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मुख्यमंत्री के दिल्ली है जरूरी बयान पर कांग्रेस ने कसा तंज, कहा- पहले घर संभालें फिर करें दिल्ली की बात - congress party of uttarakhand

प्रदेश सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए बड़े चेहरों को उतारने जा रही है. जिनमें से सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम है. जो किसी भी वक्त दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतर सकते हैं.

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दिल्ली विधानसभा चुनाव
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Published : Jan 17, 2020, 10:14 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 11:00 PM IST

देहरादून: दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपनी राजनीति की सियासी रणनीति बिछानी शुरू कर दी है. क्योंकि, लगभग 20 से 25 लाख प्रवासी उत्तराखंडी दिल्ली में रहते हैं. दिल्ली के कुछ इलाके में तो उत्तराखंड के ही लोग विधायकी के लिए निर्णायक भूमिका निभाते हैं. वहीं, कांग्रेस का भी एक दल दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में उतरने जा रहा है, जिसकी लिस्ट जल्दी सबके सामने होगी.

मुख्यमंत्री के बयान पर कांग्रेस ने कसा तंज.

दिल्ली को साधने के लिए उत्तराखंड एक अहम कड़ी साबित हो सकता है. जल्द ही प्रदेश सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए बड़े चेहरों को उतारने जा रही है. जिनमें से सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम है. जो किसी भी वक्त दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतर सकते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली बेहद जरूरी है. दिल्ली देश की ही नहीं बल्कि देश के चाणक्य की भी राजधानी है तो ऐसे में दिल्ली को जितना जरूरी है और भाजपा इसमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: जड़ी-बूटी प्रदेश बनने का टूटा सपना, 10 सालों में नहीं हुई एक भी बोर्ड बैठक

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर तंज कसा है और कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले उत्तराखंड संभालें, फिर दिल्ली की बात करें. कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि निश्चित तौर से दिल्ली जरूरी तो है लेकिन जिस तरह से उत्तराखंड में भाजपा सरकार की कुनीतियों के चलते यहां के लोग त्रस्त हैं तो दिल्ली में मौजूद उत्तराखंडियों को भी इसकी पूरी जानकारी है.

देहरादून: दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपनी राजनीति की सियासी रणनीति बिछानी शुरू कर दी है. क्योंकि, लगभग 20 से 25 लाख प्रवासी उत्तराखंडी दिल्ली में रहते हैं. दिल्ली के कुछ इलाके में तो उत्तराखंड के ही लोग विधायकी के लिए निर्णायक भूमिका निभाते हैं. वहीं, कांग्रेस का भी एक दल दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में उतरने जा रहा है, जिसकी लिस्ट जल्दी सबके सामने होगी.

मुख्यमंत्री के बयान पर कांग्रेस ने कसा तंज.

दिल्ली को साधने के लिए उत्तराखंड एक अहम कड़ी साबित हो सकता है. जल्द ही प्रदेश सरकार दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए बड़े चेहरों को उतारने जा रही है. जिनमें से सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम है. जो किसी भी वक्त दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतर सकते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दिल्ली बेहद जरूरी है. दिल्ली देश की ही नहीं बल्कि देश के चाणक्य की भी राजधानी है तो ऐसे में दिल्ली को जितना जरूरी है और भाजपा इसमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: जड़ी-बूटी प्रदेश बनने का टूटा सपना, 10 सालों में नहीं हुई एक भी बोर्ड बैठक

वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर तंज कसा है और कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले उत्तराखंड संभालें, फिर दिल्ली की बात करें. कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि निश्चित तौर से दिल्ली जरूरी तो है लेकिन जिस तरह से उत्तराखंड में भाजपा सरकार की कुनीतियों के चलते यहां के लोग त्रस्त हैं तो दिल्ली में मौजूद उत्तराखंडियों को भी इसकी पूरी जानकारी है.

Intro:एंकर- भले ही उत्तराखंड में मौसम सर्द है लेकिन दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव की सियासी गर्मी का असर उत्तराखंड में होना शुरू हो गया है। दिल्ली में मौजूद लाखों प्रवासी उत्तराखंडीयों को रिझाने के लिए एक तरफ जहां बीजेपी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को दिल्ली में प्रचार में उतारने के लिए मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस भी तैयारी में जुटी है साथ ही कांग्रेस ने त्रिवेन्द्र रावत पर तंज कसा है कि पहले उत्तराखंड संभाल ले फिर दिल्ली की सोचे।


Body:वीओ- दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर दोनों राष्ट्रीय दलों ने अपनी राजनीति की सियासी रणनीति बिछानी शुरू कर दी है। अगर हम बात करें दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड मूल के लोगों की तो तकरीबन 20 से 25 लाख प्रवासी उत्तराखंडी दिल्ली में रहते हैं और दिल्ली के कुछ इलाके तो ऐसे हैं कि जहां ज्यादारत उत्तराखंड के ही लोग विधायकी के लिए निर्णायक भूमिका निभातें हैं। ऐसे में दिल्ली को साधने के लिए उत्तराखंड एक अहम कड़ी साबित हो सकता है। यही कारण है कि जल्द ही उत्तराखंड भाजपा दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए बड़े चेहरों को उतारने जा रही है जिनमें से सबसे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का नाम है जो किसी भी वक्त दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतर सकते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि दिल्ली बेहद जरूरी है उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की ही नहीं बल्कि देश के चाणक्य की भी राजधानी है तो ऐसे में दिल्ली को जितना जरूरी है और भाजपा इसमें कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।

बाइट- त्रिवेन्द्र रावत, मुख्यमंत्री

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर तंज कसा है और कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत पहले उत्तराखंड संभाल ले फिर दिल्ली की बात करें। कांग्रेस की वरिष्ठ प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने बताया कि निश्चित तौर से दिल्ली जरूरी तो है लेकिन जिस तरह से उत्तराखंड में भाजपा सरकार की कु नीतियों के चलते यहां के लोग त्रस्त हैं तो दिल्ली में मौजूद उत्तराखंडियों को भी इसकी पूरी जानकारी है। साथ ही उन्होंने बताया कि जल्द ही कांग्रेस का भी एक बड़ा दल दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार में उतरने जा रहा है, जिसकी लिस्ट जल्दी सबके सामने होगी।

बाइट- गरिमा दसोनी, प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:
Last Updated : Jan 17, 2020, 11:00 PM IST
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