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'सरकार' का काम करने वाले फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को मदद की दरकार

उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्य अभी तक 20 से ज्यादा कोरोना संक्रमित लोगों का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर कर चुके हैं, लेकिन अब वे इसके लिए बजट नहीं जुटा पा रहे हैं. इसीलिए उन्होंने सरकार के आर्थिक मदद की दरख्वास्त की है.

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कोरोना वॉरियर्स को मदद की दरकार
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Published : Nov 27, 2020, 8:09 PM IST

देहरादून: मन में अगर सेवा भाव हो तो इंसान कैसी भी परिस्थिति में आगे आकर जरूरतमंदों की मदद जरूर करता है. ईटीवी भारत आज अपनी इस रिपोर्ट में आपको कुछ ऐसे फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स से रूबरू कराने जा रहा है, जो पिछले काफी समय से उन लोगों के अंतिम संस्कार में जुटे हैं जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है.

कोरोना संकट काल में राजधानी देहरादून में उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्यों की ओर से बेहद ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है. उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्य रविंद्र आनंद और उनकी टीम के सदस्य कोरोना संकट काल में जारी लॉकडाउन से ही जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार का बीड़ा भी उठाया है, जिनकी मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है.

फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को मदद की दरकार

पढ़ें- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 'गेमचेंजर' साबित हो सकती है ये 10 वैक्सीन

ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्य रविंद्र आनंद ने बताया कि जब पहली बार उप जिलाधिकारी देहरादून ने उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण मृत लोगों का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी दी तो वो काफी घबरा गये थे, लेकिन उन्होंने यह सोचकर अपनी टीम के साथ इस कार्य को करने का बीड़ा उठाया कि आखिर किसी न किसी को तो यह जिम्मेदारी उठानी ही होगी. रविंद्र आनंद अभी तक 20 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं.

रविन्द्र बताते हैं कि पहले वो कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल से रायपुर स्थित श्मसान घाट ले जाने की व्यवस्था करते हैं. ये काम उनकी टीम अपने स्तर पर ही करती है. इस काम के लिए पंजाबी महासभा प्रशासन से पैसा नहीं लेती. रविन्द्र के मुताबिक, एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में करीब आठ हजार रुपए का खर्च आता है.

बता दें कि महासभा की दो महिला सदस्य भी इस काम में रविंद्र का बढ़-चढ़कर साथ दे रही हैं. महिला सदस्य गुरदीप कौर ने बताया कि वो अपनी बेटी के साथ कोरोना संक्रमित मृतकों के दाह संस्कार में सहयोग प्रदान कर रही हैं. बतौर टीम की सदस्य वह श्मसान घाट पहुंचने वाले अपने सदस्यों के लिए पीपीटी किट और फंड का इंतजाम करती हैं.

पढ़ें- पौड़ी में सता रहा कोरोना का डर, 20 से 25 फीसदी छात्र ही पहुंच रहे स्कूल

ईटीवी भारत के माध्यम से इन कोरोना वॉरियर्स की सरकार से दरख्वास्त है कि उन्हें कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए कुछ आर्थिक सहायता दी जाए. वर्तमान में वह किसी तरह अपने खर्च पर कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, लेकिन समय बीतने के साथ ही उनके लिए यह कर पाना अब काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

देहरादून: मन में अगर सेवा भाव हो तो इंसान कैसी भी परिस्थिति में आगे आकर जरूरतमंदों की मदद जरूर करता है. ईटीवी भारत आज अपनी इस रिपोर्ट में आपको कुछ ऐसे फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स से रूबरू कराने जा रहा है, जो पिछले काफी समय से उन लोगों के अंतिम संस्कार में जुटे हैं जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है.

कोरोना संकट काल में राजधानी देहरादून में उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्यों की ओर से बेहद ही सराहनीय कार्य किया जा रहा है. उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्य रविंद्र आनंद और उनकी टीम के सदस्य कोरोना संकट काल में जारी लॉकडाउन से ही जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने ऐसे लोगों के अंतिम संस्कार का बीड़ा भी उठाया है, जिनकी मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है.

फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को मदद की दरकार

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ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तरांचल पंजाबी महासभा के सदस्य रविंद्र आनंद ने बताया कि जब पहली बार उप जिलाधिकारी देहरादून ने उन्हें कोरोना संक्रमण के कारण मृत लोगों का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी दी तो वो काफी घबरा गये थे, लेकिन उन्होंने यह सोचकर अपनी टीम के साथ इस कार्य को करने का बीड़ा उठाया कि आखिर किसी न किसी को तो यह जिम्मेदारी उठानी ही होगी. रविंद्र आनंद अभी तक 20 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं.

रविन्द्र बताते हैं कि पहले वो कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल से रायपुर स्थित श्मसान घाट ले जाने की व्यवस्था करते हैं. ये काम उनकी टीम अपने स्तर पर ही करती है. इस काम के लिए पंजाबी महासभा प्रशासन से पैसा नहीं लेती. रविन्द्र के मुताबिक, एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में करीब आठ हजार रुपए का खर्च आता है.

बता दें कि महासभा की दो महिला सदस्य भी इस काम में रविंद्र का बढ़-चढ़कर साथ दे रही हैं. महिला सदस्य गुरदीप कौर ने बताया कि वो अपनी बेटी के साथ कोरोना संक्रमित मृतकों के दाह संस्कार में सहयोग प्रदान कर रही हैं. बतौर टीम की सदस्य वह श्मसान घाट पहुंचने वाले अपने सदस्यों के लिए पीपीटी किट और फंड का इंतजाम करती हैं.

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ईटीवी भारत के माध्यम से इन कोरोना वॉरियर्स की सरकार से दरख्वास्त है कि उन्हें कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए कुछ आर्थिक सहायता दी जाए. वर्तमान में वह किसी तरह अपने खर्च पर कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, लेकिन समय बीतने के साथ ही उनके लिए यह कर पाना अब काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है.

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