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महिला कल्याण विभाग की टीम ने रुकवाया बाल विवाह, जानें पूरा मामला - Womens welfare team stopped child marriage

महिला कल्याण और खण्ड स्तरीय बाल विवाह प्रतिषेध की टीम ने एक 16 वर्षीय बालिका का बाल विवाह रुकवाया. साथ ही टीम ने परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग भी की.

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महिला कल्याण और खण्ड स्तरीय बाल विवाह प्रतिषेध टीम ने रुकवाया बाल विवाह
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Published : Jun 5, 2021, 9:41 PM IST

देहरादून: एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयासों में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ देश के साथ ही प्रदेश में आज भी बाल विभाग से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला देहरादून (Dehradun) के माजरा क्षेत्र के सत्तोवाली घाटी से सामने आया है. जहां एक परिवार 16 वर्षीय बेटी की शादी करवाने के लिए हरदोई रवाना हो रहा था. मौके पर पहुंची महिला कल्याण और बाल विवाह प्रतिषेध की टीम ने बालिका का विवाह रुकवाया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए महिला शक्ति केन्द्र की महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी ने बताया कि उनके पास इस बाल विवाह को लेकर गुप्त सूचना मिली थी. जिसमें उन्हें बताया गया था कि यह परिवार अपनी दो बेटियों को लेकर उनके विवाह के लिए हरदोई रवाना होने जा रहा है, जिसमें एक बेटी की उम्र तो 18 तो दूसरी बेटी की उम्र महज 16 साल है.

पढ़ें- कोविड में अनाथ हुए बच्चों को उत्तराखंड सरकार देगी प्रति माह 3000 रुपए

जिसके बाद बिना बिना देरी करते हुए टीम ने मौके पर पहुंचकर इस बाल विवाह को रुकवाया. सरोज ध्यानी ने बताया मौके पर पहुंचकर महिला कल्याण और बाल विवाह प्रतिशोध की टीम ने परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की. उन्हें बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका का विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है . इसके साथ ही परिवार को यह चेतावनी भी दी गई कि यदि उनके द्वारा अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष पूरे होने से पहले की जाती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पढ़ें- राज्यपाल और सीएम तीरथ ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की दी शुभकामनाएं

वहीं, जब मौके पर मौजूद महिला कल्याण और बल विवाह प्रतिशोध की टीम ने 16 वर्षीय बालिका की काउंसलिंग की तो बालिका ने बताया कि वह शादी करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. वह पढ़ लिख कर आगे पुलिस में अपनी सेवाएं देना चाहती है. ऐसे में विभाग की ओर से बालिका को आश्वस्त किया गया कि यदि उसे अपनी शिक्षा पूरी करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो इसमें विभाग उसे पूरा सहयोग करेगा.

देहरादून: एक तरफ सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयासों में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ देश के साथ ही प्रदेश में आज भी बाल विभाग से जुड़े मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला देहरादून (Dehradun) के माजरा क्षेत्र के सत्तोवाली घाटी से सामने आया है. जहां एक परिवार 16 वर्षीय बेटी की शादी करवाने के लिए हरदोई रवाना हो रहा था. मौके पर पहुंची महिला कल्याण और बाल विवाह प्रतिषेध की टीम ने बालिका का विवाह रुकवाया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए महिला शक्ति केन्द्र की महिला कल्याण अधिकारी सरोज ध्यानी ने बताया कि उनके पास इस बाल विवाह को लेकर गुप्त सूचना मिली थी. जिसमें उन्हें बताया गया था कि यह परिवार अपनी दो बेटियों को लेकर उनके विवाह के लिए हरदोई रवाना होने जा रहा है, जिसमें एक बेटी की उम्र तो 18 तो दूसरी बेटी की उम्र महज 16 साल है.

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जिसके बाद बिना बिना देरी करते हुए टीम ने मौके पर पहुंचकर इस बाल विवाह को रुकवाया. सरोज ध्यानी ने बताया मौके पर पहुंचकर महिला कल्याण और बाल विवाह प्रतिशोध की टीम ने परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की. उन्हें बताया गया कि 18 वर्ष से कम आयु की बालिका का विवाह करना अपराध की श्रेणी में आता है . इसके साथ ही परिवार को यह चेतावनी भी दी गई कि यदि उनके द्वारा अपनी बेटी की शादी 18 वर्ष पूरे होने से पहले की जाती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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वहीं, जब मौके पर मौजूद महिला कल्याण और बल विवाह प्रतिशोध की टीम ने 16 वर्षीय बालिका की काउंसलिंग की तो बालिका ने बताया कि वह शादी करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. वह पढ़ लिख कर आगे पुलिस में अपनी सेवाएं देना चाहती है. ऐसे में विभाग की ओर से बालिका को आश्वस्त किया गया कि यदि उसे अपनी शिक्षा पूरी करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो इसमें विभाग उसे पूरा सहयोग करेगा.

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