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लोक गायक जीत सिंह के नाम पर होगा संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम

उत्तराखंड में लोक संस्कृति के संरक्षण को गायन के जरिये संरक्षित करने में स्वर्गीय जीत सिंह नेगी का बड़ा योगदान रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय जीत सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर करने की घोषण की है.

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लोक गायक जीत सिंह के नाम पर होगा संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम
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Published : Jul 2, 2020, 8:22 PM IST

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक और गीतकार स्वर्गीय जीत सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा स्वर्गीय जीत सिंह नेगी उत्तराखंड लोक संगीत का प्रमुख स्तंभ थे. गढ़वाली लोकगीत को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाने का सबसे पहले श्रेय जीत सिंह नेगी को ही जाता है.

साल 1947 में एचएमवी ने उनके गीतों को उन्हीं की आवाज में रिकॉर्ड किया था. उन्होंने लोक कलाओं की अनेक विधाओं में योगदान दिया है. वे लोक कलाकार के साथ ही रंगकर्मी भी थे. उनके गीतों में पहाड़ की भावनाएं महसूस की जा सकती हैं. जिसे देखते हुए देहरादून स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर रखा गया.

पढ़ें- कोरोना टेस्टिंग को दिया जा रहा बढ़ावा, फ्रंट लाइन वॉरियर का लिया गया सैंपल

उत्तराखंड में लोक संस्कृति के संरक्षण को गायन के जरिये संरक्षित करने में स्वर्गीय जीत सिंह नेगी का बड़ा योगदान रहा. मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय जीत सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर करने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में वे सदैव सभी के प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे. हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का उद्घाटन इसी साल फरवरी में किया गया है. इस हाईटेक प्रेक्षागृह की क्षमता 270 लोगों के बैठने की है.

पढ़ें- यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर बड़ा हादसा, चार मंजिला होटल पर गिरा विशालकाय बोल्डर

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सभ्यता अपनी संस्कृति से ही जीवंत रहती है. राज्य सरकार उत्तराखंड की संस्कृति को देश व दुनिया तक पहुंचाने के लिए हमेशा से ही प्रयासरत रही है. उन्होंने बताया उनकी सरकार में लोक कलाकारों के संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण काम किए जा रहे हैं. वृद्ध कलाकारों व लेखकों को मासिक पेंशन, सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े स्वायत्तशासी संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है.

पढ़ें- फर्जी ट्रांसफर ऑर्डर मामला: परिवहन विभाग का बड़ा अधिकारी भी लपेटे में, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों व प्राचीन भवनों का संरक्षण किया जा रहा है. क्षेत्रीय एवं स्थानीय संग्रहालयों के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. कला एवं अन्य विधाओं से जुड़े निर्धन कलाकारों तथा उनके आश्रितों को वित्तीय मदद भी सरकार द्वारा की जा रही है. कोविड-19 के दृष्टिगत भी संस्कृति विभाग में सूचिबद्ध कलाकारों को एक-एक हजार रुपए की वनटाइम आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक और गीतकार स्वर्गीय जीत सिंह नेगी के नाम पर रखे जाने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ने कहा स्वर्गीय जीत सिंह नेगी उत्तराखंड लोक संगीत का प्रमुख स्तंभ थे. गढ़वाली लोकगीत को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता दिलाने का सबसे पहले श्रेय जीत सिंह नेगी को ही जाता है.

साल 1947 में एचएमवी ने उनके गीतों को उन्हीं की आवाज में रिकॉर्ड किया था. उन्होंने लोक कलाओं की अनेक विधाओं में योगदान दिया है. वे लोक कलाकार के साथ ही रंगकर्मी भी थे. उनके गीतों में पहाड़ की भावनाएं महसूस की जा सकती हैं. जिसे देखते हुए देहरादून स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर रखा गया.

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उत्तराखंड में लोक संस्कृति के संरक्षण को गायन के जरिये संरक्षित करने में स्वर्गीय जीत सिंह नेगी का बड़ा योगदान रहा. मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय जीत सिंह नेगी को श्रद्धांजलि देते हुए प्रेक्षागृह का नाम उनके नाम पर करने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में वे सदैव सभी के प्रेरणा स्त्रोत बने रहेंगे. हरिद्वार बाईपास पर आकाशवाणी भवन के निकट स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह का उद्घाटन इसी साल फरवरी में किया गया है. इस हाईटेक प्रेक्षागृह की क्षमता 270 लोगों के बैठने की है.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी सभ्यता अपनी संस्कृति से ही जीवंत रहती है. राज्य सरकार उत्तराखंड की संस्कृति को देश व दुनिया तक पहुंचाने के लिए हमेशा से ही प्रयासरत रही है. उन्होंने बताया उनकी सरकार में लोक कलाकारों के संरक्षण के लिए अनेक महत्वपूर्ण काम किए जा रहे हैं. वृद्ध कलाकारों व लेखकों को मासिक पेंशन, सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़े स्वायत्तशासी संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा है.

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सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों व प्राचीन भवनों का संरक्षण किया जा रहा है. क्षेत्रीय एवं स्थानीय संग्रहालयों के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. कला एवं अन्य विधाओं से जुड़े निर्धन कलाकारों तथा उनके आश्रितों को वित्तीय मदद भी सरकार द्वारा की जा रही है. कोविड-19 के दृष्टिगत भी संस्कृति विभाग में सूचिबद्ध कलाकारों को एक-एक हजार रुपए की वनटाइम आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.

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