देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी की सड़कों पर आज जो कुछ भी हुआ, वह शायद ही पहले कभी हुआ होगा. शांतिपूर्वक तरीके से गांधी पार्क में अपना प्रदर्शन कर रहे युवाओं को कल देर रात पुलिस ने जबरन उठा दिया था. उसके बाद आक्रोश की ज्वाला इतनी बढ़ गई कि पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ बेरोजगार छात्र सड़कों पर आ गए. सुबह हालात सामान्य थे, पुलिस प्रशासन और सरकार के नुमाइंदे लगातार छात्रों से संपर्क साधे हुए थे. लेकिन एकाएक देहरादून की मुख्य सड़क घंटाघर और राजपुर रोड पर खड़े पुलिस के वाहनों पर जैसे ही छात्रों ने पत्थरबाजी शुरू की, वैसे ही राजधानी की सड़कों की सूरत बदलने लगी.
इस प्रदर्शन से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्टेटमेंट सामने आया था. जिसमें वह छात्रों से धैर्य बनाने की गुजारिश कर रहे थे. सीएम छात्रों को विश्वास दिला रहे थे कि किसी भी बेरोजगार युवा के साथ अन्याय नहीं होगा, भर्ती घोटाला और पेपर लीक मामलों को लेकर आक्रोशित छात्रों ने रौद्र रूप धारण कर लिया. उन्होंने पुलिस की और सरकार की कार्रवाई का जवाब पत्थरबाजी से दिया. लेकिन सबसे बड़ी बात इस पत्थरबाजी के बाद जो सामने आई, वह थी सरकार को बचाने की. जिसको लेकर छात्रों को समझाने के लिए सरकार के तमाम मंत्रियों ने एक जैसी स्क्रिप्ट पढ़ी.
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मानों जैसे सभी मंत्रियों को एक पत्र में लिखकर अपील करने के लिए कहा गया हो. सरकार के सभी मंत्रियों और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी उसी पन्ने को पढ़ कर छात्रों को संबोधित किया. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, रेखा आर्य, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट हो अन्य बीजेपी नेता, सभी ने पूर्व की कांग्रेस सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. मंत्रियों और बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर विश्वास जताया और छात्रों से अपील की सीएम धामी भ्रष्टाचार रूपी इस बीज को खत्म करने के लिए वह कड़े प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में छात्रों को इस तरह पत्थरबाजी नहीं करनी चाहिए.
अब सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के सिर ठिकरा फोड़ दिया तो विपक्ष का भी जवाब आया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा राज्य में हालात बद से बदतर बने हुए हैं. छात्रों का गुस्सा अगर आज सड़कों पर फूटा है तो सरकार को यह समझना होगा कि इन छात्रों के ऊपर क्या बीत रही है? बीजेपी लाख कांग्रेस पर आरोप लगा ले कि यह पत्थरबाजी कांग्रेस के कहने पर या कांग्रेस के लोगों ने की है, लेकिन हकीकत यही है कि आज उत्तराखंड का बेरोजगार युवा अपने आपको ठगा महसूस कर रहा है. मौजूदा सरकार सिर्फ गाल बजाने के अलावा और कोई दूसरा काम नहीं कर रही है.
वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सरकार को घेरा है. हरीश रावत ने कहा बड़ी दुख की बात है. जो बच्चे एक ऐसा तंत्र और ऐसी व्यवस्था मांग रहे हैं कि वो अपनी योग्यता का स्वच्छ निर्धारण करवा सकें. एक निष्पक्ष परीक्षा तंत्र मांग रहे हैं, उन पर निर्मम लाठीचार्ज किया जा रहा है.