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स्वास्थ्य उपकरणों की कालाबाजारी पर उत्तराखंड पुलिस का एक्शन, 45 को भेजा जेल - medical black marketing in Corona period

कोरोना काल में मेडिकल कालाबाजारी पर पुलिस ने काफी हद तक रोक लगा दी है. पुलिस ने कालाबाजारी के मामले में अब तक 31 मुकदमे दर्ज किये हैं. जबकि इसमें 45 लोगों को जेल भेजा गया है.

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मेडिकल कालाबाजारी पर पुलिस का एक्शन
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Published : May 24, 2021, 5:41 PM IST

Updated : May 24, 2021, 6:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना संकटकाल में पिछले दिनों चारों तरफ स्वास्थ्य उपचार से संबंधित सुविधाओं पर कालाबाजारी चल रही थी, वह अब पुलिस के डंडे से काफी हद तक कंट्रोल में आती दिख रही है. इसी का नतीजा है कि अस्पतालों में अब ऑक्सीजन के बेड्स से लेकर आईसीयू खाली होते नजर आ रहे हैं. वहीं बाजार में दवाइयां, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत भी कम होती दिख रही है. हालांकि अब भी कई अस्पतालों की इस महामारी में मोटी मुनाफाखोरी की करतूत जारी है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाये हुए हैं.

कालाबाजारी पर उत्तराखंड पुलिस का एक्शन.

कालाबाजारी में 31 मुकदमे, 45 लोगों को जेल

स्वास्थ्य सुविधाओं में अलग-अलग तरह की कालाबाजारी को लेकर पुलिस अभी तक राज्य भर में 31 मुकदमे दर्ज कर चुकी हैं, जबकि इस मामले में वर्तमान समय तक 45 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

इंफोर्समेंट से कालाबाजारी में आई कमी

उत्तराखंड में स्वास्थ्य कालाबाजारी में आयी कमी को लेकर पुलिस डीजीपी अशोक कुमार का भी मानना है कि कोरोना की चेन टूटने और साथ ही पुलिस के इंफोर्समेंट से इस अपराध में कमी दर्ज की गई है. हालांकि ओवररेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस के पास कोई ऐसे अधिकार नहीं है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ही कार्यवाही के लिए अधिकृत हैं, लेकिन उसके बावजूद दवाइयां, इंजेक्शन, ऑक्सीजन जैसे अन्य स्वास्थ्य सप्लाई कालाबाजारी को रोकने में प्रदेश स्तर पर पुलिस टीमें कार्रवाई कर रही हैं. इसी का नतीजा हैं 31 मुकदमों में 45 लोगों को जेल भेजा जा चुका है.

राज्य के 160 थानों से 'मिशन हौसला'

उत्तराखंड पुलिस कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए 'मिशन हौसला' अभियान चला रही है. इससे इस संकटकाल से उभरने में काफी मदद मिल रही है. यह अभियान राज्य के सभी 160 थाना स्तर पर युद्ध स्तर में जनसहयोग से चलाया जा रहा हैं. हर थाने को ही नोडल बना दिया गया है. ऐसे राज्य 112 हेल्पलाइन नंबर एवं अन्य कोविड-19 रूम से सहायता मांगने वाले लोगों की सूचना थाने को दी जा रही है. वहीं थाने से ही जन सहयोग की मदद से जरूरतमंदों को हर तरह की मदद सहायता के रूप में पहुंचाई जा रही है.

1 मई 2021 से 24 मई 2021 तक 2293 लोगों को ऑक्सीजन की मदद पहुंचा गई है, जबकि 706 कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराएं गए हैं. वहीं गंभीर रूप से जिंदगी से जूझ रहे 196 लोगों को पुलिस कर्मियों द्वारा प्लाज्मा डोनेशन दिया जा चुका है. 14615 लोगों को अब तक प्रदेश भर में पुलिस द्वारा दवाइयां पहुंचाई जा चुकी हैं, जबकि 551 मरीजों को आपातकाल समय में एंबुलेंस उपलब्ध करा अस्पताल भर्ती कराया गया है.

पुलिस के मिशन हौसला के तहत अब तक राज्य भर में लाखों लोगों तक राशन, खाद्य सामग्री फूड वितरण किया जा चुका है. वहीं 33595 लोगों तक दूध सहित अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है. वहीं, कोरोना पॉजिटिव होने के चलते 653 मृतकों का दाह संस्कार भी पुलिस ने किया है.

कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन में भी पुलिस की कार्रवाई रिकॉर्ड स्तर पर

दूसरी तरफ राज्य में कोरोना की जानलेवा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य गाइडलाइन इंफोर्समेंट को लेकर भी पुलिस की सख्ती बरकरार है. अभी तक दूसरी लहर में मास्क ना पहनने के चलते प्रदेश भर में 123923 लोगों का चालान किया जा चुका है, जबकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन करने के आरोप में 209663 चालान काट जुर्माना वसूली की कार्रवाई की जा चुकी है. ऐसे ने अभी तक कुल मिलाकर 343356 लोगों पर स्वास्थ्य उल्लंघन के चलते कार्रवाई कर 5 करोड़ 38 लाख रुपए से अधिक जुर्माना वसूला जा चुका है. इस बीच 1328841 लोगों को मास्क वितरित भी किए गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना संकटकाल में पिछले दिनों चारों तरफ स्वास्थ्य उपचार से संबंधित सुविधाओं पर कालाबाजारी चल रही थी, वह अब पुलिस के डंडे से काफी हद तक कंट्रोल में आती दिख रही है. इसी का नतीजा है कि अस्पतालों में अब ऑक्सीजन के बेड्स से लेकर आईसीयू खाली होते नजर आ रहे हैं. वहीं बाजार में दवाइयां, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की किल्लत भी कम होती दिख रही है. हालांकि अब भी कई अस्पतालों की इस महामारी में मोटी मुनाफाखोरी की करतूत जारी है. जिस पर स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर बनाये हुए हैं.

कालाबाजारी पर उत्तराखंड पुलिस का एक्शन.

कालाबाजारी में 31 मुकदमे, 45 लोगों को जेल

स्वास्थ्य सुविधाओं में अलग-अलग तरह की कालाबाजारी को लेकर पुलिस अभी तक राज्य भर में 31 मुकदमे दर्ज कर चुकी हैं, जबकि इस मामले में वर्तमान समय तक 45 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

इंफोर्समेंट से कालाबाजारी में आई कमी

उत्तराखंड में स्वास्थ्य कालाबाजारी में आयी कमी को लेकर पुलिस डीजीपी अशोक कुमार का भी मानना है कि कोरोना की चेन टूटने और साथ ही पुलिस के इंफोर्समेंट से इस अपराध में कमी दर्ज की गई है. हालांकि ओवररेटिंग कर फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस के पास कोई ऐसे अधिकार नहीं है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ही कार्यवाही के लिए अधिकृत हैं, लेकिन उसके बावजूद दवाइयां, इंजेक्शन, ऑक्सीजन जैसे अन्य स्वास्थ्य सप्लाई कालाबाजारी को रोकने में प्रदेश स्तर पर पुलिस टीमें कार्रवाई कर रही हैं. इसी का नतीजा हैं 31 मुकदमों में 45 लोगों को जेल भेजा जा चुका है.

राज्य के 160 थानों से 'मिशन हौसला'

उत्तराखंड पुलिस कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए 'मिशन हौसला' अभियान चला रही है. इससे इस संकटकाल से उभरने में काफी मदद मिल रही है. यह अभियान राज्य के सभी 160 थाना स्तर पर युद्ध स्तर में जनसहयोग से चलाया जा रहा हैं. हर थाने को ही नोडल बना दिया गया है. ऐसे राज्य 112 हेल्पलाइन नंबर एवं अन्य कोविड-19 रूम से सहायता मांगने वाले लोगों की सूचना थाने को दी जा रही है. वहीं थाने से ही जन सहयोग की मदद से जरूरतमंदों को हर तरह की मदद सहायता के रूप में पहुंचाई जा रही है.

1 मई 2021 से 24 मई 2021 तक 2293 लोगों को ऑक्सीजन की मदद पहुंचा गई है, जबकि 706 कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन बेड उपलब्ध कराएं गए हैं. वहीं गंभीर रूप से जिंदगी से जूझ रहे 196 लोगों को पुलिस कर्मियों द्वारा प्लाज्मा डोनेशन दिया जा चुका है. 14615 लोगों को अब तक प्रदेश भर में पुलिस द्वारा दवाइयां पहुंचाई जा चुकी हैं, जबकि 551 मरीजों को आपातकाल समय में एंबुलेंस उपलब्ध करा अस्पताल भर्ती कराया गया है.

पुलिस के मिशन हौसला के तहत अब तक राज्य भर में लाखों लोगों तक राशन, खाद्य सामग्री फूड वितरण किया जा चुका है. वहीं 33595 लोगों तक दूध सहित अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है. वहीं, कोरोना पॉजिटिव होने के चलते 653 मृतकों का दाह संस्कार भी पुलिस ने किया है.

कोरोना गाइडलाइन उल्लंघन में भी पुलिस की कार्रवाई रिकॉर्ड स्तर पर

दूसरी तरफ राज्य में कोरोना की जानलेवा हालात को देखते हुए स्वास्थ्य गाइडलाइन इंफोर्समेंट को लेकर भी पुलिस की सख्ती बरकरार है. अभी तक दूसरी लहर में मास्क ना पहनने के चलते प्रदेश भर में 123923 लोगों का चालान किया जा चुका है, जबकि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग उल्लंघन करने के आरोप में 209663 चालान काट जुर्माना वसूली की कार्रवाई की जा चुकी है. ऐसे ने अभी तक कुल मिलाकर 343356 लोगों पर स्वास्थ्य उल्लंघन के चलते कार्रवाई कर 5 करोड़ 38 लाख रुपए से अधिक जुर्माना वसूला जा चुका है. इस बीच 1328841 लोगों को मास्क वितरित भी किए गए हैं.

Last Updated : May 24, 2021, 6:45 PM IST
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