देहरादून: राज्य के जंगलों के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक अच्छी सौगात देने वाली है. जिन पेड़ों को उद्योगों और कारखानों के लिये काटा गया, अब उनके बदले नये पेड़ों को लगाया जाएगा. कैम्पा योजना के तहत केंद्र सरकार से राज्य सरकार को 2650 करोड़ रुपए मिलने जा रहे हैं.
क्या है कैम्पा योजना?
इस प्रस्तावित कानून का मकसद उद्योग और कारखानों के लिये काटे गये जंगलों के बदले नये पेड़ लगाना और कमजोर जंगलों को घना और स्वस्थ बनाना है. कंपनियां वन भूमि के इस्तेमाल के बदले मुआवजे के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड में पैसा जमा करती हैं. जिसके लिये Compensatory Afforestation Management and Planning Authority या कैम्पा योजना बनाई गई है.
42 हजार करोड़ रुपये फंड के रूप में हुए जमा
केंद्र सरकार अब इसी तर्ज पर देश के सभी राज्यों को सीएएफ का पैसा आवंटित करेगी. हालांकि जो कंपनी अपने उद्योग लगाने के लिए या किसी भी कार्य को करने के लिए पेड़ काटती है, वो कंपनसेशन के तौर पर कंपनसेटरी अफॉरस्टेशन फंड में रुपये जमा करती है. जिसके तहत अबतक 42 हजार करोड़ रुपये जमा हो चुके हैं. जिसके बाद अब यह पैसा केंद्र सरकार सभी राज्यों को बांटने जा रही है. जिसे राज्य सरकार द्वारा वन संरक्षण की योजनाओं पर खर्च किया जाएगा.
29 अगस्त को मिलेगी धनराशि
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि देश के अंदर पहली बार ऐसा हो रहा है कि कैंपा का पैसा अब प्रदेशों को दिया जाएगा. जिसके तहत 29 अगस्त को उत्तराखंड राज्य को करीब 2650 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह राज्य का पैसा था, जो केंद्र सरकार के पास जमा था.
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हरक सिंह ने बताया कि पिछले कई सालों से केंद्र सरकार से कैंपा का पैसा राज्य सरकार को देने की मांग की जा रही थी. जिसके बाद अब देश के सभी प्रदेशों को उनके कैम्पा का पैसा मिलने जा रहा है. उन्होंने कहा कि इतने बड़े अमाउंट से अच्छा खासा ब्याज भी मिलेगा. जिससे प्लांटेशन, फायर सर्विस, मानव वन्य संघर्ष को कंट्रोल करना, हर्बल गार्डन बनाना आदि कार्य किये जाएंगे. साथ ही इसके दम पर राज्य सरकार कर्ज भी ले पाएगी.