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पहली बरसी पर शहीद विभूति ढौंडियाल को याद कर आंखें नम, सेना ज्वाइन करेंगी पत्नी नितिका

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Published : Feb 18, 2020, 2:15 PM IST

Updated : Feb 27, 2020, 4:43 PM IST

शहीद विभूति ढौंडियाल की आज पहली बरसी है. ऐसे में उत्तराखंड समेत पूरा देश उन्हें याद कर रहा है.

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शहीद विभूति ढौंडियाल की पहली बरसी आज

देहरादून: पुलवामा अटैक का बदला लेते हुए शहीद हुए राजधानी दून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल की आज पहली पुण्यतिथि है. ऐसे में उत्तराखंड के साथ पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. उनके बिना परिवार का ये साल किन कठिनाइयों से गुजरा होगा इस बात को शब्दों में बयां करना संभव नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी नितिका अपने पति के जज्बे से प्रेरित होकर सेना में भर्ती होने वाली हैं.

पति की शहादत के बाद दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली नितिका का सब कुछ एकदम खत्म हो गया था. शहीद विभूति की शहादत के बाद बूढ़ी मां के साथ रह रहीं नितिका ने मन बनाया है कि वो भी अपने पति के नक्शेकदम पर चलते हुए सेना के लिए तैयारी करेंगी.

विभूति ढौंडियाल को श्रद्धांजलि.

नितिका ने बताया कि उनके लिये ये राह इतनी आसान नहीं थी, लिहाजा इसके लिए दोनों परिवारों की इजाजत बेहद मायने रखती थी. इसके साथ ही सेना का सहयोग भी बेहद मायने रखता है.

उन्होंने बताया कि विभूति भले ही आज उनके साथ न हों, लेकिन उन्हें आज भी उनका साथ हमेशा मिलता है. फिलहाल वो सेना की तरफ से आने वाले कॉल लेटर का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने अपनी तरफ से हर परीक्षा को पूरी तत्परता और परिश्रम के साथ दिया है. अब उन्हें इंतजार है कि सेना की तरफ से लेटर मिलने के बाद एक बार फिर से अपने पति की तरह ही वो सेना की वर्दी में दिखाई देंगी.

ये भी पढ़ें: शहीद मेजर की पत्नी के जोशीले शब्दः 'तुम झूठ बोलते थे तुम मुझसे प्यार करते हो...तुम तो देश से प्यार करते थे'

नितिका बताती हैं कि विभूति के जाने के बाद एक साल कैसे बीता है ये उनका परिवार ही जानता है, क्योंकि किसी अपने की यादों को भूलना आसान नहीं होता. आज भी जब पूरा परिवार एक साथ बैठता है तो विभूति की शरारती बातें और आदतें को याद कर कभी हंसात पड़ता है तो कभी उनकी यादें रुला जाती हैं.

वहीं, शहीद विभूति ढौंडियाल की मां भी बहू के इस फैसले से काफी खुश हैं. वो कहती हैं कि बहू के सेना में जाने से उन्हें ठीक वैसा ही लग रहा है जैसा बेटे के सेना में भर्ती होने पर लगा था. भले ही आज वो दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अब वो अपनी बहू के अंदर ही विभूति को देखती हैं.

पुलवामा में शहीद हुए थे मेजर विभूति

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था. इस ऑपरेशन में मेजर विभूति अपनी टीम को लीड कर रहे थे. इस दौरान पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को मेजर विभूति की टीम ने मार गिराया, लेकिन मेजर विभूति आंतकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.

नितिका के प्यार को देख सबकी आंखों में आ गए थे आंसू

अपने पति शहीद विभूति के ताबूत के पास खड़ी होकर नितिका ने जब अपने दिल की बात कही तो उनके प्यार को देख सब रो पड़े थे. नितिका ने जोश के साथ अपने पति को सैल्यूट किया था और कहा था-

"तुम झूठ बोलते थे कि तुम मुझसे प्यार करते थे

तुम तो देश से प्यार करते थे

ये बात देख कर मुझे जलन होती है

तुम जिनको जानते भी नहीं थे...तुमने उनके लिए जान दी

तुमने मुझे फोकस रहना सिखाया

विभूति मैं तुमसे अंतिम सांस तक प्यार करूंगी

मैं लोगों से कहूंगी कि लोग सहानभूति ना जताएं

मैं सब से कहूंगी कि चलो जाते-जाते इनको सब सैल्यूट करते हैं"

देहरादून: पुलवामा अटैक का बदला लेते हुए शहीद हुए राजधानी दून निवासी मेजर विभूति ढौंडियाल की आज पहली पुण्यतिथि है. ऐसे में उत्तराखंड के साथ पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. उनके बिना परिवार का ये साल किन कठिनाइयों से गुजरा होगा इस बात को शब्दों में बयां करना संभव नहीं है, लेकिन उनकी पत्नी नितिका अपने पति के जज्बे से प्रेरित होकर सेना में भर्ती होने वाली हैं.

पति की शहादत के बाद दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाली नितिका का सब कुछ एकदम खत्म हो गया था. शहीद विभूति की शहादत के बाद बूढ़ी मां के साथ रह रहीं नितिका ने मन बनाया है कि वो भी अपने पति के नक्शेकदम पर चलते हुए सेना के लिए तैयारी करेंगी.

विभूति ढौंडियाल को श्रद्धांजलि.

नितिका ने बताया कि उनके लिये ये राह इतनी आसान नहीं थी, लिहाजा इसके लिए दोनों परिवारों की इजाजत बेहद मायने रखती थी. इसके साथ ही सेना का सहयोग भी बेहद मायने रखता है.

उन्होंने बताया कि विभूति भले ही आज उनके साथ न हों, लेकिन उन्हें आज भी उनका साथ हमेशा मिलता है. फिलहाल वो सेना की तरफ से आने वाले कॉल लेटर का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने अपनी तरफ से हर परीक्षा को पूरी तत्परता और परिश्रम के साथ दिया है. अब उन्हें इंतजार है कि सेना की तरफ से लेटर मिलने के बाद एक बार फिर से अपने पति की तरह ही वो सेना की वर्दी में दिखाई देंगी.

ये भी पढ़ें: शहीद मेजर की पत्नी के जोशीले शब्दः 'तुम झूठ बोलते थे तुम मुझसे प्यार करते हो...तुम तो देश से प्यार करते थे'

नितिका बताती हैं कि विभूति के जाने के बाद एक साल कैसे बीता है ये उनका परिवार ही जानता है, क्योंकि किसी अपने की यादों को भूलना आसान नहीं होता. आज भी जब पूरा परिवार एक साथ बैठता है तो विभूति की शरारती बातें और आदतें को याद कर कभी हंसात पड़ता है तो कभी उनकी यादें रुला जाती हैं.

वहीं, शहीद विभूति ढौंडियाल की मां भी बहू के इस फैसले से काफी खुश हैं. वो कहती हैं कि बहू के सेना में जाने से उन्हें ठीक वैसा ही लग रहा है जैसा बेटे के सेना में भर्ती होने पर लगा था. भले ही आज वो दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अब वो अपनी बहू के अंदर ही विभूति को देखती हैं.

पुलवामा में शहीद हुए थे मेजर विभूति

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के बाद सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था. इस ऑपरेशन में मेजर विभूति अपनी टीम को लीड कर रहे थे. इस दौरान पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड को मेजर विभूति की टीम ने मार गिराया, लेकिन मेजर विभूति आंतकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.

नितिका के प्यार को देख सबकी आंखों में आ गए थे आंसू

अपने पति शहीद विभूति के ताबूत के पास खड़ी होकर नितिका ने जब अपने दिल की बात कही तो उनके प्यार को देख सब रो पड़े थे. नितिका ने जोश के साथ अपने पति को सैल्यूट किया था और कहा था-

"तुम झूठ बोलते थे कि तुम मुझसे प्यार करते थे

तुम तो देश से प्यार करते थे

ये बात देख कर मुझे जलन होती है

तुम जिनको जानते भी नहीं थे...तुमने उनके लिए जान दी

तुमने मुझे फोकस रहना सिखाया

विभूति मैं तुमसे अंतिम सांस तक प्यार करूंगी

मैं लोगों से कहूंगी कि लोग सहानभूति ना जताएं

मैं सब से कहूंगी कि चलो जाते-जाते इनको सब सैल्यूट करते हैं"

Last Updated : Feb 27, 2020, 4:43 PM IST
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