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कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार उत्तराखंड को देगी 2650 करोड़, जंगलों को बचाने के लिए होंगे खर्च

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Published : Aug 28, 2019, 7:43 AM IST

कैंपा का पैसा अब प्रदेशों को दिया जाएगा. जिसके तहत 29 अगस्त को उत्तराखंड राज्य को करीब 2650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह राज्य का पैसा था, जो केंद्र सरकार के पास जमा था.

वन मंत्री हरक सिंह रावत

देहरादून: राज्य के जंगलों के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक अच्छी सौगात देने वाली है. जिन पेड़ों को उद्योगों और कारखानों के लिये काटा गया, अब उनके बदले नये पेड़ों को लगाया जाएगा. कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार से राज्य सरकार को 2650 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं.

क्या है कैम्पा योजना?
इस प्रस्तावित कानून का मकसद उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और कमजोर जंगलों को घना और स्वस्थ बनाना है. कंपनियां वन भूमि के इस्तेमाल के बदले मुआवजे के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड में पैसा जमा करती हैं. जिसके लिये Compensatory Afforestation Management and Planning Authority या कैम्पा योजना बनाई गई है.

वन मंत्री हरक सिंह रावत

42 हजार करोड़ रुपये फंड के रूप में हुए जमा
केंद्र सरकार अब इसी तर्ज पर देश के सभी राज्यों को सीएएफ का पैसा आवंटित करेगी. हालांकि जो कंपनी अपने उद्योग लगाने के लिए या किसी भी कार्य को करने के लिए पेड़ काटती है, वो कंपनसेशन के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरस्टेशन फंड में रुपये जमा करती है. जिसके तहत अबतक 42 हजार करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं. जिसके बाद अब यह पैसा केंद्र सरकार सभी राज्यों को बांटने जा रही है. जिसे राज्य सरकार द्वारा वन संरक्षण की योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.

29 अगस्त को मिलेगी धनराशि
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि देश के अंदर पहली बार ऐसा हो रहा है कि कैंपा का पैसा अब प्रदेशों को दिया जाएगा. जिसके तहत 29 अगस्त को उत्तराखंड राज्य को करीब 2650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह राज्य का पैसा था, जो केंद्र सरकार के पास जमा था.

पढे़ं- GMVN ने निजी हाथों में सौंपा होटल द्रोण, रखी ये बड़ी शर्तें

हरक सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से केंद्र सरकार से कैंपा का पैसा राज्य सरकार को देने की मांग की जा रही थी. जिसके बाद अब देश के सभी प्रदेशों को उनके कैम्पा का पैसा मिलने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े अमाउंट से अच्छा खासा ब्याज भी मिलेगा. जिससे प्लांटेशन, फायर सर्विस, मानव वन्य संघर्ष को कंट्रोल करना, हर्बल गार्डन बनाना आदि कार्य किये जाएंगे. साथ ही इसके दम पर राज्य सरकार कर्ज भी ले पाएगी.

देहरादून: राज्य के जंगलों के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक अच्छी सौगात देने वाली है. जिन पेड़ों को उद्योगों और कारखानों के लिये काटा गया, अब उनके बदले नये पेड़ों को लगाया जाएगा. कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार से राज्य सरकार को 2650 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं.

क्या है कैम्पा योजना?
इस प्रस्तावित कानून का मकसद उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और कमजोर जंगलों को घना और स्वस्थ बनाना है. कंपनियां वन भूमि के इस्तेमाल के बदले मुआवजे के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड में पैसा जमा करती हैं. जिसके लिये Compensatory Afforestation Management and Planning Authority या कैम्पा योजना बनाई गई है.

वन मंत्री हरक सिंह रावत

42 हजार करोड़ रुपये फंड के रूप में हुए जमा
केंद्र सरकार अब इसी तर्ज पर देश के सभी राज्यों को सीएएफ का पैसा आवंटित करेगी. हालांकि जो कंपनी अपने उद्योग लगाने के लिए या किसी भी कार्य को करने के लिए पेड़ काटती है, वो कंपनसेशन के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरस्टेशन फंड में रुपये जमा करती है. जिसके तहत अबतक 42 हजार करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं. जिसके बाद अब यह पैसा केंद्र सरकार सभी राज्यों को बांटने जा रही है. जिसे राज्य सरकार द्वारा वन संरक्षण की योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.

29 अगस्त को मिलेगी धनराशि
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि देश के अंदर पहली बार ऐसा हो रहा है कि कैंपा का पैसा अब प्रदेशों को दिया जाएगा. जिसके तहत 29 अगस्त को उत्तराखंड राज्य को करीब 2650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह राज्य का पैसा था, जो केंद्र सरकार के पास जमा था.

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हरक सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से केंद्र सरकार से कैंपा का पैसा राज्य सरकार को देने की मांग की जा रही थी. जिसके बाद अब देश के सभी प्रदेशों को उनके कैम्पा का पैसा मिलने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े अमाउंट से अच्छा खासा ब्याज भी मिलेगा. जिससे प्लांटेशन, फायर सर्विस, मानव वन्य संघर्ष को कंट्रोल करना, हर्बल गार्डन बनाना आदि कार्य किये जाएंगे. साथ ही इसके दम पर राज्य सरकार कर्ज भी ले पाएगी.

Intro:
राज्य सरकारो को केंद्र सरकार एक अच्छी सौगात देने जा रही है उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और कमजोर जंगलों को घना और स्वस्थ बनाने के लिये कैम्पा योजना (Compensatory Afforestation Management and Planning Authority) के तहत केंद्र राज्य सरकार को 2650 करोड़ रुपए देने जा रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने फैसला लिया है की जो फंड कैम्पा योजना के तहत राज्य सरकरो का केंद्र में जमा है वो अब राज्य सरकार के खातों में ही जमा किया जाएगा। 


Body:क्या है कैम्पा योजना......

दरअसल उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और कमजोर जंगलों को घना और स्वास्थ्य बनाने के लिये कंपनियां, वन भूमि के इस्तेमाल के बदले मुआवजे के तौर पर कंपनसेट्ररी अफॉरेस्टेशन फंड में पैसा जमा करती हैं। जिसके लिये कैम्पा योजना(Compensatory Afforestation Management and Planning Authority) बनाई जा रही है। 


42 हज़ार करोड़ रुपये फण्ड रूप में हुए है जमा.....

लिहाजा केंद्र सरकार अब इसी तर्ज पर देश के सभी राज्यो को अब सी०ए०एफ० का पैसा आबंटन करेगी। हालांकि जो कंपनी अपने उद्योग लगाने के लिए या किसी भी कार्य को करने के लिए पेड़ काटते है तो वो कंपनी कंपनसेशन के तौर पर कंपनेसेटरी अफॉरस्टेशन फंड में जमा करते है, जो अब तक 42 हजार करोड़ रुपये हो गया है। और यह पैसा सरकार सभी राज्यो को बांटने जा रही है। जो पैसा, राज्य सरकार वन संरक्षण की योजनाओं पर खर्च करेगी।


....29 अगस्त को सभी राज्यो को मिलेगा कैम्पा का पैसा......

वही ज्यादा जानकारी देते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि देश के अंदर पहली बार ऐसा हो रहा है की कैंपा का पैसा अब प्रदेशों को सौंपा जा रहा है और इसके तहत 29 अगस्त को दिल्ली में आयोजित बैठक में सभी प्रदेशो के साथ ही उत्तराखंड राज्य को करीब 2650 करोड़ रुपया सौंपा जाएगा। और यह राज्य सरकारो का बहुत बड़ा अचीवमेंट है कि यह हमारे सरकार का पैसा था, और भारत सरकार के पास जमा था। लेकिन अब वह पैसा हमारे ही प्रदेश में रहेगा। और अपने हिसाब से प्लानिंग कर सकेंगे की इन पैसों का कहा इस्तेमाल करना है। 


.......ब्याज से पैसे से होगा वन विभाग का काम....

साथ ही वन मंत्री हरक सिंह ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में 19 साल का समय हो गया है, और कई वर्षों से भारत सरकार से लड़ रहे थे कि कैंपा का पैसा राज्य सरकार को मिले, लेकिन अब इस लड़ाई का फायदा यह हुआ है कि देश के सभी प्रदेशों को उनके कैम्पा का पैसा मिलेगा। साथ ही बताया कि इतने बड़े अमाउंट से अच्छा खासा ब्याज मिल जाएगा। और साल भर के व्याज के पैसे से ही प्लांटेशन, फायर सर्विस, मानव संघर्ष को कंट्रोल करना, हर्बल गार्डन बनाना, आदि तमाम काम इस कैम्प के पैसे से कर सकेंगे। साथ ही कहा कि अगर प्रदेश सरकार को कभी पैसे की जरूरत पड़ेगी तो इस पैसे के विरुद्ध प्रदेश सरकार लोन भी ले पाएगी।


Conclusion:
कैम्पा योजना का उत्तराखंड को 2650 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन शायद राज्य सरकार इस पैसे को किसी और ही नजरिये से देख रही है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कैम्पा के लिए मिलने वाले इस पैसे को लेकर जो बात कही है उससे ये लगता है कि सरकार इस पैसे का उपयोग राज्य सरकार पर बढ़ते कर्ज को कम करने में भी करने वाली है। वन मंत्री की माने तो राज्य इतनी बड़ी रकम के ब्याज के पैसे से भी अपने कर्ज के बोझ को कम कर सकती है। और तो और इस पैसे के दम पर सरकार लोन भी ले सकती है।
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