देहरादूनः उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मुखर हो गए हैं. आज राज्य आंदोलनकारियों ने 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने आंदोलनकारियों को हाथीबड़कला के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिससे गुस्साए आंदोलनकारियों ने जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि संयुक्त राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले आज आंदोलनकारी बहल चौक के पास जमा हुए. उसके बाद पैदल मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच के लिए आगे बढ़े, लेकिन पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने न्यू कैंट रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों ने नारेबाजी करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया.
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि बीते 10 सालों से अभी तक 10% क्षैतिज आरक्षण पुनर्बहाल नहीं हुआ है. न ही उनके शासनादेश के बाद 2 साल से चिन्हीकरण प्रक्रिया पूरी हो पाई है. उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को लेकर राज्य आंदोलनकारी लगातार लामबंद रहे हैं, लेकिन उसके बावजूद सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.
ये भी पढ़ेंः क्षैतिज आरक्षण मामले पर राज्य आंदोलनकारियों ने खोला मोर्चा, सरकार की मंशा पर उठाये सवाल
उन्होंने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों के जिलाधिकारियों ने जो भी शासनादेश निकले, उनका पूरी तरह से पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने दोनों मसलों पर राज्य आंदोलनकारियों का आश्वासन दिया था, लेकिन प्रदेश के अधिकारी सरकार पर पलीता लगाने का काम कर रहे हैं.
हालांकि, प्रदर्शन के दौरान उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए सचिवालय बुलाया गया. वहीं, आंदोलनकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और जल्द ही उनकी समस्याओं का निराकरण किए जाने का आग्रह किया.