डोईवाला: देश में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. बड़े-बड़े आयोजन किए जाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए योग प्रशिक्षकों पर सरकार ध्यान नहीं देती है. लॉकडाउन के बाद से हजारों योग प्रशिक्षक घर पर बैठने को मजबूर हो गए है. जिस कारण उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
योग प्रशिक्षक अमित बिष्ट ने बताया कि कांग्रेस और बीजेपी की दोनों सरकारों ने योग को बढ़ावा देने की बात तो कही थी. लेकिन आज भी योग सिखाने वाले हजारों योग प्रशिक्षक बेरोजगार बैठे हैं, उन्होंने बताया कि सरकारें हर साल हजारों योग प्रशिक्षकों को तैयार कर रही है, लेकिन रोजगार के साधन उपलब्ध नहीं करा रही है. वहीं लॉकडाउन से पहले योग प्रशिक्षक योग सीखा भी रहे थे, लेकिन वे कोरोना काल में खाली बैठे हैं. जिससे उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
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वहीं, राज्यमंत्री करण बोरा ने बताया कि योग प्रशिक्षकों की समस्या जायज है और हजारों योग प्रशिक्षक लॉकडाउन की वजह से घर पर बैठने को मजबूर हो गए है. जिसको देखते हुए वे इस समस्या के बारे में मुख्यमंत्री को मिलकर बताएंगे और समाधान की कोशिश करेंगे, ताकि योग प्रशिक्षकों को रोजगार दिलाया जा सकें.