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नशामुक्ति का संदेश देने पदयात्रा पर निकला महेश पहुंचा बस्तर, नागालैंड से शुरू किया था सफर - Message of deaddiction youth of Uttarakhand Mahesh Nainwal

उत्तराखंड का युवक महेश नैनवाल नशामुक्ति का संदेश (Message of deaddiction youth of Uttarakhand Mahesh Nainwal) लेकर पूरे भारत की पदयात्रा पर निकला (padyatra with message of deaddiction ) है. आज महेश बस्तर पहुंचा है.

padyatra with message of deaddiction
नशामुक्ति का संदेश देने पदयात्रा पर निकला महेश पहुंचा बस्तर.
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Published : Jun 23, 2022, 5:46 PM IST

देहरादून: नशा से होने वाले नुकसान को देखते हुए भारत को नशामुक्ति का संदेश देने उत्तराखंड के एक युवक ने पदयात्रा शुरू की है. नौजवान युवक पदयात्रा पर है. गुरुवार को युवक बस्तर पहुंचा (Uttarakhand youth reached Bastar on padyatra with message of deaddiction) है.

बिना पैसे के शुरू की यात्रा: युवाओं की मानसिक स्थिति को मजबूत करने और उनके लिए प्रेरणा स्रोत बनने को इस युवक ने पदयात्रा के माध्यम से एक संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि देश का कोई भी युवा चाहे वह किसी भी स्तर के हों, उन्हें नशा मुक्त रहना चाहिए. इसके अलावा यदि वह किसी फील्ड में अपना पहचान बनाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है. फिर भी वे यदि मन में ठान लें कि मैं बिना पैसे के भी कुछ कर सकता हूं और अपनी मंजिल को पा सकता हूं तो राह उसके लिए आसान होगी. इसी का संदेश देते हुए उत्तराखंड के नौजवान युवक महेश नैनवाल ने बिना पैसे के पदयात्रा शुरू की है.

नशामुक्ति का संदेश देने पदयात्रा पर निकला महेश पहुंचा बस्तर.

महेश नैनवाल का सफर: महेश नैनवाल ने कहते हैं कि " वो उत्तराखंड केदारनाथ के जिला रुद्रप्रयाग के निवासी हैं. जनवरी से अपना सफर नागालैंड राज्य से शुरू किया था. गुरुवार को पदयात्रा के 164 दिन पूरे हो चुके हैं. इस सफर के दौरान हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हुए 12 राज्यों का पैदल सफर तय किया है. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल, सिक्किम, वेस्ट बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की यात्रा की है".

यह भी पढ़ें: Surguja Police की अनोखी पहलः अब नशेड़ियों पर नकेल नहीं, नशे को ही जड़ से खत्म करेगी पुलिस

सफर के दौरान दिक्कतें: महेश ने बातचीत करते हुए बताया कि "ठंड के मौसम में अपना सफर शुरू किया था. जैसे ही सफर शुरू किया तो ठंड काफी ज्यादा होने के कारण एक समय ऐसा लगा कि अब अपनी यात्रा खत्म कर लें और वापस घर चले जाएं. लेकिन भारत यात्रा की ठानी थी. ठंड के मौसम को मात देते हुए मैं आगे बढ़ते चला गया. सफर के दौरान पटना में एक वाकया हुआ. कुछ किन्नर मेरे पास पहुंचे और मोबाइल व हेडफोन छीन लिया और उसे तोड़ने की धमकी देते हुए 2000 रुपये की मांग करने लगे. इसके बाद मैंने बिना पैसे के ही अपनी यात्रा के बारे में उन्हें बताया और ऑनलाइन माध्यम से 500 रुपये उन्हें ट्रांसफर किए. जिसके बाद उन्होंने आगे बढ़ने दिया और सामान भी वापस कर दिया".

देहरादून: नशा से होने वाले नुकसान को देखते हुए भारत को नशामुक्ति का संदेश देने उत्तराखंड के एक युवक ने पदयात्रा शुरू की है. नौजवान युवक पदयात्रा पर है. गुरुवार को युवक बस्तर पहुंचा (Uttarakhand youth reached Bastar on padyatra with message of deaddiction) है.

बिना पैसे के शुरू की यात्रा: युवाओं की मानसिक स्थिति को मजबूत करने और उनके लिए प्रेरणा स्रोत बनने को इस युवक ने पदयात्रा के माध्यम से एक संदेश पहुंचाने की कोशिश की है कि देश का कोई भी युवा चाहे वह किसी भी स्तर के हों, उन्हें नशा मुक्त रहना चाहिए. इसके अलावा यदि वह किसी फील्ड में अपना पहचान बनाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है. फिर भी वे यदि मन में ठान लें कि मैं बिना पैसे के भी कुछ कर सकता हूं और अपनी मंजिल को पा सकता हूं तो राह उसके लिए आसान होगी. इसी का संदेश देते हुए उत्तराखंड के नौजवान युवक महेश नैनवाल ने बिना पैसे के पदयात्रा शुरू की है.

नशामुक्ति का संदेश देने पदयात्रा पर निकला महेश पहुंचा बस्तर.

महेश नैनवाल का सफर: महेश नैनवाल ने कहते हैं कि " वो उत्तराखंड केदारनाथ के जिला रुद्रप्रयाग के निवासी हैं. जनवरी से अपना सफर नागालैंड राज्य से शुरू किया था. गुरुवार को पदयात्रा के 164 दिन पूरे हो चुके हैं. इस सफर के दौरान हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हुए 12 राज्यों का पैदल सफर तय किया है. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, असम, अरुणाचल, सिक्किम, वेस्ट बंगाल, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की यात्रा की है".

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सफर के दौरान दिक्कतें: महेश ने बातचीत करते हुए बताया कि "ठंड के मौसम में अपना सफर शुरू किया था. जैसे ही सफर शुरू किया तो ठंड काफी ज्यादा होने के कारण एक समय ऐसा लगा कि अब अपनी यात्रा खत्म कर लें और वापस घर चले जाएं. लेकिन भारत यात्रा की ठानी थी. ठंड के मौसम को मात देते हुए मैं आगे बढ़ते चला गया. सफर के दौरान पटना में एक वाकया हुआ. कुछ किन्नर मेरे पास पहुंचे और मोबाइल व हेडफोन छीन लिया और उसे तोड़ने की धमकी देते हुए 2000 रुपये की मांग करने लगे. इसके बाद मैंने बिना पैसे के ही अपनी यात्रा के बारे में उन्हें बताया और ऑनलाइन माध्यम से 500 रुपये उन्हें ट्रांसफर किए. जिसके बाद उन्होंने आगे बढ़ने दिया और सामान भी वापस कर दिया".

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