देहरादून: आज के दौर में देश-दुनिया में योग की स्वीकार्यता है. लोग योग से निरोग भी हो रहे हैं. हर कोई अपने-अपने तरीकों से जीवन में योग को उतार रहा है. आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने योग को अपने जीवन में ऐसे आत्मसात किया कि वो हमेशा के लिए ही योग की होकर रह गई. इनका नाम दिलराज प्रीत कौर है, जो पंजाब की रहने वाली हैं. दिलराज प्रीत कौर पिछले 6 सालों से उत्तराखंड में योग की ब्रांड एंबेसडर हैं. आज योग से ही वे देश दुनिया में पहचानी जाती है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज बात उस लड़की की जिसने योग को केवल शारीरिक मजबूती के लिए ही नहीं अपनाया बल्कि पूरे जुनून के साथ योग को अपनी कर्मस्थली भी बनाया. आज जब व्यस्ततम समय में लोग योग के लिए एक घंटा भी नहीं निकालते. तब दिलराज प्रीत कौर 10 घंटों से भी ज्यादा समय तक योग करती हैं. सुनने में शायद अजीब लगे लेकिन इसी पागलपन के कारण दिलराजप्रीत कौर को आज वो मुकाम हासिल हुआ है, जिसके कारण न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश और दुनिया भर के लोग दिलराज प्रीत से योग की बारीकियों को समझने के लिए जुड़ने की कोशिश करते हैं.
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दरअसल, दिलराज प्रीत कौर पंजाब की रहने वाली हैं लेकिन उनकी कर्मस्थली उत्तराखंड है. जहां उन्होंने योग को उस पागलपन तक अपनाया है जिसके कारण वह उत्तराखंड में योग की ब्रांड एंबेसडर हैं. दिलराज प्रीत कौर ने अपनी 12वीं की पढ़ाई पंजाब से की. जिसके बाद उन्होंने उत्तराखंड का रुख किया.
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दिलराज प्रीत कौर के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी जिमनास्टिक करे. पिता के इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने खुद को तैयार करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने योग को अपनाने का फैसला लिया. जिसके लिए दिलराज ने योग की राजधानी हरिद्वार-ऋषिकेश का रुख किया.
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दिलराज ने हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. जहां उन्होंने योग की पढ़ाई शुरू कर दी. उसकी लगन का ही नतीजा था कि दिलराज ने अपनी पढ़ाई के दौरान ही उत्तराखंड की योग ब्रांड एंबेसडर का खिताब पा लिया. तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाए जाने के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में एक ट्रेनर के रूप में नियुक्ति भी देने के आदेश दिए.
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इस तरह पिछले 6 सालों से दिलराज लगातार उत्तराखंड की योग में ब्रांड अंबेसडर बनी हुई हैं. योग में दिलराज की कामयाबी यहीं तक सीमित नहीं है, दिलराज योग में वर्ल्ड चैंपियन भी हैं. हाल ही में नेशनल योग स्पोर्ट्स फेडरेशन की जज भी नियुक्त की गई हैं. दिल राजप्रीत से हर दिन करीब 30 से 40 लोग जुड़ कर योग की बारीकियों को सीख रही हैं.
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दिलराज प्रीत 10 साल पहले योग के लिए अपना घर बार छोड़कर उत्तराखंड आई थीं. तब से वह अपने परिवार से दूर रह रही हैं. दिलराज के पिता की मौत काफी पहले हो गई थी. उनकी मां और भाई ने ही दिलराज को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. दिलराज के भाई पंजाब पुलिस में तैनात हैं. उन्होंने दिलराज को हमेशा सपोर्ट किया है.
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दिलराज प्रीत कौर लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो कुछ करने का माद्दा रखती हैं. दिलराज ने योग को लेकर यह साबित किया है कि योग न केवल खुद के शरीर की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण है बल्कि इस योग के जरिए युवा रोजगार के भी नए अवसर तलाश सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग के प्रति दिलराज के समर्पण और जुनून को ईटीवी भारत सलाम करता है.