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घाटे से उबर नहीं पा रहा उत्तराखंड रोडवेज, अधिकारी बांट रहे  फ्री पास - उत्तराखंड रोडवेज अधिकारियों की मनमानी

उप महाप्रबंधक (संचालन) की ओर से सीएम कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी को बस यात्रा के लिए एक महीने का फ्री पास जारी किया गया है. जबकि उत्तराखंड परिवहन पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है.

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फ्री बस पास बांट रहे हैं अधिकारी
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Published : Jan 17, 2021, 2:14 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम हमेशा चर्चाओं में बना रहता है, चाहे परिवहन निगम के भीतर घोटाले का मामला हो या फिर कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का मामला हो. एक ओर जहां उत्तराखंड रोडवेज आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड रोडवेज खुद नियमों को ताक पर रखकर लोगों को फ्री में पास जारी कर रहा है. हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें उप महाप्रबंधक (संचालन) की ओर से सीएम कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी को बस यात्रा के लिए एक महीने का फ्री पास जारी किया गया है.

नियमानुसार, रोडवेज मुख्यालय को बसों में सफर करने के लिए फ्री पास जारी करने का अधिकार नहीं है. हालांकि, रोडवेज कर्मचारियों के लिए बसों में फ्री यात्रा का प्रावधान पहले से ही दिया जाता रहा है. इसके साथ ही जब राज्य सरकार कोई नई योजना या फिर किसी त्योहार पर कोई व्यवस्था लागू करती है, उस दौरान ही परिवहन निगम उस योजना के दायरे में आने वाले लोगों को फ्री यात्रा कराता है. यही नहीं, मुख्यमंत्री आवास से यदि किसी विशेष व्यक्ति के लिए पास जारी करने का आदेश होता है, तभी उसके लिए पास जारी किया जा सकता है. इन सभी फ्री यात्रा की व्यवस्थाओं पर शासन, परिवहन निगम को भुगतान करता है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड पुलिस को शिकायतें दर्ज करने पर देश में मिला चौथा स्थान

हालांकि, परिवहन निगम में यह कोई पहला मामला नहीं है, जब परिवहन मुख्यालय से किसी कर्मचारी के लिए फ्री पास जारी किया गया हो. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जब परिवहन मुख्यालय से अधिकारियों के खास या फिर किसी राजनेता के खास लोगों को पास जारी किया गया हैं. जिसके चलते परिवहन निगम पर इसका बड़ा असर पड़ रहा है. क्योंकि जब ऐसे पास जारी होते हैं तो उसका भुगतान परिवहन निगम को ना शासन करता है और ना ही कहीं और से हो पाता है.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन पदाधिकारियों अनुसार जब बस में कोई बिना टिकट यात्री पकड़ा जाता है तो ऐसे में परिचालक के खिलाफ ना सिर्फ कार्रवाई की जाती है, बल्कि फाइन भी लगाया जाता है, लेकिन जब खुद अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर लोगों को फ्री में पास जारी करते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बताया कि उत्तराखंड रोडवेज में कुछ विशेष श्रेणी के लोगों को फ्री में यात्रा करने की अनुमति है, लेकिन परिवहन निगम से किसी को मुफ्त में पास जारी करने का फिलहाल कोई नियम नहीं है. साथ ही बताया कि एक महीने का पास जारी करने का मामला सामने आया है, अगर यह नियम विरुद्ध होगा तो कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम हमेशा चर्चाओं में बना रहता है, चाहे परिवहन निगम के भीतर घोटाले का मामला हो या फिर कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने का मामला हो. एक ओर जहां उत्तराखंड रोडवेज आर्थिक संकट से जूझ रहा है. वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड रोडवेज खुद नियमों को ताक पर रखकर लोगों को फ्री में पास जारी कर रहा है. हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें उप महाप्रबंधक (संचालन) की ओर से सीएम कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी को बस यात्रा के लिए एक महीने का फ्री पास जारी किया गया है.

नियमानुसार, रोडवेज मुख्यालय को बसों में सफर करने के लिए फ्री पास जारी करने का अधिकार नहीं है. हालांकि, रोडवेज कर्मचारियों के लिए बसों में फ्री यात्रा का प्रावधान पहले से ही दिया जाता रहा है. इसके साथ ही जब राज्य सरकार कोई नई योजना या फिर किसी त्योहार पर कोई व्यवस्था लागू करती है, उस दौरान ही परिवहन निगम उस योजना के दायरे में आने वाले लोगों को फ्री यात्रा कराता है. यही नहीं, मुख्यमंत्री आवास से यदि किसी विशेष व्यक्ति के लिए पास जारी करने का आदेश होता है, तभी उसके लिए पास जारी किया जा सकता है. इन सभी फ्री यात्रा की व्यवस्थाओं पर शासन, परिवहन निगम को भुगतान करता है.

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हालांकि, परिवहन निगम में यह कोई पहला मामला नहीं है, जब परिवहन मुख्यालय से किसी कर्मचारी के लिए फ्री पास जारी किया गया हो. इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जब परिवहन मुख्यालय से अधिकारियों के खास या फिर किसी राजनेता के खास लोगों को पास जारी किया गया हैं. जिसके चलते परिवहन निगम पर इसका बड़ा असर पड़ रहा है. क्योंकि जब ऐसे पास जारी होते हैं तो उसका भुगतान परिवहन निगम को ना शासन करता है और ना ही कहीं और से हो पाता है.

रोडवेज कर्मचारी यूनियन पदाधिकारियों अनुसार जब बस में कोई बिना टिकट यात्री पकड़ा जाता है तो ऐसे में परिचालक के खिलाफ ना सिर्फ कार्रवाई की जाती है, बल्कि फाइन भी लगाया जाता है, लेकिन जब खुद अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर लोगों को फ्री में पास जारी करते हैं तो उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.

महाप्रबंधक (संचालन) दीपक जैन ने बताया कि उत्तराखंड रोडवेज में कुछ विशेष श्रेणी के लोगों को फ्री में यात्रा करने की अनुमति है, लेकिन परिवहन निगम से किसी को मुफ्त में पास जारी करने का फिलहाल कोई नियम नहीं है. साथ ही बताया कि एक महीने का पास जारी करने का मामला सामने आया है, अगर यह नियम विरुद्ध होगा तो कार्रवाई की जाएगी.

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