ETV Bharat / state

उत्तराखंड के इस गांव में शराब पीकर एंट्री की तो होगी 'चुटान व कुटाई'...चर्चाओं में शराब विरोधी बोर्ड

author img

By

Published : Jul 6, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Jul 6, 2023, 5:31 PM IST

गढ़वाल स्थित भट्टीधार गांव में शराब की समस्या से छुटकारा पाने के लिए ग्रामीणों ने पहल की है. जिसके तहत गांव के मुख्य चौराहों तक बोर्ड लगाए गए हैं. बोर्ड में शराब पीकर गांव में प्रवेश करने पर पिटाई होने की बात अंकित है. बहरहाल ये पहल शुरू होने के बाद ग्रामीणों में सुधार देखा गया है.

alcohol problem in uttarakhand villages
alcohol problem in uttarakhand villages

देहरादून: प्रदेश में ऐसे कई गांव हैं, जहां शादियों में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी क्रम में गढ़वाल स्थित भट्टीधार गांव ने इससे एक कदम आगे आकर गांव की सड़क से लेकर गांव के मुख्य चौराहों तक कुछ बोर्ड लगाए हैं, जो अब चर्चाओं में हैं. बोर्ड पर साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में शराब या नशे की हालत में प्रवेश करता है, तो उसकी पिटाई की जाएगी. अच्छी बात ये है कि इस बोर्ड के लगने के बाद से यहां के युवा और बुजुर्गों ने शराब का सेवन करना बंद कर दिया है.

भट्टीधार गांव ने की पहल: चमोली जिले में स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा भवन से कुछ किलोमीटर दूर स्थित भट्टीधार गांव में लगभग 25 परिवार रहते हैं. पहले यहां परिवारों की संख्या अधिक थी, लेकिन वर्तमान समय में लगभग 25 परिवारों का एक ये गांव बेहद खुशहाल और खूबसूरत है. महिला मंगल दल की अध्यक्ष बसंती देवी ने बताया कि गांव में कुछ बुजुर्ग और कुछ युवा शराब के आदी हो चुके थे, जिससे आए दिन परिवारों में झगड़े होते थे. आलम ये था कि गांव में बाहर से अगर कोई बारात आती या कोई कार्यक्रम होता, तो लोग शराब पीकर देर रात हुड़दंग करते थे. इस तरह के कार्यों से गांव का माहौल खराब हो रहा था.

alcohol problem in uttarakhand villages
ग्रामीणों द्वारा घरों व गांव के बाहर लगाए गए बोर्ड.

बसंती देवी बताती हैं कि, गांव का माहौल खराब हो रहा था और ऐसे में क्या करें किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. तब गांव के अनुभवी लोगों ने इस बारे में कानूनी राय ली और ये पहल शुरू की. अब लोगों में ये डर है कि अगर कहीं से भी लड़ाई-झगड़े या शराब की खबर आई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें- उत्तराखंड में शराब मुक्त शादी करने पर मिलेगा सम्मान, 120 परिवार कर चुके पहल

ऐसे बना बोर्ड लगाने का प्लान: बात को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय निवासी किशन राम ने बताया कि, गांव का माहौल देखते हुए उनका एक दल पास के ही पुलिस थाना और वकील से सलाह लेने पहुंचा था. गांव वालों ने उन्हें अपना प्लान बताया कि अगर गांव में इस तरह के बोर्ड लगवाते हैं तो काफी हद तक शराब की समस्या से छुटकारा मिलेगा. बाहर से आने वाले लोग भी ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि एक समूह भी बनाया हुआ है, जो ऐसी घटनाओं पर तुरंत संबंधित व्यक्ति के पास पहुंचता है. अच्छी बात ये है कि गांव में बोर्ड लगाने के बाद अब कई गांवों में इस तरह की पहल शुरू की है. आसपास के कई गांव हैं, जहां पर इसी तरह के बोर्ड लगा दिए गए हैं.

alcohol problem in uttarakhand villages
उत्तरकाशी में मट्टी गांव की महिलाएं.

उत्तरकाशी में भी शराब पर बैन: उत्तरकाशी जिले में गंगा और यमुना घाटी के कई गांवों में शराब के बढ़ते प्रचलन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बीते जून महीने में डुंडा विकासखंड के मट्टी गांव में भी नशे पर लगाम लगाने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही पहल शुरू की गई है. मट्टी ग्राम प्रधान संगीता पैन्यूली की अध्यक्षता में खुली बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गांववालों ने फैसला लिया है कि शादी समारोह या अन्य किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शराब नहीं परोसी जाएगी. नियम का उल्लंघन करने पर ₹5100 का जुर्माना लगेगा. जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें: शादी समारोह में नहीं पिलाई जाएगी शराब, पकड़े गए तो देने होगा मोटा जुर्माना

ग्राम प्रधान संगीता पैन्यूली का कहना था कि शराब की वजह से शादी हो या अन्य समारोह में माहौल खराब होता है. युवा भी इस नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं. नशा करने वाले आए दिन घर में महिलाओं के साथ मारपीट और क्लेश करते हैं. मट्टी गांव की पूरी भौगोलिक सीमा को शराब प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. गांव की सीमा में शराब की बिक्री या समारोह में शराब परोसने वाले के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. पंचायत का ये नियम तोड़ने पर कानून कार्रवाई होगी. इस प्रस्ताव की सूचना प्रशासन को भी दी गई है.

alcohol problem in uttarakhand villages
नशे के खिलाफ बैठक करते पिथौरागढ़ के ग्रामीण.

गांव में शराब पीकर आने पर देना होगा 55 हजार का जुर्माना: केवल गढ़वाल ही नहीं, कुमाऊं के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी ग्रामीण महिलाओं ने समूह बनाकर शराब पीने वालों पर कार्रवाई करने का पूरा प्लान तैयार किया है. हालांकि, इस गांव में साल 2022 से ही यह कवायद शुरू हो गई थी. बेरीनाग की वैशाली ग्राम पंचायत में महिलाओं ने बैठक करके ये फैसला लिया था कि किसी भी शादी, जन्मदिन और देवी देवताओं के कार्यक्रम में पुरुषों या महिलाओं द्वारा किसी भी तरह का नशे का सेवन नहीं किया जाएगा. अगर ऐसा कोई करता है तो उसे गांव से बेदखल किया जा सकता है साथ ही ₹55000 रुपए जुर्माना देना होगा. प्रधान रेखा देवी ने बैठक कर महिलाओं के साथ यह फैसला लिया कि गांव में अगर कोई शराब पीकर हुड़दंग या घर में लड़ाई झगड़ा करता है तो उससे ₹51000 वसूलने का प्रावधान ग्राम पंचायत ने किया है. वहीं, जुर्माना वसूलने वालों के साथ अभद्रता करने पर उस परिवार को ग्राम पंचायत और व्यास ऋषि मेला समिति की ओर से सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Uttarakhand Wedding Rule: बारात में नहीं जा सकेंगी यहां की महिलाएं, शादी में शराब परोसने पर 55 हजार का जुर्माना

देहरादून: प्रदेश में ऐसे कई गांव हैं, जहां शादियों में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसी क्रम में गढ़वाल स्थित भट्टीधार गांव ने इससे एक कदम आगे आकर गांव की सड़क से लेकर गांव के मुख्य चौराहों तक कुछ बोर्ड लगाए हैं, जो अब चर्चाओं में हैं. बोर्ड पर साफ तौर पर लिखा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति गांव में शराब या नशे की हालत में प्रवेश करता है, तो उसकी पिटाई की जाएगी. अच्छी बात ये है कि इस बोर्ड के लगने के बाद से यहां के युवा और बुजुर्गों ने शराब का सेवन करना बंद कर दिया है.

भट्टीधार गांव ने की पहल: चमोली जिले में स्थित भराड़ीसैंण विधानसभा भवन से कुछ किलोमीटर दूर स्थित भट्टीधार गांव में लगभग 25 परिवार रहते हैं. पहले यहां परिवारों की संख्या अधिक थी, लेकिन वर्तमान समय में लगभग 25 परिवारों का एक ये गांव बेहद खुशहाल और खूबसूरत है. महिला मंगल दल की अध्यक्ष बसंती देवी ने बताया कि गांव में कुछ बुजुर्ग और कुछ युवा शराब के आदी हो चुके थे, जिससे आए दिन परिवारों में झगड़े होते थे. आलम ये था कि गांव में बाहर से अगर कोई बारात आती या कोई कार्यक्रम होता, तो लोग शराब पीकर देर रात हुड़दंग करते थे. इस तरह के कार्यों से गांव का माहौल खराब हो रहा था.

alcohol problem in uttarakhand villages
ग्रामीणों द्वारा घरों व गांव के बाहर लगाए गए बोर्ड.

बसंती देवी बताती हैं कि, गांव का माहौल खराब हो रहा था और ऐसे में क्या करें किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. तब गांव के अनुभवी लोगों ने इस बारे में कानूनी राय ली और ये पहल शुरू की. अब लोगों में ये डर है कि अगर कहीं से भी लड़ाई-झगड़े या शराब की खबर आई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें- उत्तराखंड में शराब मुक्त शादी करने पर मिलेगा सम्मान, 120 परिवार कर चुके पहल

ऐसे बना बोर्ड लगाने का प्लान: बात को आगे बढ़ाते हुए स्थानीय निवासी किशन राम ने बताया कि, गांव का माहौल देखते हुए उनका एक दल पास के ही पुलिस थाना और वकील से सलाह लेने पहुंचा था. गांव वालों ने उन्हें अपना प्लान बताया कि अगर गांव में इस तरह के बोर्ड लगवाते हैं तो काफी हद तक शराब की समस्या से छुटकारा मिलेगा. बाहर से आने वाले लोग भी ऐसा नहीं करेंगे. उन्होंने बताया कि एक समूह भी बनाया हुआ है, जो ऐसी घटनाओं पर तुरंत संबंधित व्यक्ति के पास पहुंचता है. अच्छी बात ये है कि गांव में बोर्ड लगाने के बाद अब कई गांवों में इस तरह की पहल शुरू की है. आसपास के कई गांव हैं, जहां पर इसी तरह के बोर्ड लगा दिए गए हैं.

alcohol problem in uttarakhand villages
उत्तरकाशी में मट्टी गांव की महिलाएं.

उत्तरकाशी में भी शराब पर बैन: उत्तरकाशी जिले में गंगा और यमुना घाटी के कई गांवों में शराब के बढ़ते प्रचलन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बीते जून महीने में डुंडा विकासखंड के मट्टी गांव में भी नशे पर लगाम लगाने के लिए ग्रामीणों द्वारा ही पहल शुरू की गई है. मट्टी ग्राम प्रधान संगीता पैन्यूली की अध्यक्षता में खुली बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गांववालों ने फैसला लिया है कि शादी समारोह या अन्य किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शराब नहीं परोसी जाएगी. नियम का उल्लंघन करने पर ₹5100 का जुर्माना लगेगा. जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें: शादी समारोह में नहीं पिलाई जाएगी शराब, पकड़े गए तो देने होगा मोटा जुर्माना

ग्राम प्रधान संगीता पैन्यूली का कहना था कि शराब की वजह से शादी हो या अन्य समारोह में माहौल खराब होता है. युवा भी इस नशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं. नशा करने वाले आए दिन घर में महिलाओं के साथ मारपीट और क्लेश करते हैं. मट्टी गांव की पूरी भौगोलिक सीमा को शराब प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. गांव की सीमा में शराब की बिक्री या समारोह में शराब परोसने वाले के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. पंचायत का ये नियम तोड़ने पर कानून कार्रवाई होगी. इस प्रस्ताव की सूचना प्रशासन को भी दी गई है.

alcohol problem in uttarakhand villages
नशे के खिलाफ बैठक करते पिथौरागढ़ के ग्रामीण.

गांव में शराब पीकर आने पर देना होगा 55 हजार का जुर्माना: केवल गढ़वाल ही नहीं, कुमाऊं के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में भी ग्रामीण महिलाओं ने समूह बनाकर शराब पीने वालों पर कार्रवाई करने का पूरा प्लान तैयार किया है. हालांकि, इस गांव में साल 2022 से ही यह कवायद शुरू हो गई थी. बेरीनाग की वैशाली ग्राम पंचायत में महिलाओं ने बैठक करके ये फैसला लिया था कि किसी भी शादी, जन्मदिन और देवी देवताओं के कार्यक्रम में पुरुषों या महिलाओं द्वारा किसी भी तरह का नशे का सेवन नहीं किया जाएगा. अगर ऐसा कोई करता है तो उसे गांव से बेदखल किया जा सकता है साथ ही ₹55000 रुपए जुर्माना देना होगा. प्रधान रेखा देवी ने बैठक कर महिलाओं के साथ यह फैसला लिया कि गांव में अगर कोई शराब पीकर हुड़दंग या घर में लड़ाई झगड़ा करता है तो उससे ₹51000 वसूलने का प्रावधान ग्राम पंचायत ने किया है. वहीं, जुर्माना वसूलने वालों के साथ अभद्रता करने पर उस परिवार को ग्राम पंचायत और व्यास ऋषि मेला समिति की ओर से सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: Uttarakhand Wedding Rule: बारात में नहीं जा सकेंगी यहां की महिलाएं, शादी में शराब परोसने पर 55 हजार का जुर्माना

Last Updated : Jul 6, 2023, 5:31 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.