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विक्रम संचालकों ने फूंका सरकार का पुतला, 10 साल पुराने डीजल विक्रम हटाने का विरोध - देहरादून में सरकार का पुतला फूंका

उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ ने देहरादून में सरकार का पुतला फूंका है. विक्रम और ऑटो चालकों ने 10 साल पुराने डीजल विक्रम और ऑटो हटाए जाने के विरोध में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. वहीं, डोईवाला विक्रम यूनियन ने भी सरकार का पुतला दहन करते हुए गरीबों के पेट में लात मारने की बात कही.

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Published : Dec 5, 2022, 2:44 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 3:30 PM IST

देहरादूनः सरकार द्वारा 10 साल पुराने डीजल विक्रम और ऑटो हटाए जाने के विरोध में उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ से जुड़े यूनियनों के पदाधिकारियों ने आज लैंसडाउन चौक पर प्राधिकरण और सरकार का पुतला दहन करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान परिवहन व्यवसाय से जुड़े ऑटो, विक्रम, सिटी बस संचालकों ने वाहनों को हटाए जाने और ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर (Automated Fitness Center) का जमकर विरोध किया.

उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर डोईवाला के लालतप्पड़ में बनाया गया है, जो कि सरासर गलत है. क्योंकि ऑटो रिक्शा व विक्रम की संचालित परिधि 25 किमी है. यदि निर्धारित दूरी से बाहर जाकर गाड़ी को फिटनेस कराई जाएगी तो उसमें डीजल ज्यादा लगेगा और समय की बर्बादी भी होगी. इस दौरान 25 किमी के बाहर ऑटों के साथ यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनियां मुआवजा नहीं देगी, जिसका खामियाजा परिवहन व्यवसाई को भुगतना पड़ेगा.

विक्रम संचालकों ने फूंका सरकार का पुतला.

महासंघ के जनरल सेक्रेटरी इंद्रजीत कुकरेजा (indrajit kukreja) का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर विधानसभा घेराव भी किया गया. लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है. उन्होंने कहा कि ऑटो रिक्शा और विक्रमों को बाहर करने की 31 मार्च डेडलाइन घोषित की गई है, उसको वापस लिया जाए.

यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि 31 दिसंबर 2023 तक जिन्होंने अपने नए वाहन रिप्लेस किए हैं, उनको बाहर करने के लिए सरकार ने ब्रिटिश फरमान जारी किया है. जिसका सभी घोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है तो अपने आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः दून अस्पताल की पार्किंग है 'बीमार', ट्रैफिक पुलिस के पास गाड़ी उठाने के सिवा नहीं कोई इलाज

डोईवाला विक्रम यूनियन ने फूंका सरकार का पुतलाः डोईवाला में भी सरकार के फरमान के खिलाफ डोईवाला विक्रम यूनियन ने डोईवाला में राज्य सरकार का पुतला फूंका और विरोध जताया. विक्रम यूनियन के संरक्षक मनोज नौटियाल ने कहा कि डीजल वाले 10 साल पुराने वाहनों को बंद करने की तैयारी की जा रही है. एनजीटी का हवाला देकर छोटे वाहन चालकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वाहन चालकों ने बैंकों से कर्ज लेकर गाड़ियां खरीदी है. ऐसे में सरकार छोटे वाहन चालकों के पेट पर लात मारने का काम कर रही है.

हरिद्वार में सड़कों पर उतरे विक्रम संचालकः उत्तराखंड सरकार द्वारा 10 साल पुराने डीजल वाहनों को हटाए जाने के आदेश को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने हरिद्वार में अपना विरोध जताया है. सदस्यों ने हरिद्वार में परिवहन विभाग और उत्तराखंड सरकार का पुतला फूंका गया. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा डीजल वाहन और फिटनेस को लेकर जो नई नीति बनाई गई है उसको लेकर उनका विरोध लगातार जारी रहेगा.

देहरादूनः सरकार द्वारा 10 साल पुराने डीजल विक्रम और ऑटो हटाए जाने के विरोध में उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ से जुड़े यूनियनों के पदाधिकारियों ने आज लैंसडाउन चौक पर प्राधिकरण और सरकार का पुतला दहन करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान परिवहन व्यवसाय से जुड़े ऑटो, विक्रम, सिटी बस संचालकों ने वाहनों को हटाए जाने और ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर (Automated Fitness Center) का जमकर विरोध किया.

उत्तराखंड विक्रम ऑटो रिक्शा परिवहन महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर डोईवाला के लालतप्पड़ में बनाया गया है, जो कि सरासर गलत है. क्योंकि ऑटो रिक्शा व विक्रम की संचालित परिधि 25 किमी है. यदि निर्धारित दूरी से बाहर जाकर गाड़ी को फिटनेस कराई जाएगी तो उसमें डीजल ज्यादा लगेगा और समय की बर्बादी भी होगी. इस दौरान 25 किमी के बाहर ऑटों के साथ यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनियां मुआवजा नहीं देगी, जिसका खामियाजा परिवहन व्यवसाई को भुगतना पड़ेगा.

विक्रम संचालकों ने फूंका सरकार का पुतला.

महासंघ के जनरल सेक्रेटरी इंद्रजीत कुकरेजा (indrajit kukreja) का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर विधानसभा घेराव भी किया गया. लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंगी है. उन्होंने कहा कि ऑटो रिक्शा और विक्रमों को बाहर करने की 31 मार्च डेडलाइन घोषित की गई है, उसको वापस लिया जाए.

यूनियन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि 31 दिसंबर 2023 तक जिन्होंने अपने नए वाहन रिप्लेस किए हैं, उनको बाहर करने के लिए सरकार ने ब्रिटिश फरमान जारी किया है. जिसका सभी घोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को अनसुना करती है तो अपने आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
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डोईवाला विक्रम यूनियन ने फूंका सरकार का पुतलाः डोईवाला में भी सरकार के फरमान के खिलाफ डोईवाला विक्रम यूनियन ने डोईवाला में राज्य सरकार का पुतला फूंका और विरोध जताया. विक्रम यूनियन के संरक्षक मनोज नौटियाल ने कहा कि डीजल वाले 10 साल पुराने वाहनों को बंद करने की तैयारी की जा रही है. एनजीटी का हवाला देकर छोटे वाहन चालकों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वाहन चालकों ने बैंकों से कर्ज लेकर गाड़ियां खरीदी है. ऐसे में सरकार छोटे वाहन चालकों के पेट पर लात मारने का काम कर रही है.

हरिद्वार में सड़कों पर उतरे विक्रम संचालकः उत्तराखंड सरकार द्वारा 10 साल पुराने डीजल वाहनों को हटाए जाने के आदेश को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने हरिद्वार में अपना विरोध जताया है. सदस्यों ने हरिद्वार में परिवहन विभाग और उत्तराखंड सरकार का पुतला फूंका गया. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा डीजल वाहन और फिटनेस को लेकर जो नई नीति बनाई गई है उसको लेकर उनका विरोध लगातार जारी रहेगा.

Last Updated : Dec 5, 2022, 3:30 PM IST
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