीं ब्लकि उसे सटे क्षेत्र मुनी की रेती और तपोवन के क्षेत्र में रहने वाले बेसहारा लोग भूखे ही सो रहे हैं. जिनको कोविड किचन खाना दे रहा है. साथ ही ग्रुप ने एक लाख बेसहारा लोगों को भोजन कराने का लक्ष्य रखा है.यह लक्ष्य लगभग 30 प्रतिशत पूरा भी हो गया है.

बेसहारा लोगो को भोजन देने की व्यवस्था

बता दें कि कोविड किचन से जुड़े सदस्य प्रतिदिन अपनी कार से ऋषिकेश मुनी की रेती तपोवन आईएसबीटी और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पहुंचते हैं.और उनकी कार को देखते ही बेसहारा लोगों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.

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खास बात यह है कि अब इन सदस्यों ने कोरोना की बीमारी से पीड़ित होकर मरने वालों का अंतिम संस्कार का भी खर्चे उठाने का जिम्मा उठाया है. किचन से जुड़े जितेंद्र पाल उर्फ पाठी ने बताया कि उनकी यह सेवा निस्वार्थ भाव से है. जो निरंतर जारी है , वर्ष 2020 के लॉकडाउन में भी उनकी तरफ से यह सेवा बेसहारा लोगों के लिए चलाई गई थी, जो वर्ष भी जारी है.

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