देहरादून: उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के सपने को पूरा करने के लिए बड़े-बड़े बांधों के निर्माणों को स्वीकृति दी जा रही है. जिसका समाजिक संस्था लगातार पुरजोर तरीके से विरोध करती आई है. नदियों के लिए काम कर रही जल बिरादरी संस्था प्रदेश में बन रहे बड़े बांधों के विरोध में गंगा अविरल यात्रा निकालने जा रही है.
जल बिरादरी संस्था ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड में राजनीतिक पार्टियों अपने स्वार्थ के लिए दर्जनों बांधों की स्वीकृति बांध माफिया को दे रही है. उन्होंने कहा कि इन बांधों के बनने से उत्तराखंड के लोगों का पलायन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. संस्था का कहना है कि सरकारें धीरे-धीरे उत्तराखंड के पांच प्रयागों को बांध माफिया को भेज देंगे. जिससे गंगा और अन्य नदियों की निर्मलता एवं अविरलता खत्म हो जाएगी.
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जल बिरादरी संस्था की प्रदेश अध्यक्ष विनीता चौधरी का कहना है कि पंच प्रयागों में सरकार ने 24 बांधों की स्वीकृति दी है. जिन्हें बचाने के लिए गंगा अविरल यात्रा निकाली जा रही है. जिसके लिए जल बिरादरी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विश्व विख्यात जल पुरुष राजेंद्र सिंह सात दिवसीय गंगा अविरलता यात्रा का शुभारंभ देहरादून से करेंगे. जो देहरादून, ऋषिकेश, देवप्रयाग, पौड़ी, श्रीनगर होते हुए विष्णुप्रयाग पहुंचेंगे.
जिसके बाद आखिर में देश के अंतिम गांव बदरीनाथ माणा गांव में जाकर जनसंपर्क करेंगे. इस यात्रा में जनता को बड़े बांधों के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में अगर डैम बनाए जाएं तो छोटे-छोटे डैम बनाए जाने चाहिए.