देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की तीन साल पहले की गई घोषणा पर भी 7 किलोमीटर की सड़क का चौड़ीकरण ना होना लोक निर्माण विभाग की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है. सड़क के चौड़ीकरण का ना होना राहगीरों और ग्रामीणों की जान पर भारी पड़ रहा है. आलम ये है कि संकरी रोड पर दौड़ रहे भारी वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. जिससे कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 3 साल पहले दूधली से लेकर डोईवाला तक 7 किलोमीटर मार्ग के चौड़ीकरण की घोषणा की थी. इतने साल बीत जाने के बाद भी लोक निर्माण विभाग बजट का रोना रो रहा है, जबकि रोड के चौड़ीकरण के लिए ग्रामीण कई बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी लोक निर्माण विभाग पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की घोषणा पर पलीता लगा रहा है.
पूर्व ग्राम प्रधान सिमलाश ग्रांट उम्मेद बोरा ने कहा कि स्कूली बच्चों से लेकर कई बुजुर्ग वाहनों की टक्कर से अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन विभाग की अनदेखी ग्रामीणों और राहगीरों पर भारी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि अगर अब मार्ग का चौड़ीकरण नहीं किया गया, तो एक बार फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा. वहीं, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि 19 करोड़ रुपये का बजट शासन को मंजूरी के लिए भेजा है. बजट के मिलने पर रोड के चौड़ीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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बता दें कि जब विधानसभा सत्र शुरू होता है, तो हरिद्वार वाया देहरादून आने जाने वाले वाहनों को इसी मार्ग से भेजा जाता है, लेकिन 7 किलोमीटर मार्ग के बेहद संकरा होने से लोगों का रोड पर चलना भी दूभर हो जाता है. कई गांवों के ग्रामीण इसी मार्ग से देहरादून डोईवाला आते जाते हैं. ऐसे में स्कूली बच्चों के अभिभावकों को हमेशा अनहोनी का खतरा सताता रहता है.
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